21 यह सुनकर शास्त्री और फरीसी सोचने लगे, “यह कौन है जो परमेश्वर के बारे में निंदा की बातें कर रहा है? परमेश्वर को छोड़ और कौन पापों को माफ कर सकता है?”+
21 यह सुनकर शास्त्री और फरीसी सोचने लगे, “यह कौन है जो परमेश्वर के बारे में निंदा की बातें कर रहा है? परमेश्वर को छोड़ और कौन पापों को माफ कर सकता है?”+