27 इतना ही नहीं, यशायाह इसराएल के बारे में पुकारकर कहता है, “इसराएल के बेटों की गिनती चाहे समुंदर की बालू के किनकों जितनी अनगिनत क्यों न हो, मगर सिर्फ मुट्ठी-भर लोग* ही उद्धार पाएँगे।+
27 इतना ही नहीं, यशायाह इसराएल के बारे में पुकारकर कहता है, “इसराएल के बेटों की गिनती चाहे समुंदर की बालू के किनकों जितनी अनगिनत क्यों न हो, मगर सिर्फ मुट्ठी-भर लोग* ही उद्धार पाएँगे।+