जॉर्जिया
मैंने अपनी आँखों से देखा कि बाइबल क्या कहती है!
पेपो देवीद्ज़े
जन्म 1976
बपतिस्मा 1993
परिचय उसे बचपन से जॉर्जियाई ऑर्थोडॉक्स चर्च की शिक्षाएँ दी गयी थीं और वह उसकी परंपराओं को सख्ती से मानती थी। बाइबल की सच्चाई सीखने के बाद उसने अपने पति के साथ बेथेल में सेवा की। आज वे दोनों खास पायनियर हैं।
मैंने साक्षियों के बारे में पहली बार तब सुना था जब मैं कुतैसी शहर में कॉलेज में पढ़ती थी। एक पड़ोसी ने मुझे बताया कि साक्षी अपनी उपासना में तसवीरों का इस्तेमाल नहीं करते और यीशु को सर्वशक्तिमान परमेश्वर नहीं मानते। यह उन शिक्षाओं के खिलाफ था जिन्हें मैं एक ऑर्थोडॉक्स ईसाई के नाते बहुत मानती थी।
सन् 1992 की गरमियों में जब मैं अपने शहर तसागेरी लौटी तो मैंने देखा कि वहाँ भी साक्षी ज़ोर-शोर से प्रचार कर रहे हैं। मेरी माँ ने साक्षियों के बारे में कई अच्छी बातें सुनी थीं। मैं अब भी साक्षियों को पसंद नहीं करती थी, इसलिए माँ ने मुझसे कहा, “खुद जाकर देख कि वे क्या सिखाते हैं।”
दो पायनियर भाई, पावले और पाआता हमारे इलाके में रहनेवाले एक परिवार के पास आया करते थे। कई पड़ोसी जाकर उनकी बात सुनते और उनसे सवाल पूछते थे। मैंने सोचा कि मैं भी वहाँ जाऊँगी। जब भी मैं कोई सवाल पूछती तो भाई बाइबल की आयत खोलकर मुझसे कहते कि मैं उसे पढ़ूँ। इसका मुझ पर गहरा असर पड़ा क्योंकि मैं अपनी आँखों से देख रही थी कि बाइबल क्या कहती है!
मैं जल्द ही एक समूह के साथ बैठने लगी जिसे भाई बाइबल सिखाते थे। अगले साल की गरमियों में हममें से दस लोगों ने बपतिस्मा लिया। बाद में माँ भी यहोवा की एक साक्षी बन गयी।
आज गुज़रे वक्त को याद करके मुझे खुशी होती है कि भाई मेरे सारे सवालों के जवाब देने के लिए बाइबल खोलते थे और मुझे पढ़ने के लिए कहते थे। इस तरह मेरी उलझन दूर हुई और मैं समझ पायी कि मैं जिन शिक्षाओं को मानती हूँ वे गलत हैं। मैं हमेशा याद रखती हूँ कि इस तरह बाइबल खोलकर दिखाने से मुझे कितनी मदद मिली थी। इसलिए मैं भी दूसरों को सिखाते वक्त यही तरीका अपनाती हूँ ताकि वे सच्चाई समझ सकें!