शुतुरमुर्ग और सारस
इस तथ्य के अलावा, कि दोनों बड़े, सपक्ष और लम्बे पाँव के परदार प्राणी हैं, शुतुरमुर्ग और सारस के बीच बहुत कम समानताएँ हैं। कई आदतों में वे बिल्कुल भिन्न हैं।
उड़ान के वक्त सारस मनोहरता की मूर्ति है। उसका बृहत् पंख-विस्तार ८.५ फूट (२.६ मीटर) तक पहुँच सकता है। उनकी आश्चर्यजनक उड़ान-शक्ति के कारण कुछ सारस दक्षिण के दूरस्त देशों में शीतकाल बिताते हैं। शुतुरमुर्ग इतने अनुगृहीत नहीं है। उनके पंखों को उद्वेग से फड़फड़ाने पर भी, उनके बड़े शरीर पृथ्वी से बँधे हुए रहते हैं। इसलिए बाइबल पूछती है: “फिर शुतुरमुर्गी अपने पंखों को आनन्द से फुलाती है, परन्तु क्या उसे सारस के पंख और पक्षति हैं?”—अय्यूब ३९:१३, न्यू.व.
जब गुस्सा या क्रोध दिलाया गया, एक शुतुरमुर्ग ४० मील प्रति घंटे (६४ कि.मी/घंटे) की तेज़ी में, अपने पंखों की मदद से दौड़ सकता है। जैसे बाइबल बताती है: “जिस समय वह सीधी होकर अपने पंख फैलाती है, तब घोड़े और उसके सवार दोनों को कुछ नहीं समझती है।” (अय्यूब ३९:१८) एक प्रेक्षक ने एक शुतुरमुर्ग को एक घोड़े का पीछा करते और उसे शक्तिशाली लात मारते हुए देखा।
इन दो पक्षियों के बीच वैशम्य दिखलानेवाली विशेषताएं हैं। इब्रानी भाषा में सारस का नाम एक ऐसे शब्द से निकाला गया है, जिसका अर्थ “दयालुता” या “सच्चा प्रेम” है। यह नाम कितना उपयुक्त है! देशान्तरण के लिए अलग होने के बाद, सारसों का जोड़ा साल साल वही घोंसले में मिलते रहते हैं। वे घोसले के पुन:निर्माण, अण्डे सेने में और अण्डे से निकले हुए नए चूज़ों की देखभाल में भाग लेते हैं। साधारणतः पोटे में चार होते हैं और कई हफ्ते माता-पिता उन्हें खिलाने में व्यस्त रहते हैं। लरूस एनसाइक्लोपीडिया ऑफ ऑनिमल लाइफ कहता है: “उनकी उम्र दो महीने होने पर ही, ये छोटे सारस उनके माता-पिता के साथ, अपनी पहली उड़ान कर सकते हैं, जो तब भी उनकी देख-रेख करते हैं और शिकार करने के लिए सिखाते हैं।”
तुलना में, शुतुरमुर्ग खतरा बहुसंगमनी हैं, और मुर्गियाँ अपने अण्डों के बारे में ज़्यादा चिन्तित नहीं है। इन्हें एक सामुदायिक घोसले में एकत्रित किए जाते हैं, लेकिन कुछों को बाहर भी छोड़े जाते हैं। जब शुतुरमुर्ग खतरा महसूस करते हैं, उनके अण्डों को या चूज़ों को अल्पकालिक रूप से त्याग देते हैं।
ऐसी प्रतीयमान उपेक्षा, मादा-शुतुरमुर्ग के बारे में दी गई, बाइबल के वर्णन से मिलती है: “वह तो अपने अण्ड़े भूमि पर छोड़ देती हैं . . . और इसकी सुधि नहीं रखती, कि वे पांव से कुचले जाएंगे . . . वह अपने बच्चों से ऐसी कठोरता करती है कि मानो उसके नहीं है।” (अय्यूब ३९:१४-१६) पक्षिविज्ञानी डॉ.आर.सी.मर्फी और डॉ.डी.ॲमडॉन कहते हैं: “बाइबल के बहुत कम पाठक यह समझते हैं कि यह लेखांश कितना सही है।”
शुतुरमुर्गों के सिर छोटे हैं और उनका दिमाग एक अखरोट जितना है। यह चिड़िया-घर निर्देशक टेरी मर्फी का लिखने का कारण स्पष्ट करता है: “अगर कोई ऐसा एक वर्ग है, जो इस नियम के अयोग्य हैं, कि पक्षियाँ बुध्दिमान प्राणी हैं, तो वह शुतुरमुर्ग का वर्ग है।”
अपनी पुस्तक सम ऑफ माय बेस्ट फ्रेन्ड्स आर ऑनिमल्स में मर्फी वर्णन करते हैं कि कैसे एक शुतुरमुर्ग ने एक ठंडी रात को बाड़ के पास सोने से ठिठुराकर मर गया। दूसरे एक ने अपनी गर्दन को बाड़ के दो छेदों के बीच फँसाने से गला घुटंकर मर गया। मर्फी ने लिखा, “लेकिन उनके बारे में सब से हास्यस्पद विषय उनकी खाने की चीज़ें हैं।”
हाल में, जब एक पर्यटक एक शुतुरमुर्ग का निकट-शॉट लेने की कोशिश कर रहा था, उसकी कैमरा उसकी पकड़ से छीन लिया गया। उसने निराशा से उसे शुतुरमुर्ग के लम्बे गर्दन से आहिस्ता नीचे निकलते हुए देखा! द गिन्नस बुक ऑफ ऑनिमल फॉक्ट्स ऑन्ड फीट्स निम्नलिखित वस्तुओं की सूची देती है जो एक नमूने के पेट में पाया गया: “एक ३ फुट लम्बी रस्सी का अंश, फिल्म की गड़ारी, एक अलारम घड़ी की चाबी, एक साइकल वाल्व, एक कंगी, एक पेंसिल, तीन दस्तानें, एक रूमाल, दस्ताना-बन्धक, सोने के हार के कुछ टुकड़ें, दो कालर के बटन, बेलजियम का एक सिक्का, दो दमड़ी और चार आधा-पेनी।”
बाइबल उचित रीति से शुतुरमुर्गी के बारे में कहती है: “क्योंकि ईश्वर ने उस से बुद्धि भुलाई।” (अय्यूब ३९:१७, न्यू.व.) क्या ऐसे कहने में यह समाविष्ट है कि सृष्टिकर्ता ने एक भूल की? कभी नहीं। वास्तव में यह प्रतीयमान उपेक्षा शुतुरमुर्ग की प्रतिरक्षा के लिए काम करती हैं। उन अण्ड़ों का जिन्हें लापरवाह रीति से घोसले के बाहर छोड़े जाते हैं, कभी-कभी नए चूज़ों को खिलाने में उपयोग किए जाते हैं। और, क्योंकि शुतुरमुर्ग के दाँत नहीं है, प्राकृतिक वस्तुओं का निगरण, जैसे पत्थर, पाचन के लिए महत्त्वपूर्ण है।
जब एक शुतुरमुर्गी अपने अण्डों का या चूज़ों का त्याग करती है, यह शत्रुओं का ध्यान भंग करता है। कभी कभी शुतुरमुर्ग यह करते हुए आश्चर्यजनक वीरता प्रदर्शित करते हैं। समीप आते हुए एक ट्रक को देखकर एक शुतुरमुर्गी अपनी चूज़ों को त्यागकर गाड़ी की ओर दौड़ चली! फिर वह अपनी एक पंख को नीचे झुकाकर चोट की अभिनय करती हुई गाड़ी की बगल की ओर दिशा बदल ली।
शुतुरमुर्ग और सारस, उसकी अगाध मानसिक विदग्धता की ओर, जिसने इन दोनों को इतने असमान रीति से बनाया, ध्यान खींचते हैं। (रोमियों ११:३३) जैसे भजनकार ने विस्मय से कहा: “हे यहोवा तेरे काम अनगिनत हैं! इन सब वस्तुओं को तू ने बुध्दि से बनाया है।”—भजन १०४:२४
[पेज 18, 19 पर तसवीरें]
मॉरबू सारस
शुतुरमुर्ग
सॉडिल-बिल सारस
वुड सारस