18 सेवकों को अपने मालिकों के अधीन रहना चाहिए और जैसा डर मानना सही है,+ उनका वैसा डर मानना चाहिए। उन्हें न सिर्फ भले और लिहाज़ करनेवाले मालिकों के अधीन रहना चाहिए, बल्कि उनके भी जिन्हें खुश करना मुश्किल है।
18 सेवकों को अपने मालिकों के अधीन रहना चाहिए और जैसा डर मानना सही है,+ उनका वैसा डर मानना चाहिए। उन्हें न सिर्फ भले और लिहाज़ करनेवाले मालिकों के अधीन रहना चाहिए, बल्कि उनके भी जिन्हें खुश करना मुश्किल है।