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  • लूका 3:23
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद
    • 23 जब यीशु+ ने अपनी सेवा शुरू की, तो वह करीब 30 साल का था।+ जैसा माना जाता था

      वह यूसुफ का बेटा था+

      और यूसुफ एली का,

  • लूका 3:23
    नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
    • 23 जब यीशु ने सेवा का काम शुरू किया, तो वह करीब तीस साल का था। जैसा माना जाता था वह यूसुफ का बेटा था,

      और यूसुफ एली का बेटा था,

  • लूका
    यहोवा के साक्षियों के लिए खोजबीन गाइड—2019 संस्करण
    • 3:23

      प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

      8/2017, पेज 32

      सभा पुस्तिका के लिए हवाले,

      6/2018, पेज 6

  • लूका अध्ययन नोट—अध्याय 3
    पवित्र शास्त्र का नयी दुनिया अनुवाद (अध्ययन बाइबल)
    • 3:23

      अपनी सेवा शुरू की: या “अपना काम शुरू किया; सिखाना शुरू किया।” शा., “शुरू किया।” लूका ने इनका यूनानी शब्द प्रेष 1:21, 22 और 10:37, 38 में भी इस्तेमाल किया, जहाँ उसने धरती पर यीशु की सेवा शुरू करने की बात लिखी। यीशु की इस सेवा में प्रचार करना, सिखाना और चेले बनाना शामिल था।

      जैसा माना जाता था: या शायद, “जैसा कानूनी तौर पर मान्य था।” कुछ विद्वानों का कहना है कि यही सही अनुवाद है क्योंकि यूनानी शब्द का यह भी मतलब हो सकता है। अगर इस अनुवाद को लिया जाए तो इसका मतलब होगा कि लूका ने यीशु की वंशावली के बारे में जो लिखा, वह उस समय की वंशावली के मौजूदा दस्तावेज़ों के मुताबिक कानूनी तौर पर मान्य था। लेकिन ज़्यादातर विद्वानों का मानना है कि नयी दुनिया अनुवाद में यह आयत जिस तरह अनुवाद की गयी है, वह सही है।

      जैसा माना जाता था वह यूसुफ का बेटा था: यूसुफ असल में यीशु का दत्तक पिता था, क्योंकि यीशु का जीवन पवित्र शक्‍ति से मरियम के गर्भ में डाला गया था। लेकिन नासरत के लोगों ने यूसुफ और मरियम को उसकी परवरिश करते देखा था, इसलिए स्वाभाविक है कि उनकी नज़र में वह यूसुफ का बेटा था। मत 13:55 और लूक 4:22 जैसी दूसरी आयतों से भी यह बात पता चलती है, जहाँ नासरत के लोगों ने यीशु को “बढ़ई का बेटा” और “यूसुफ का बेटा” कहा। एक मौके पर जिन लोगों ने यीशु पर विश्‍वास नहीं किया उन्होंने कहा, “क्या यह यूसुफ का बेटा यीशु नहीं जिसके माता-पिता को हम जानते हैं?” (यूह 6:42) फिलिप्पुस ने भी नतनएल से कहा, ‘हमें वह मिल गया है। वह यीशु है, जो यूसुफ का बेटा है।’ (यूह 1:45) यहाँ लिखी लूका की बात से पुख्ता होता है कि यीशु को “यूसुफ का बेटा” इसलिए कहा गया क्योंकि लोगों का यही मानना था।

      यूसुफ एली का: मत 1:16 में लिखा है, “याकूब से यूसुफ पैदा हुआ जो मरियम का पति था।” मगर लूका की किताब में लिखा है कि ‘यूसुफ एली का बेटा’ था। ज़ाहिर है कि वह एली का दामाद था। (इसके जैसे दूसरे मामले के लिए लूक 3:27 का अध्ययन नोट देखें।) यहूदियों का दस्तूर था कि जब वे नाना से नाती तक की वंशावली लिखते थे तो उसमें आदमियों के नाम होते थे। यही वजह रही होगी कि लूका ने बेटी मरियम के बजाय उसके पति का नाम लिखा और उसे बेटा कहा। सबूत दिखाते हैं कि लूका ने यीशु की वंशावली मरियम की तरफ से दी। इसलिए ऐसा लगता है कि एली मरियम का पिता और यीशु का नाना था।​—मत 1:1, 16; लूक 3:27 के अध्ययन नोट देखें।

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