15 अरे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो,+ धिक्कार है तुम पर! क्योंकि तुम एक आदमी को अपने पंथ में लाने के लिए पूरी धरती पर फिरते हो और समुंदर तक पार कर जाते हो। और जब वह तुम्हारे पंथ में आ जाता है, तो तुम उसे खुद से दुगना गेहन्ना के लायक बना देते हो।
15 अरे कपटी शास्त्रियो और फरीसियो,+ धिक्कार है तुम पर! क्योंकि तुम एक आदमी को अपने पंथ में लाने के लिए* पूरी धरती पर फिरते हो और समुंदर तक पार कर जाते हो। और जब वह तुम्हारे पंथ में आ जाता है, तो तुम उसे खुद से दुगना गेहन्ना* के लायक बना देते हो।