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“हमारे परमेश्वर की कोमल करुणा”यहोवा के करीब आओ
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10 यिप्तह के दिनों में जो हुआ आइए उस पर गौर करें। इस्राएली झूठे देवताओं की उपासना करने लगे थे, इसलिए यहोवा ने 18 साल तक अम्मोनियों को उन पर ज़ुल्म ढाने दिया। आखिरकार, इस्राएलियों ने पश्चाताप किया। बाइबल हमें बताती है: “तब उन्होंने पराए देवताओं को अपने मध्य से अलग कर दिया और यहोवा की उपासना की; और यहोवा इस्राएल की दुर्दशा को और अधिक न देख सका।”b (NHT) (न्यायियों 10:6-16) उसके लोगों ने जब सच्चा पश्चाताप ज़ाहिर किया, तब यहोवा उन्हें और तकलीफ सहते हुए नहीं देख सका। इसलिए कोमल करुणा के परमेश्वर ने यिप्तह को शक्ति दी कि वह इस्राएलियों को उनके शत्रुओं के हाथ से छुड़ाए।—न्यायियों 11:30-33.
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“हमारे परमेश्वर की कोमल करुणा”यहोवा के करीब आओ
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b “और अधिक न देख सका” इस पद का शाब्दिक अर्थ है कि वह “अधीर हो उठा; उसका धैर्य जवाब दे गया।” नयी हिन्दी बाइबिल कहती है: “प्रभु का प्राण इस्राएलियों के कष्ट के कारण अधीर हुआ!” बुल्के बाइबल इस आयत का अनुवाद यूँ करती है: “प्रभु से इस्राएल की दुर्गति नहीं देखी गयी।”
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