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  • उसने अपने परमेश्‍वर में दिलासा पाया
    प्रहरीदुर्ग—2012 | जनवरी 1
    • एलिय्याह का डर और चिंता दूर करने के लिए यहोवा ने क्या किया? स्वर्गदूत ने एलिय्याह से कहा कि वह गुफा के मुँह पर खड़ा हो जाए। एलिय्याह ने ऐसा ही किया, उसे नहीं मालूम था कि आगे क्या होनेवाला है। एक ज़बरदस्त आँधी चली! उसके शोर से कान के परदे फटने लगे होंगे, क्योंकि वह इतनी शक्‍तिशाली थी कि उससे पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं। कल्पना कीजिए, एलिय्याह अपने एक हाथ से अपनी आँखें ढक रहा है और दूसरे हाथ से अपने भारी कपड़े को थामे रखने की कोशिश कर रहा है। फिर उसे अपना संतुलन बनाए रखने में मुश्‍किल होने लगी, क्योंकि एक बहुत बड़े भूकंप की वजह से धरती हिलने लगी। अभी वह ठीक-से सँभल भी नहीं पाया था कि एक बहुत बड़ी आग वहाँ से गुज़री और एलिय्याह को उसकी भयंकर ताप से बचने के लिए गुफा के अंदर वापस जाना पड़ा।—1 राजा 19:11, 12.

      आँधी, भूकंप और आग के बाद हर बार बाइबल याद दिलाती है कि यहोवा कुदरत के इन शक्‍तिशाली प्रदर्शनों में नहीं था। एलिय्याह को मालूम था कि यहोवा, बाल की तरह कोई मनगढ़ंत प्रकृति-देवता नहीं है। बाल को उसके पथभ्रष्ट उपासक “बादलों की सवारी करनेवाला,” यानी बरसात का देवता समझते थे। यहोवा ही कुदरत में पायी जानेवाली ज़बरदस्त शक्‍ति का असली स्रोत है। साथ ही वह अपनी बनायी सारी चीज़ों से कहीं ज़्यादा महान है। यहाँ तक कि वह स्वर्ग में भी नहीं समा सकता! (1 राजा 8:27) इन सब बातों से एलिय्याह को कैसे मदद मिली? याद कीजिए कि वह कितना डर रहा था। जब असीमित शक्‍ति का मालिक यहोवा परमेश्‍वर उसके साथ है, तो उसे अहाब और ईज़ेबेल से डरने की क्या ज़रूरत!—भजन 118:6.

      आग गुज़रने के बाद सबकुछ शांत हो गया और एलिय्याह को “एक दबा हुआ धीमा शब्द सुनाई दिया।” उस आवाज़ ने एलिय्याह को फिर से अपने दिल की बात बताने के लिए कहा और एलिय्याह ने दूसरी बार ऐसा किया।b तब उसका दिल हल्का हो गया होगा। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि उस ‘दबे हुए धीमे शब्द’ ने आगे जो कहा, उससे एलिय्याह को और दिलासा मिला होगा। यहोवा ने एलिय्याह को भरोसा दिलाया कि वह बेकार नहीं है। किस तरह? परमेश्‍वर ने उसे बताया कि इसराएल से बाल की उपासना को जड़ से मिटाने के लिए भविष्य में क्या-क्या होनेवाला है। इससे पता चलता है कि एलिय्याह का काम बेकार नहीं गया था, क्योंकि परमेश्‍वर का मकसद आगे बढ़ता जा रहा था और उसे कोई भी पूरा होने से रोक नहीं सकता था। इसके अलावा, परमेश्‍वर के मकसद में एलिय्याह की भूमिका अभी खत्म नहीं हुई थी, क्योंकि यहोवा ने उसे कुछ खास निर्देश देकर वापस भेजा।—1 राजा 19:12-17.

  • उसने अपने परमेश्‍वर में दिलासा पाया
    प्रहरीदुर्ग—2012 | जनवरी 1
    • b इस ‘दबे हुए धीमे शब्द’ का स्रोत शायद वही स्वर्गदूत होगा जिसने 1 राजा 19:9 में ‘यहोवा का वचन’ एलिय्याह को पहुँचाया था। आयत 15 में इस स्वर्गदूत को सिर्फ “यहोवा” कहा गया है। शायद हमें उस स्वर्गदूत का ध्यान आए जिसने यहोवा के कहे मुताबिक वीराने में इसराएलियों को रास्ता दिखाया था और जिसके बारे में परमेश्‍वर ने कहा: “उस में मेरा नाम रहता है।” (निर्गमन 23:21) हम यह दावे के साथ तो नहीं कह सकते, लेकिन गौरतलब है कि यीशु धरती पर आने से पहले “वचन” यानी यहोवा के सेवकों से बात करनेवाला खास प्रवक्‍ता था।—यूहन्‍ना 1:1.

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