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  • उसने अपने लोगों को बचाने के लिए कदम उठाया
    उनके विश्‍वास की मिसाल पर चलिए
    • 22. एस्तेर राजा के सामने जाने से क्यों डर रही थी? (फुटनोट भी देखें।)

      22 जब एस्तेर ने यह संदेश सुना तो उसका दिल डूब गया होगा। अब उसके विश्‍वास की सबसे बड़ी परीक्षा होनेवाली थी। वह बहुत डर गयी और यह बात उसने मोर्दकै को साफ बतायी। उसने मोर्दकै को राजा का यह कानून याद दिलाया कि अगर कोई बिन बुलाए राजा के सामने जाएगा तो उसे मौत की सज़ा दी जाएगी। वह सिर्फ तभी बच सकता है अगर राजा उसकी तरफ अपना सोने का राजदंड बढ़ाएगा। एस्तेर के पास यह उम्मीद करने की कोई वजह नहीं थी कि उसके साथ कोई रिआयत की जाएगी। जब रानी वशती को राजा का हुक्म तोड़ने पर सज़ा दी गयी थी, तो एस्तेर को यह कानून तोड़ने पर कैसे बख्शा जाएगा? एस्तेर ने मोर्दकै को बताया कि पिछले 30 दिन से राजा ने उससे मिलने के लिए नहीं बुलाया है! राजा इतने दिनों से उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, यह देखकर एस्तेर ने सोचा होगा कि कहीं राजा का दिल उससे उठ तो नहीं गया है, क्योंकि वैसे भी उसके मिज़ाज का कोई भरोसा नहीं था।e​—एस्ते. 4:9-11.

  • उसने अपने लोगों को बचाने के लिए कदम उठाया
    उनके विश्‍वास की मिसाल पर चलिए
    • e क्षयर्ष प्रथम इस बात के लिए जाना जाता था कि वह बहुत ही तुनक-मिज़ाज का था और गुस्सा होने पर खूँखार हो जाता था। यूनानी इतिहासकार हिरॉडटस ने इसकी कुछ मिसालें दर्ज़ की थीं। जब क्षयर्ष ने यूनान से युद्ध किया तो उस दौरान उसने हुक्म दिया कि हेलेस्पोन्ट जलसंधि में जहाज़ों को साथ रखकर पुल बनाया जाए। मगर फिर एक आँधी में वह पुल बरबाद हो गया। तब क्षयर्ष ने हुक्म दिया कि जिन कारीगरों ने वह पुल बनाया था उनका सिर काट दिया जाए। यहाँ तक कि उसने हेलेस्पोन्ट के पानी को भी “सज़ा” दी। उसने हुक्म दिया कि उस पानी को अपमान की बातें सुनायी जाएँ और उस दौरान उस पर कोड़े बरसाए जाएँ। उसी युद्ध के समय जब एक अमीर आदमी ने क्षयर्ष से बिनती की कि उसके बेटे को सेना में भर्ती होने से छूट दी जाए, तो क्षयर्ष ने उसके बेटे के दो टुकड़े करवा दिए और उसकी लाश की नुमाइश करवायी ताकि सबको सबक मिले।

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