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मत्ती 5:18नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
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18 मैं तुमसे सच कहता हूँ कि आकाश और पृथ्वी चाहे मिट जाएँ, मगर जब तक मूसा के कानून में लिखी सारी बातें पूरी न हो लें, तब तक इसका छोटे-से-छोटा अक्षर या एक बिंदु भी पूरा हुए बिना हरगिज़ न मिटेगा।
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मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 5पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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सच: यूनानी शब्द आमीन, इब्रानी शब्द आमेन से लिया गया है जिसका मतलब है, “ऐसा ही हो” या “ज़रूर।” यीशु अकसर कोई बात, वादा या भविष्यवाणी करने से पहले इस शब्द का इस्तेमाल करता था ताकि वह जो कह रहा है उस पर लोगों को भरोसा हो। यीशु ने जिस तरह “सच” यानी आमीन शब्द का इस्तेमाल किया, वैसा दूसरी धार्मिक किताबों में नहीं हुआ है। जहाँ यह शब्द साथ-साथ आया है (आमीन-आमीन), वहाँ उस शब्द का अनुवाद “सच-सच” किया गया है, जैसे हम यूहन्ना की खुशखबरी की किताब में कई बार देख सकते हैं।—यूह 1:51 का अध्ययन नोट देखें।
आकाश और पृथ्वी कभी नहीं मिटेंगे: शा., “जब तक आकाश और पृथ्वी टल न जाएँ।” यह एक अतिशयोक्ति अलंकार है जिसका मतलब है आकाश और पृथ्वी “कभी नहीं” मिटेंगे। बाइबल भी दिखाती है कि सचमुच के आकाश और पृथ्वी हमेशा रहेंगे।—भज 78:69; 119:90.
छोटे-से-छोटा अक्षर: उस वक्त इब्रानी वर्णमाला में सबसे छोटा अक्षर योध (י) था।
बिंदु: कुछ इब्रानी अक्षरों में बिंदु लगाए जाते थे ताकि एक अक्षर दूसरे से अलग दिखे। इस आयत में यीशु ने अतिशयोक्ति अलंकार का इस्तेमाल करके इस बात पर ज़ोर दिया कि परमेश्वर के वचन की छोटी-से-छोटी बात भी पूरी होगी।
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