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  • मत्ती 18:18
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 18 मैं तुमसे सच कहता हूँ, जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे, वह पहले ही स्वर्ग में बँधा होगा और जो कुछ तुम धरती पर खोलोगे, वह पहले ही स्वर्ग में खुला होगा।

  • मत्ती 18:18
    नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
    • 18 मैं तुमसे सच कहता हूँ, जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे, वह स्वर्ग में बँधा हुआ होगा और जो कुछ तुम धरती पर खोलोगे, वह स्वर्ग में खुला हुआ होगा। 

  • मत्ती
    यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण
    • 18:18

      यीशु—राह, पेज 151

      प्रहरीदुर्ग,

      4/15/1996, पेज 29

      10/1/1992, पेज 15-16

      10/1/1991, पेज 9

  • मत्ती अध्ययन नोट—अध्याय 18
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 18:18

      जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे . . . खोलोगे: ज़ाहिर है कि इस संदर्भ में ‘बाँधने’ का मतलब है, “दोषी मानना; दोषी ठहराना” और ‘खोलने’ का मतलब है, “दोष से मुक्‍त करना; निर्दोष ठहराना।” यहाँ “तुम” बहुवचन में है जो दिखाता है कि ऐसे फैसले करने में पतरस ही नहीं बल्कि दूसरे भी शामिल थे।​—मत 16:19 के अध्ययन नोट से तुलना करें।

      पहले ही स्वर्ग में बँधा होगा . . . पहले ही स्वर्ग में खुला होगा: यहाँ ‘बाँधने’ और ‘खोलने’ की यूनानी क्रियाएँ जिस तरह लिखी हैं, उस तरह आम तौर पर नहीं लिखी जाती है। इससे पता चलता है कि चेले जो भी फैसले करते (“जो कुछ तुम धरती पर बाँधोगे”; “जो कुछ तुम धरती पर खोलोगे”) वे उन फैसलों के मुताबिक होते जो स्वर्ग में पहले ही लिए जा चुके होते। साथ ही, चेलों के फैसले स्वर्ग में बनाए गए सिद्धांतों के मुताबिक होते। इस आयत का यह मतलब नहीं कि धरती पर लिए जानेवाले फैसलों को स्वर्ग से मंज़ूरी दी जाती या पुख्ता किया जाता। इसके बजाय इसका मतलब है कि चेलों को स्वर्ग से मार्गदर्शन मिलता और यह ज़रूरी भी था, क्योंकि तभी धरती पर लिए जानेवाले फैसले स्वर्ग के फैसलों से मेल खाते।​—मत 16:19 के अध्ययन नोट से तुलना करें।

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