जीएँ मसीहियों की तरह
हर दिन यहोवा की तारीफ कीजिए!
जीवन यहोवा की तरफ से एक अनमोल तोहफा है। हर दिन हम जिस तरह जीते हैं उससे ज़ाहिर होता है कि हमें इस तोहफे की कितनी कदर है। यहोवा के साक्षी होने के नाते हम अपना हुनर और अपनी काबिलीयतें इस तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं जिससे यहोवा का आदर और उसकी महिमा हो। (भज 36:9; प्रक 4:11) लेकिन शायद हम ज़िंदगी की चिंताओं में इतना उलझ जाएँ कि हम परमेश्वर की सेवा को पहली जगह देना छोड़ दें। (मर 4:18, 19) हमें खुद से पूछना चाहिए, ‘क्या मैं यहोवा को अपना सबसे बढ़िया बलिदान दे रहा हूँ? (हो 14:2) क्या मेरी नौकरी या करियर, यहोवा की सेवा के आड़े आ रहा है? मैंने परमेश्वर की सेवा में क्या लक्ष्य रखे हैं? मैं अपनी सेवा को और कैसे बढ़ा सकता हूँ?’ इन सवालों पर सोचने के बाद अगर आपको लगता है कि आपको कुछ फेरबदल करने हैं, तो यहोवा से प्रार्थना में मदद माँगिए और ज़रूरी बदलाव कीजिए। यकीन रखिए, हर दिन यहोवा की तारीफ करने से हम सच्ची खुशी और सुकून पा सकते हैं।—भज 61:8.
आप अपना हुनर किसके लिए इस्तेमाल कर रहे हैं?
अपना हुनर यहोवा के लिए इस्तेमाल कीजिए वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों के जवाब दीजिए:
अपना हुनर शैतान की दुनिया के लिए इस्तेमाल करना क्यों बुद्धिमानी नहीं होगी? (1यूह 2:17)
यहोवा को अपना सबसे बढ़िया बलिदान देनेवालों को क्या आशीषें मिलती हैं?
परमेश्वर की सेवा के किस पहलू में आप अपना हुनर और काबिलीयतें इस्तेमाल करना चाहते हैं?