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मत्ती 2:18नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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18 “रामा में रोने और बड़े विलाप की आवाज़ सुनायी दी; यह राहेल है जो अपने बच्चों के लिए रो रही है और किसी भी तरह का दिलासा नहीं चाहती, क्योंकि वे अब नहीं रहे।”
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दुनिया के लिए सच्ची रौशनीयीशु की ज़िंदगी—एक अनोखी दास्तान—वीडियो गाइड
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हेरोदेस बेतलेहेम और उसके आस-पास के सभी ज़िलों में छोटे लड़कों को मरवा डालता है (यीशु की ज़िंदगी 1 57:35–59:32)
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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 2पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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रामाह: यरूशलेम के उत्तर में बिन्यामीन के इलाके का एक शहर। ऐसा मालूम होता है कि जब ईसा पूर्व 607 में यरूशलेम का नाश हुआ तब यहूदियों को बंदी बनाकर बैबिलोन ले जाने से पहले रामाह में इकट्ठा किया गया था। कुछ विद्वानों का कहना है कि बंदियों को इकट्ठा करने की बात (शायद उनमें से कुछ लोगों का कत्ल भी किया गया था) यिर्म 31:15 में दर्ज़ है और इसी आयत की बात यहाँ लिखी गयी है।
राहेल: यह इसराएल की सभी माँओं को दर्शाती है। यिर्मयाह की भविष्यवाणी में बताया गया है कि राहेल, जिसकी कब्र बेतलेहेम के पास थी, लाक्षणिक मायने में अपने बेटों के लिए रोती है जिन्हें बंदी बनाकर दुश्मनों के देश में ले जाया गया है। यिर्मयाह की भविष्यवाणी में दिलासा देनेवाली बात भी लिखी है कि उसके बेटे दुश्मनों के देश से लौट आएँगे। (यिर्म 31:16) जब मत्ती ने यिर्म 31:15 की बात लिखी तो उसके मन में शायद आयत 16 की भविष्यवाणी भी रही होगी। इससे यह समझ मिलती है कि जब मरे हुओं को ज़िंदा किया जाएगा तो वे मानो अपने दुश्मन, मौत के पास से लौट आएँगे।
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