विषय-सूची
२ पैदा होने से पहले सम्मानित किया गया
३ मार्ग तैयार करनेवाला पैदा हुआ
९ यीशु के बचपन का पारिवारिक जीवन
११ यूहन्ना मार्ग तैयार करता है
१३ यीशु के प्रलोभनों से शिक्षा प्राप्त करना
१६ यहोवा की उपासना के लिए सरगर्मी
१८ यूहन्ना घटता है, यीशु बढ़ता है
१९ एक सामरी स्त्री को शिक्षा देना
२० काना में रहते समय एक और चमत्कार
२१ यीशु के गृहनगरीय आराधनालय में
२८ उपवास के विषय पर सवाल किया गया
३० अपने दोष लगानेवालों को जवाब देना
३३ यशायाह की भविष्यवाणी की पूर्ति करना
३५ वह सबसे मशहूर धर्मोपदेश जो कभी दिया गया
३६ एक सेना अफ़सर का महान विश्वास
३७ यीशु एक विधवा का ग़म दूर करते हैं
३८ क्या यूहन्ना में विश्वास की कमी थी?
४२ यीशु फरीसियों को फटकारते हैं
४३ दृष्टान्तों के सहारे शिक्षा देना
४४ एक भयावना तूफ़ान को शांत करना
४८ याईर का घर छोड़कर नासरत को पुनःभेंट करना
५० उत्पीड़न का सामना करने के लिए तैयारी
५१ सालगिरह पार्टी के दौरान हत्या
५२ यीशु चमत्कारिक तरीके से हज़ारों को खिलाते हैं
५५ अनेक शिष्य यीशु का अनुगमन छोड़ देते हैं
५६ मनुष्य को क्या दूषित करता है?
६० मसीह की राज्य महिमा का पूर्वदर्शन
६१ दुष्टात्मा-ग्रस्त लड़का चंगा किया गया
६७ वे उसे गिरफ़्तार करने से रह जाते हैं
६८ सातवें दिन पर और भी ज़्यादा शिक्षा
७१ फरीसियों का ज़िद्दी अविश्वास
७२ यीशु ७० शिष्यों को भेज देते हैं
७४ मार्था को सलाह, और प्रार्थना पर अनुदेश
७९ ग़ुमराह राष्ट्र, पर सभी नहीं
८१ यीशु को मार डालने की अधिक कोशिशें
८२ यीशु दोबारा यरूशलेम की ओर रवाना होते हैं
८३ एक फरीसी से अतिथि-सत्कार पाना
८४ शिष्यता निभाने की ज़िम्मेदारी
८७ व्यावहारिक बुद्धि सहित भविष्य के लिए प्रबंध करना
९१ जब लाज़र पुनरुत्थित होता है
९२ यरूशलेम को यीशु की आख़री यात्रा के दौरान दस कोढ़ी चंगा किए गए
९३ जब मनुष्य का पुत्र प्रगट होता है
९४ प्रार्थना और दीनता की ज़रूरत
९५ तलाक़ पर और बच्चों के लिए प्रेम पर सबक़
९८ जैसे यीशु की मृत्यु नज़दीक आती है प्रेरित बहस करते हैं
१०१ बैतनियाह में, शमौन के घर में
१०२ यरूशलेम में यीशु का विजयी प्रवेश
१०४ परमेश्वर की आवाज़ तीसरी बार सुनी गयी
१०६ दाख़ की बारी के दृष्टान्तों द्वारा पर्दाफ़ाश
१०८ यीशु को फँसाने में वे विफल हुए
१०९ यीशु अपने विरोधियों का भर्त्सना करते हैं
११२ यीशु की आख़री फसह क़रीब है
११६ अपने रवानगी के लिए प्रेरितों को तैयार करना
११९ हन्ना के पास, फिर काइफ़ा के पास ले जाया गया
१२१ महासभा के सामने, फिर पीलातुस के पास
१२२ पीलातुस से हेरोदेस के पास और वापस
१२६ “बेशक यह परमेश्वर का पुत्र था”
१२७ शुक्रवार को दफ़नाया गया—रविवार को खाली क़ब्र
१३१ आख़री प्रकटन, और सा.यु. वर्ष ३३ का पिन्तेकुस्त
१३३ यीशु परमेश्वर के कहे सारे कामों को ख़त्म करते हैं