47 और अगर तेरी आँख तुझसे पाप करवाती है* तो उसे निकालकर दूर फेंक दे।+ अच्छा यही होगा कि तू एक आँख के बिना परमेश्वर के राज में दाखिल हो, बजाय इसके कि तुझे दोनों आँखों समेत गेहन्ना में फेंक दिया जाए,+
47 और अगर तेरी आँख तुझसे पाप करवाती है* तो उसे निकालकर दूर फेंक दे।+ अच्छा यही होगा कि तू एक आँख के बिना परमेश्वर के राज में दाखिल हो, बजाय इसके कि तुझे दोनों आँखों समेत गेहन्ना* में फेंक दिया जाए,+