28 लेकिन वही दास बाहर निकला और उसने अपने एक संगी दास को ढूँढ़ा, जिसने उससे 100 दीनार* उधार लिए थे। वह उसे पकड़कर उसका गला दबाने लगा और कहने लगा, ‘तूने जो उधार लिया है वह वापस कर।’
28 लेकिन वही दास बाहर निकला और अपने एक संगी दास को ढूँढ़ा, जिसने उससे सौ दीनार* उधार लिए थे, और वह उसे पकड़कर उसका गला दबाने लगा और कहने लगा, ‘तू ने जो उधार लिया है वह वापस कर।’
100 दीनार: छ: करोड़ दीनार (10,000 तोड़े) के सामने 100 दीनार बहुत कम हैं, फिर भी यह कीमत मायने रखती है। यह दरअसल एक मज़दूर की 100 दिन की मज़दूरी होती थी।—अति. ख14 देखें।