17 जब मैंने सच्चे परमेश्वर के सब कामों पर गौर किया, तो मैं जान गया कि इंसान दुनिया में होनेवाले कामों को पूरी तरह नहीं समझ सकता।+ वह चाहे जितनी भी कोशिश करे, इन्हें नहीं जान सकता। वह अपने आपको कितना ही बुद्धिमान बताए, वह इन्हें सही मायने में नहीं समझ सकता।+