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याकूब 4:5नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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5 या क्या तुम्हें लगता है कि शास्त्रवचन बिना वजह ही कहता है: “ईर्ष्या करने की जो फितरत हमारे अंदर समायी हुई है, वह लगातार अलग-अलग बातों की चाह करती रहती है”?
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