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वह हमारी सीमाएँ जानता हैप्रहरीदुर्ग—2009 | अक्टूबर 1
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लेकिन अगर वह दो चिड़ियाँ भी नहीं चढ़ा पाता, तब क्या? कानून बताता है: “तो वह अपने पाप के कारण अपना चढ़ावा एपा का दसवां भाग [यानी करीब 1 किलो] मैदा पापबलि करके ले आए।” (आयत 11) यह आयत दिखाती है कि यहोवा ने गरीबों को यह छूट दी थी कि वे ऐसा बलिदान चढ़ा सकते हैं, जिसमें लहू नहीं होता।a इसलिए इसराएल में चाहे एक इंसान कितना भी गरीब क्यों न हो, वह अपने पापों की माफी पा सकता था और परमेश्वर के साथ दोबारा एक अच्छा रिश्ता कायम कर सकता था।
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वह हमारी सीमाएँ जानता हैप्रहरीदुर्ग—2009 | अक्टूबर 1
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a इसराएलियों को अपने पापों की माफी, बलिदान किए हुए जानवरों के लहू के आधार पर मिलती थी। और परमेश्वर की नज़र में लहू पवित्र है। (लैव्यव्यवस्था 17:11) तो क्या इसका मतलब है कि गरीब लोग जो मैदा चढ़ाते थे, परमेश्वर के सामने उसकी कोई कीमत नहीं होती? ऐसा नहीं है। यहोवा उनका दिल देखता था और वे जिस नम्रता और खुशी से बलिदान चढ़ाते थे, उन भावनाओं की वह बहुत कदर करता था। इसके अलावा, साल में एक बार यानी प्रायश्चित दिन में सभी इसराएलियों, यहाँ तक कि गरीबों के पापों की माफी के लिए जानवरों की बलि चढ़ायी जाती थी।—लैव्यव्यवस्था 16:29, 30.
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