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लूका अध्ययन नोट—अध्याय 3पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
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तिबिरियुस के राज के 15वें साल: सम्राट औगुस्तुस की मौत (ग्रेगरियन कैलेंडर के मुताबिक) ईसवी सन् 14 में 17 अगस्त को हुई थी। फिर 15 सितंबर को तिबिरियुस की इजाज़त से रोम की परिषद् ने उसे सम्राट घोषित किया। अगर औगुस्तुस की मौत से साल गिने जाएँ, तो तिबिरियुस के राज का 15वाँ साल ईसवी सन् 28 के अगस्त से ईसवी सन् 29 के अगस्त तक होगा। लेकिन अगर तिबिरियुस को सम्राट घोषित किए जाने से गिना जाए, तो उसके राज का 15वाँ साल ईसवी सन् 28 के सितंबर से ईसवी सन् 29 के सितंबर तक होगा। ज़ाहिर है कि यूहन्ना ने अपनी सेवा ईसवी सन् 29 के वसंत (उत्तरी गोलार्ध के हिसाब से) यानी मार्च या अप्रैल में शुरू की जब तिबिरियुस के राज का 15वाँ साल चल रहा था। तिबिरियुस के राज के 15वें साल में यूहन्ना करीब 30 साल का रहा होगा। इसी उम्र में लेवी याजक मंदिर में सेवा करना शुरू करते थे। (गि 4:2, 3) उसी तरह, जब यीशु ने यूहन्ना से बपतिस्मा लिया और “अपनी सेवा शुरू की” तो लूक 3:21-23 के मुताबिक, “वह करीब 30 साल का था।” यीशु की मौत वसंत में नीसान महीने में हुई थी। इसका मतलब, उसकी साढ़े तीन साल की सेवा पतझड़ में करीब एतानीम महीने (सितंबर या अक्टूबर) में शुरू हुई होगी। मुमकिन है कि यूहन्ना, यीशु से छ: महीने बड़ा था और ज़ाहिर-सी बात है कि उसने यीशु से छ: महीने पहले अपनी सेवा शुरू की होगी। (लूक, अध्य. 1) इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह कहना सही होगा कि यूहन्ना ने ईसवी सन् 29 के वसंत में अपनी सेवा शुरू की थी।—लूक 3:23; यूह 2:13 के अध्ययन नोट देखें।
हेरोदेस: यानी हेरोदेस महान का बेटा हेरोदेस अन्तिपास।—शब्दावली देखें।
ज़िला-शासक: शा., “तित्रअर्खेस।” यह उपाधि एक छोटे ज़िला-शासक या एक इलाके के हाकिम को दी जाती थी, जो रोमी अधिकारियों की मंज़ूरी से ही शासन करता था।—मत 14:1; मर 6:14 के अध्ययन नोट देखें।
हेरोदेस का भाई फिलिप्पुस: फिलिप्पुस, हेरोदेस महान और उसकी पत्नी क्लियोपैट्रा का बेटा था जो यरूशलेम की रहनेवाली थी। फिलिप्पुस को कभी-कभी ‘तित्रअर्खेस फिलिप्पुस’ भी कहा गया है क्योंकि जैसे मत 14:3 और मर 6:17 में बताया गया है, उसके भाई का नाम भी फिलिप्पुस था (जिसे कभी-कभी ‘हेरोदेस फिलिप्पुस’ कहा गया है)।—मत 16:13 का अध्ययन नोट भी देखें।
इतूरैया: गलील झील के उत्तर-पूरब में एक छोटा-सा इलाका, जिसकी सरहदें तय नहीं थीं बल्कि बदलती रहती थीं। ज़ाहिर है कि यह लबानोन पर्वतमाला और पूर्वी लबानोन पर्वतमाला के पास पड़ता था।—अति. ख10 देखें।
त्रखोनीतिस: यह नाम एक मूल यूनानी शब्द से निकला है जिसका मतलब है, असमतल। शायद यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि वह इलाका ऊबड़-खाबड़ था। त्रखोनीतिस उस इलाके का हिस्सा था जो पहले बाशान के नाम से जाना जाता था (व्य 3:3-14) और इतूरैया के पूरब में पड़ता था। त्रखोनीतिस का क्षेत्रफल करीब 900 वर्ग कि.मी. (350 वर्ग मील) ही था। इस इलाके की उत्तरी सरहद, दमिश्क के दक्षिण-पूरब में करीब 40 कि.मी. (25 मील) तक फैली थी।
लिसानियास: लूका की किताब के मुताबिक, जब यूहन्ना बपतिस्मा देनेवाले ने अपनी सेवा शुरू की तब लिसानियास रोमी ज़िला अबिलेने “का ज़िला-शासक [शा., “तित्रअर्खेस”] था।” कुछ लोगों का दावा है कि लूका ने गलती से उस लिसानियास के बारे में लिखा, जो पास की कालकीस नाम की जगह का राजा था और जिसे ईसा पूर्व 34 में ही मार डाला गया था, यानी उस समय से सालों पहले जिसका ज़िक्र लूका ने किया। लेकिन अबिलेने की राजधानी अबिला में, जो सीरिया के दमिश्कि के पास था, (अति. ख10 देखें।) एक शिलालेख मिला है जिससे उनका यह दावा झूठा साबित होता है। उस शिलालेख के मुताबिक, रोमी सम्राट तिबिरियुस के शासनकाल में लिसानियास नाम का एक तित्रअर्खेस था।
अबिलेने: एक रोमी ज़िला, जिसका नाम उसकी राजधानी अबिला के नाम पर पड़ा था। यह ज़िला, हेरमोन पहाड़ के उत्तर में पूर्वी लबानोन पर्वतमाला के इलाके में पड़ता था।—शब्दावली में “लबानोन पर्वतमाला” देखें।
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