3 यह बात ज़ाहिर है कि तुम मसीह की चिट्ठी हो जिसे हम सेवकों+ ने स्याही से नहीं, बल्कि जीवित परमेश्वर की पवित्र शक्ति से लिखा है और इसे पत्थर की पटियाओं+ पर नहीं बल्कि दिलों पर लिखा है।+
3 यह बात ज़ाहिर है कि तुम मसीह की चिट्ठी हो जिसे हम सेवकों+ ने स्याही से नहीं, बल्कि जीवित परमेश्वर की पवित्र शक्ति से लिखा है और इसे पत्थर की पटियाओं+ पर नहीं बल्कि दिलों पर लिखा है।+