-
मत्ती 2:23नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
-
-
23 वह आकर नासरत नाम के शहर में बस गया। इससे ये शब्द पूरे हुए जो भविष्यवक्ताओं से कहलवाए गए थे: “वह एक नासरी कहलाएगा।”
-
-
दुनिया के लिए सच्ची रौशनीयीशु की ज़िंदगी—एक अनोखी दास्तान—वीडियो गाइड
-
-
यीशु का परिवार नासरत में बस जाता है (यीशु की ज़िंदगी 1 59:34–1:03:55)
-
-
मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 2पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
-
-
नासरत: मुमकिन है कि इसका मतलब है, “अंकुर नगर।” नासरत गलील के निचले इलाके में था, जहाँ यीशु ने धरती पर अपनी ज़िंदगी का ज़्यादातर समय बिताया।
भविष्यवक्ताओं से कहलवाए गए थे, “वह एक नासरी कहलाएगा”: सबूत दिखाते हैं कि यहाँ भविष्यवक्ता यशायाह की लिखी किताब की बात की गयी है (यश 11:1), जिसमें वादा किए गए मसीहा के बारे में कहा गया है, ‘यिशै की जड़ों से एक अंकुर [इब्रानी में नीत्सेर] फूटेगा।’ मत्ती ने एक भविष्यवक्ता की नहीं बल्कि कई “भविष्यवक्ताओं” की बात की, इसलिए वह शायद यिर्मयाह और जकरयाह की भी बात कर रहा था। यिर्मयाह ने लिखा था कि दाविद के वंश से “एक नेक अंकुर” निकलेगा (यिर्म 23:5; 33:15) और जकरयाह ने एक ऐसे शख्स के बारे में बताया जो राजा भी होगा और याजक भी और वह “अंकुर कहलाएगा” (जक 3:8; 6:12, 13)। यीशु को और बाद में उसके चेलों को “नासरी” कहा जाता था।
-