28 मगर मैं तुमसे कहता हूँ कि हर वह आदमी जो किसी औरत को ऐसी नज़र से देखता रहता है+ जिससे उसके मन में उसके लिए वासना पैदा हो, वह अपने दिल में उस औरत के साथ व्यभिचार कर चुका है।+
28 मगर मैं तुमसे कहता हूँ कि हर वह आदमी जो किसी स्त्री को ऐसी नज़र से देखता रहता है जिससे उसके मन में स्त्री के लिए वासना पैदा हो, वह अपने दिल में उस स्त्री के साथ व्यभिचार* कर चुका।