अध्याय नौ
एक-जनक परिवार सफल हो सकते हैं!
१-३. किस बात ने एक-जनक परिवारों की संख्या की वृद्धि में योग दिया है, और इसमें सम्मिलित लोगों पर कैसे प्रभाव पड़ता है?
एक-जनक परिवारों को अमरीका में “सबसे तेज़ी से बढ़ती पारिवारिक शैली” कहा गया है। अनेक अन्य देशों में स्थिति समान है। बड़ी संख्या में तलाक़, त्याग, अलगाव, और जारज जन्म के लाखों माता-पिताओं और बच्चों के लिए दीर्घकालिक परिणाम हुए हैं।
२ “मैं एक २८-वर्षीय विधवा हूँ और मेरे पास दो बच्चे हैं,” एक एकल माँ ने लिखा। “मैं बहुत हताश हूँ क्योंकि मैं अपने बच्चों को एक पिता के बिना नहीं पालना चाहती। ऐसा लगता है कि किसी को मेरी परवाह भी नहीं। मेरे बच्चे मुझे अकसर रोते हुए देखते हैं और इसका उन पर असर पड़ता है।” क्रोध, दोष, और अकेलेपन जैसी भावनाओं के साथ संघर्ष करने के अलावा, अधिकतर एक-जनक दोनों, घर के बाहर नौकरी करने और घरेलू काम करने की चुनौती का सामना करते हैं। एक ने कहा: “एक एक-जनक होना मदारी होने के जैसा है। छः महीने के अभ्यास के बाद, आप अंततः एकसाथ चार गेंदें ऊपर-नीचे उछालने में समर्थ हुई हैं। लेकिन जैसे ही आप यह कर पाती हैं, तुरन्त कोई आप पर एक नयी गेंद फेंक देता है!”
३ एक-जनक परिवारों में युवजनों के प्रायः अपने ही संघर्ष होते हैं। अचानक एक जनक के छोड़ने या मरने के कारण उन्हें शायद तीव्र भावनाओं से जूझना पड़े। प्रतीत होता है कि अनेक युवाओं पर माता या पिता के अभाव का बहुत ही नकारात्मक प्रभाव होता है।
४. हम कैसे जानते हैं कि यहोवा एक-जनक परिवारों के बारे में चिन्ता करता है?
४ बाइबल समय में एक-जनक परिवार थे। शास्त्रवचन बारंबार “अनाथ बालक” और “विधवा” का उल्लेख करते हैं। (निर्गमन २२:२२; व्यवस्थाविवरण २४:१९-२१; अय्यूब ३१:१६-२२) यहोवा परमेश्वर उनकी दशा के प्रति उदासीन नहीं था। भजनहार ने परमेश्वर को “अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी” कहा। (भजन ६८:५) निश्चित ही, यहोवा को आज एक-जनक परिवारों की वैसी ही चिन्ता है! सचमुच, उसका वचन ऐसे सिद्धान्त देता है जो सफल होने में उनकी मदद कर सकते हैं।
गृहस्थी के काम-काज में निपुण होना
५. शुरू-शुरू में एक-जनक को कौन-सी समस्या का सामना करना पड़ता है?
५ एक घर चलाने के काम पर विचार कीजिए। “कई अवसर होते हैं जब आप सोचती हैं कि काश घर में एक पुरुष होता,” एक तलाक़शुदा स्त्री स्वीकार करती है, “जैसे कि जब आपकी गाड़ी आवाज़ें करने लगती है और आप नहीं जानतीं कि क्या ख़राबी है।” जिन पुरुषों का हाल ही में तलाक़ हुआ है या विधुर हो गए हैं, वे भी शायद इसी प्रकार गृहस्थी के ढेरों कामों से घबरा जाएँ जो अब उनको करने पड़ते हैं। बच्चों के लिए, घरेलू उलट-पलट अस्थिरता और असुरक्षा की भावनाओं को बढ़ा देती है।
बच्चों, अपने एक-जनक को सहयोग दीजिए
६, ७. (क) नीतिवचन की “भली पत्नी” ने कौन-सा उत्तम उदाहरण रखा? (ख) घरेलू ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए परिश्रम करना एक-जनक घरों में कैसे मदद करता है?
६ कौन-सी बात मदद कर सकती है? नीतिवचन ३१:१०-३१ में वर्णित “भली पत्नी” द्वारा रखे गए उदाहरण पर ध्यान दीजिए। उसकी उपलब्धियों का विस्तार उल्लेखनीय है—ख़रीदना, बेचना, सिलाई करना, भोजन पकाना, भू-संपदा में पूँजी लगाना, खेती करना, और एक व्यापार चलाना। उसका रहस्य? वह परिश्रमी थी, देर-देर तक काम करती और अपना काम-काज शुरू करने के लिए जल्दी उठती। और वह सुव्यवस्थित थी, कुछ काम दूसरों को सौंपती और अन्य काम स्वयं अपने हाथों से करती। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि उसकी प्रशंसा हुई!
७ यदि आप एक एक-जनक हैं, तो अपनी घरेलू ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए कर्तव्यनिष्ठ बनिए। ऐसे काम में संतुष्टि प्राप्त कीजिए, क्योंकि यह आपके बच्चों की ख़ुशी में बहुत योग देता है। लेकिन, उचित योजना और व्यवस्था अत्यावश्यक हैं। बाइबल कहती है: “परिश्रमी की योजनाएं निःसन्देह लाभदायक होती हैं।” (नीतिवचन २१:५, NHT) एक एकल पिता ने स्वीकार किया: “जब तक मुझे भूख नहीं लगती मैं अकसर भोजन के बारे में नहीं सोचता।” लेकिन अकसर ढंग से बनाया गया भोजन जल्दबाज़ी में तैयार किए गए भोजन से ज़्यादा पौष्टिक और आकर्षक होता है। आपको शायद नए काम करना सीखने की भी ज़रूरत पड़े। जानकार मित्रों, स्वयं-सीखिए पुस्तकों, और मददगार पेशेवरों से सलाह लेने के द्वारा, कुछ एकल माताएँ पुताई, नलकारी, और गाड़ी में छोटे-मोटे मरम्मत के काम करने में समर्थ हुई हैं।
८. एक-जनक के बच्चे घर में कैसे मदद कर सकते हैं?
८ क्या बच्चों से मदद करने के लिए कहना उचित है? एक एकल माँ ने तर्क किया: “आप बच्चों के लिए जीवन आसान बनाने के द्वारा दूसरे जनक के अभाव को भरना चाहती हैं।” यह शायद स्वाभाविक हो, लेकिन हो सकता है कि हमेशा बच्चे के हित में न हो। बाइबल समय में परमेश्वर का भय माननेवाले युवाओं को उपयुक्त काम दिए जाते थे। (उत्पत्ति ३७:२; श्रेष्ठगीत १:६) सो, जबकि इस बात का ध्यान रखना है कि अपने बच्चों पर अत्यधिक बोझ न डाल दें, आप उनको बर्तन धोने और अपना कमरा साफ़ रखने जैसे काम देने में बुद्धिमानी करेंगी। क्यों न कुछ काम एकसाथ करें? यह बहुत आनन्ददायी हो सकता है।
एक जीविका कमाने की चुनौती
अपने बच्चों के साथ यथासंभव समय बिताइए
९. एकल माताएँ अकसर आर्थिक कठिनाइयों का सामना क्यों करती हैं?
९ अधिकांश एक-जनक अपनी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करना कठिन पाते हैं, और प्रायः युवा अविवाहित माताओं को ख़ासकर बड़ी मुश्किल होती है।a उन देशों में जहाँ सरकारी सहायता उपलब्ध है, उसका लाभ उठाना शायद उनके लिए बुद्धिमानी का काम हो, कम-से-कम तब तक, जब तक कि उनको नौकरी नहीं मिल जाती। बाइबल मसीहियों को ज़रूरत पड़ने पर ऐसे प्रबन्धों का लाभ उठाने की अनुमति देती है। (रोमियों १३:१, ६) विधवाएँ और तलाक़शुदा स्त्रियाँ समान चुनौतियों का सामना करती हैं। सालों घर संभालने के बाद फिर से नौकरी करने को मजबूर, अनेक स्त्रियाँ अकसर केवल कम-वेतन वाला काम ढूँढ पाती हैं। कार्य-प्रशिक्षण कार्यक्रमों में नाम लिखवाने या अल्पकालिक स्कूल कोर्स करने के द्वारा कुछ स्त्रियाँ अपनी स्थिति सुधार पाती हैं।
१०. एक एकल माता अपने बच्चों को कैसे समझा सकती है कि उसे नौकरी ढूँढने की ज़रूरत क्यों है?
१० आपके नौकरी ढूँढने पर यदि आपके बच्चे दुःखी होते हैं तो हैरान मत होइए, और ख़ुद को दोषी मत मानिए। इसके बजाय, उन्हें समझाइए कि आपको काम करने की ज़रूरत क्यों है, और उन्हें यह समझने में मदद दीजिए कि यहोवा आपसे माँग करता है कि उनका भरण-पोषण करें। (१ तीमुथियुस ५:८) कुछ समय बाद, अधिकांश बच्चे बदलाव कर लेते हैं। लेकिन, आपकी व्यस्त सारणी जितना भी समय दे, ज़्यादा से ज़्यादा उनके साथ बिताने की कोशिश कीजिए। ऐसा प्रेममय ध्यान परिवार को शायद होनेवाली किसी आर्थिक कमी के प्रभाव को कम करने में भी मदद दे सकता है।—नीतिवचन १५:१६, १७.
कौन किसकी देखभाल कर रहा है?
कलीसिया “विधवाओं” और “अनाथों” की उपेक्षा नहीं करती
११, १२. एक-जनक को कौन-सी सीमाएँ बनाए रखनी चाहिए, और वे यह कैसे कर सकती हैं?
११ एक-जनक के लिए ख़ासकर अपने बच्चों के निकट होना स्वाभाविक है, परन्तु ध्यान रखा जाना चाहिए कि माता-पिताओं और बच्चों के बीच परमेश्वर-नियुक्त सीमाएँ न टूट जाएँ। उदाहरण के लिए, यदि एक एकल माँ अपने पुत्र से अपेक्षा करती है कि घर के मुखिया की ज़िम्मेदारी उठाए या अपनी पुत्री के साथ एक विश्वासपात्र की तरह व्यवहार करती है और उस पर निजी समस्याओं का भार लाद देती है, तो गंभीर समस्याएँ उठ सकती हैं। ऐसा करना अनुचित और तनावपूर्ण है, और एक बच्चे को उलझन में डाल सकता है।
१२ अपने बच्चों को आश्वस्त कीजिए कि आप, एक जनक होने के नाते उनकी देखभाल करेंगी—इसका उलटा नहीं। (२ कुरिन्थियों १२:१४ से तुलना कीजिए।) कभी-कभी, आपको शायद कुछ सलाह या सहारे की ज़रूरत पड़े। यह मसीही प्राचीनों या संभवतः प्रौढ़ मसीही स्त्रियों से लीजिए, अपने नाबालिग़ बच्चों से नहीं।—तीतुस २:३.
अनुशासन रखना
१३. एक एकल माता अनुशासन के सम्बन्ध में शायद कौन-सी समस्या का सामना करे?
१३ एक पुरुष को इसमें शायद ही कोई मुश्किल हो कि एक अनुशासक के रूप में उसे गंभीरता से लिया जाए, लेकिन इस सम्बन्ध में एक स्त्री को शायद समस्याएँ हों। एक एकल माँ कहती है: “मेरे पुत्रों के पास पुरुषों जैसे शरीर और पुरुषों जैसी आवाज़ें हैं। उनकी तुलना में कभी-कभी अनिश्चित या कमज़ोर न सुनाई पड़ना मुश्किल होता है।” इसके अलावा, आप शायद अभी तक एक प्रिय साथी की मृत्यु का शोक मना रही हों, या संभवतः आपको विवाह टूटने पर दोष या क्रोध की भावना हो। यदि कानूनी अभिरक्षा में हिस्सेदारी है, तो आप शायद डरती हों कि आपका बच्चा आपके पिछले साथी के साथ होना ज़्यादा पसन्द करता है। ऐसी परिस्थितियाँ संतुलित अनुशासन देना कठिन बना सकती हैं।
१४. एक-जनक किस प्रकार अनुशासन के प्रति एक संतुलित दृष्टिकोण बनाए रख सकते हैं?
१४ बाइबल कहती है कि “जो लड़का योंही छोड़ा जाता है वह अपनी माता की लज्जा का कारण होता है।” (नीतिवचन २९:१५) पारिवारिक नियम बनाने और लागू करने में यहोवा परमेश्वर आपके साथ है, सो दोष, खेद, या डर के आगे मत झुकिए। (नीतिवचन १:८) बाइबल सिद्धान्तों का कभी समझौता मत कीजिए। (नीतिवचन १३:२४) कोमल, संगत और दृढ़ होने की कोशिश कीजिए। कुछ समय बाद, अधिकांश बच्चे अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाएँगे। फिर भी, आप अपने बच्चों की भावनाओं को ध्यान में रखना चाहेंगे। एक एकल पिता कहता है: “मुझे अनुशासन को सहानुभूति से संतुलित करने की ज़रूरत पड़ी क्योंकि उन्हें अपनी माँ को खोने का सदमा था। मैं हर अवसर पर उनके साथ बात करता हूँ। हम रात का भोजन तैयार करते समय ‘आपस की बात’ करते हैं। तब जाकर वे सचमुच मुझसे अपने मन की बात कहते हैं।”
१५. पिछले साथी के बारे में बात करते समय एक तलाक़शुदा जनक को क्या नहीं करना चाहिए?
१५ यदि आप तलाक़शुदा हैं, तो अपने पिछले साथी के प्रति आदर घटाने से कुछ भला नहीं होता। माता-पिता के बीच किचकिच बच्चों के लिए कष्टकर होती है और अंततः आप दोनों के प्रति उनका आदर कम कर देगी। अतः, ठेस लगानेवाली बात मत कहिए, जैसे: “तुम तो बिलकुल अपने बाप के जैसे हो!” आपके पिछले साथी ने आपको चाहे जो भी दुःख दिया हो, वह अब भी आपके बच्चे की माता या पिता है। बच्चे को माता-पिता, दोनों के प्रेम, ध्यान, और अनुशासन की ज़रूरत है।b
१६. एक एक-जनक घर में कौन-से आध्यात्मिक प्रबन्धों को अनुशासन का एक नियमित भाग होना चाहिए?
१६ जैसा कि पिछले अध्यायों में चर्चा की गयी है, अनुशासन में प्रशिक्षण और उपदेश सम्मिलित है, मात्र सज़ा नहीं। अनेक समस्याएँ आध्यात्मिक प्रशिक्षण के एक अच्छे कार्यक्रम के द्वारा रोकी जा सकती हैं। (फिलिप्पियों ३:१६) मसीही सभाओं में नियमित उपस्थिति अत्यावश्यक है। (इब्रानियों १०:२४, २५) वैसे ही एक साप्ताहिक पारिवारिक बाइबल अध्ययन करना भी। यह सच है कि एक ऐसा अध्ययन चलाते रहना आसान नहीं है। “दिन-भर के काम के बाद, आप सचमुच आराम करना चाहती हैं,” एक कर्तव्यनिष्ठ माँ कहती है। “लेकिन यह जानते हुए कि यह काम करना ज़रूरी है, मैं अपनी पुत्री के साथ अध्ययन करने के लिए अपने आपको मानसिक रूप से तैयार करती हूँ। वह सचमुच हमारे पारिवारिक अध्ययन का आनन्द लेती है!”
१७. पौलुस के साथी तीमुथियुस के उत्तम पालन-पोषण से हम क्या सीख सकते हैं?
१७ प्रेरित पौलुस के साथी तीमुथियुस को बाइबल सिद्धान्तों में उसका प्रशिक्षण प्रत्यक्षतः उसकी माता और उसकी नानी ने दिया था—लेकिन प्रतीत होता है कि उसके पिता ने नहीं दिया। फिर भी, तीमुथियुस कितना उल्लेखनीय मसीही बना! (प्रेरितों १६:१, २; २ तीमुथियुस १:५; ३:१४, १५) इसी प्रकार आप भी अच्छे परिणामों की आशा कर सकती हैं जैसे-जैसे आप अपने बच्चों को “प्रभु की शिक्षा और अनुशासन में” बड़ा करने का प्रयत्न करती हैं।—इफिसियों ६:४, NHT.
अकेलेपन के विरुद्ध लड़ाई जीतना
१८, १९. (क) एक एक-जनक के लिए अकेलापन किस रूप में प्रकट हो सकता है? (ख) शारीरिक अभिलाषाओं को नियंत्रण में रखने में मदद देने के लिए कौन-सी सलाह दी गयी है?
१८ एक एक-जनक ने आह भरी: “जब मैं घर आकर चारदीवारी देखती हूँ, और ख़ासकर जब बच्चे सो जाते हैं, तो मुझे अकेलापन काटने को दौड़ता है।” जी हाँ, अकेलापन अकसर वह सबसे बड़ी समस्या होती है जिसका सामना एक एक-जनक करता है। सुखद संगति और विवाह की अंतरंगता की लालसा करना स्वाभाविक है। लेकिन क्या एक व्यक्ति को किसी भी क़ीमत पर इस समस्या को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए? प्रेरित पौलुस के समय में, कुछ जवान विधवाओं ने “देह की इच्छाओं को मसीह से बढ़कर महत्त्व” दिया। (१ तीमुथियुस ५:११, १२, NHT) शारीरिक अभिलाषाओं को आध्यात्मिक हितों से अधिक महत्त्व देना हानिकर होता।—१ तीमुथियुस ५:६.
१९ एक मसीही पुरुष ने कहा: “लैंगिक आवेग बहुत तीव्र होते हैं, लेकिन आप उनको नियंत्रण में रख सकते हैं। जब आपके मन में एक विचार आता है, तो आपको उस पर सोचते नहीं रहना चाहिए। आपको उसे दूर करना है। अपने बच्चे के बारे में सोचने से भी मदद मिलती है।” परमेश्वर का वचन सलाह देता है: ‘काम-वासना के सम्बन्ध में अपने शरीर के अंगों को मार डालो।’ (कुलुस्सियों ३:५, NW) यदि आप भोजन के लिए अपनी भूख को मारने की कोशिश कर रहे होते, तो क्या आप ऐसी पत्रिकाएँ पढ़ते जिनमें स्वादिष्ट भोजन के चित्र होते, या क्या आप ऐसे लोगों के साथ संगति करते जो हमेशा भोजन के बारे में बात करते हैं? शायद ही! यही बात शारीरिक अभिलाषाओं के बारे में भी सही है।
२०. (क) जो अविश्वासियों के साथ प्रणय-याचन करते हैं उन पर कौन-सा ख़तरा मंडराता है? (ख) प्रथम शताब्दी में और आज भी एकल लोगों ने अकेलेपन से कैसे संघर्ष किया है?
२० कुछ मसीहियों ने अविश्वासियों के साथ प्रणय-याचन शुरू किए हैं। (१ कुरिन्थियों ७:३९) क्या इसने उनकी समस्या सुलझा दी? जी नहीं। एक तलाक़शुदा मसीही स्त्री ने चिताया: “एक चीज़ है जो एकल होने से कहीं बदतर है। वह है ग़लत व्यक्ति से विवाहित होना!” इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रथम शताब्दी की मसीही विधवाएँ अकेलेपन के दौर से गुज़रती थीं, लेकिन बुद्धिमान विधवाएँ ‘पाहुनों की सेवा करने, पवित्र लोगों के पांव धोने, और दुखियों की सहायता करने’ में व्यस्त रहती थीं। (१ तीमुथियुस ५:१०) आज वे विश्वासी मसीही जिन्होंने परमेश्वर का भय माननेवाला साथी पाने के लिए सालों प्रतीक्षा की है, इसी प्रकार व्यस्त रहे हैं। एक ६८-वर्षीय मसीही विधवा ने अकेलापन महसूस करने पर अन्य विधवाओं से भेंट करना शुरू कर दिया। उसने कहा: “मेरा अनुभव है कि ऐसी भेंट करने, अपने घर का काम करने और अपनी आध्यात्मिकता का ध्यान रखने से मेरे पास अकेलापन महसूस करने का समय नहीं होता।” दूसरों को परमेश्वर के राज्य के बारे में सिखाना एक ख़ासकर लाभदायी अच्छा काम है।—मत्ती २८:१९, २०.
२१. किस प्रकार प्रार्थना और अच्छी संगति अकेलेपन को दूर करने में मदद दे सकती हैं?
२१ मानते हैं कि अकेलेपन का कोई चमत्कारी इलाज नहीं है। लेकिन यहोवा से मिली शक्ति के साथ इसे सहा जा सकता है। जब एक मसीही “रात दिन बिनती और प्रार्थना में लौलीन” रहता है तब उसे ऐसी शक्ति मिलती है। (१ तीमुथियुस ५:५) बिनती निष्कपट निवेदन है, जी हाँ, मदद की भीख माँगना है, संभवतः तीव्र पुकारों और आँसुओं के साथ। (इब्रानियों ५:७ से तुलना कीजिए।) “रात दिन” यहोवा से अपने हृदय की बात कहना सचमुच मदद कर सकता है। इसके अलावा, हितकर संगति अकेलेपन को मिटाने में काफ़ी सहायक हो सकती है। अच्छी संगति के द्वारा, एक व्यक्ति को प्रोत्साहन की “भली बात” मिल सकती है जिसका वर्णन नीतिवचन १२:२५ में किया गया है।
२२. जब समय-समय पर अकेलेपन की भावनाएँ उठती हैं तब कौन-से विचार मदद करेंगे?
२२ यदि समय-समय पर अकेलेपन की भावनाएँ उठती हैं—जो कि संभवतः उठेंगी—तो याद रखिए कि किसी का जीवन समस्याओं से मुक्त नहीं है। सचमुच, ‘आपके भाइयों का समस्त संघ’ एक-न-एक तरीक़े से दुःख उठा रहा है। (१ पतरस ५:९, NW) अतीत के बारे में सोचते मत रहिए। (सभोपदेशक ७:१०) अपनी आशिषों को गिनिए। सबसे बढ़कर, अपनी खराई बनाए रखने और यहोवा के हृदय को प्रसन्न करने के लिए दृढ़निश्चय कीजिए।—नीतिवचन २७:११.
कैसे दूसरे मदद कर सकते हैं
२३. कलीसिया में एक-जनक के प्रति संगी मसीहियों की क्या ज़िम्मेदारी है?
२३ संगी मसीहियों का समर्थन और सहायता अमूल्य है। याकूब १:२७ कहता है: “हमारे परमेश्वर और पिता के निकट शुद्ध और निर्मल भक्ति यह है, कि अनाथों और विधवाओं के क्लेश में उन की सुधि लें।” जी हाँ, एक-जनक परिवारों की मदद करने के लिए मसीही बाध्य हैं। ऐसा करने के कुछ व्यावहारिक तरीक़े कौन-से हैं?
२४. ज़रूरतमंद एक-जनक परिवारों को किन तरीक़ों से मदद दी जा सकती है?
२४ भौतिक सहायता की जा सकती है। बाइबल कहती है: “जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देखकर उस पर तरस खाना न चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?” (१ यूहन्ना ३:१७) “देखकर” के लिए मूल यूनानी शब्द का अर्थ सिर्फ़ एक सरसरी नज़र नहीं, बल्कि ध्यान से देखना है। यह संकेत करता है कि एक कृपालु मसीही शायद पहले एक परिवार की परिस्थितियों और ज़रूरतों से परिचित होए। संभवतः उनको पैसों की ज़रूरत है। कुछ लोगों को शायद घर की मरम्मत में मदद की ज़रूरत हो। या वे शायद इतनी-सी बात की क़दर करें कि उन्हें एक भोजन का आमंत्रण दिया गया है या एक सामाजिक समूहन में बुलाया गया है।
२५. संगी मसीही एक-जनक के प्रति करुणा कैसे दिखा सकते हैं?
२५ इसके अतिरिक्त, १ पतरस ३:८ कहता है: “सब के सब एक मन और कृपामय और भाईचारे की प्रीति रखनेवाले, और करुणामय . . . बनो।” एक छः बच्चों की एक-जनक ने कहा: “यह बहुत कठिन समय रहा है और कभी-कभी मैं हताश हो जाती हूँ। लेकिन, कभी-कभार एक भाई या बहन मुझसे कहते हैं: ‘जोन, आप बहुत अच्छी तरह संभाल रही हैं। इसका फल अच्छा होगा।’ बस यह जानना ही कि दूसरे आपके बारे में सोच रहे हैं और कि वे परवाह करते हैं बहुत सहायक है।” वृद्ध मसीही स्त्रियाँ उन युवा स्त्रियों को जो एक-जनक हैं मदद देने में शायद ख़ासकर प्रभावकारी हों। जब उनके पास ऐसी समस्याएँ होती हैं जिनके बारे में एक पुरुष के साथ चर्चा करना उनके लिए शायद अजीब हो, तब वृद्ध स्त्रियाँ उनकी सुन सकती हैं।
२६. प्रौढ़ मसीही पुरुष अनाथ बच्चों की मदद कैसे कर सकते हैं?
२६ मसीही पुरुष अन्य तरीक़ों से मदद कर सकते हैं। धर्मी पुरुष अय्यूब ने कहा: ‘मैं असहाय और अनाथ को छुड़ाता था।’ (अय्यूब २९:१२) उसी प्रकार आज कुछ मसीही पुरुष अनाथ बच्चों में हितकर दिलचस्पी लेते हैं और “शुद्ध मन” से सच्चा “प्रेम” दिखाते हैं, उनकी नीयत बुरी नहीं होती। (१ तीमुथियुस १:५) अपने परिवारों के प्रति लापरवाह हुए बिना, वे कभी-कभी ऐसे युवाओं के साथ मसीही सेवकाई में कार्य करने का प्रबन्ध कर सकते हैं और उनको पारिवारिक अध्ययन या मनोरंजन में हिस्सा लेने के लिए भी आमंत्रित कर सकते हैं। अति संभव है कि ऐसी कृपा एक अनाथ बच्चे को एक ग़लत मार्ग से बचा ले।
२७. एक-जनक किस सहारे के बारे में आश्वस्त हो सकते हैं?
२७ इसमें कोई संदेह नहीं कि अंततः, एक-जनक को ज़िम्मेदारी का “अपना ही बोझ” उठाना है। (गलतियों ६:५) फिर भी, उन्हें मसीही भाई-बहनों का और स्वयं यहोवा परमेश्वर का प्रेम मिल सकता है। उसके बारे में बाइबल कहती है: “वह अनाथ और विधवा का सहारा है।” (भजन १४६:९, NHT) उसके प्रेममय सहारे के साथ, एक-जनक परिवार सफल हो सकते हैं!
a यदि एक युवा मसीही अनैतिक चालचलन के कारण गर्भवती हो जाती है, तो मसीही कलीसिया किसी भी हालत उसकी करनी को अनदेखा नहीं करती। लेकिन यदि वह पश्चाताप करती है, तो कलीसिया प्राचीन और कलीसिया में दूसरे जन शायद उसकी मदद करना चाहें।
b हम उन स्थितियों का उल्लेख नहीं कर रहे हैं जिनमें शायद एक दुर्व्यवहारी जनक से बच्चे का बचाव करने की ज़रूरत पड़े। साथ ही, यदि दूसरा जनक आपके अधिकार को कमज़ोर बनाने की कोशिश करता है, शायद इस विचार से कि बच्चों को आपको छोड़ने के लिए फुसला ले, तो शायद यह अच्छा होगा कि इस स्थिति को संभालने के सम्बन्ध में सलाह के लिए अनुभवी मित्रों, जैसे कि मसीही कलीसिया में प्राचीनों से बात करें।