जवान लोग पूछते हैं . . .
कौन कहता है कि यह सिर्फ एक आकर्षण है?
“जब आप किशोरावस्था में थे, क्या आप किसी से आकर्षित हुए थे?” इस पुस्तिका के रिपोर्टर ने २१ से ७० तक के उम्रवालों को इस प्रश्न का लक्ष्य बनाया। तात्कालिक प्रतिक्रिया? हँसी—और यादों की एक हलचल।
“मैंने?!” जेरी कहने लगा।a“मैं तो सिर्फ एक किशोर था, और मैं सचमुच एक लड़की से, जो मुझ से छः साल बड़ी थी, आकर्षित हो गया। वह सुन्दर थी—बड़ी भूरी आँखें! लेकिन मैंने अपनी भावनाओं को गुप्त रखा। मेरी माँ तक यह पहचान नहीं पायी कि मैं उस लड़की को चाहता था।”
वॉलरी, जो अब एक शादी-शुदा औरत है, स्मरण करती है, “मैं अपने कला शिक्षक से बुरी तरह आकर्षित हो गयी। वह कितना सुन्दर था।” पीछे न रहती हुई, जेन जो दो बच्चों की माँ है, कहती है, “जब मैं एक किशोरी थी, मैं मेरे प्रिय गायक पर आकर्षित हो गयी। मैं सुबह जल्दी उठती ताकि उसके संगीत-समारोहों में मुझे सामने की पंक्ति में एक सीट मिलें। एक बार दो लडकियाँ और मैं उसके श्रंगार-कक्ष तक चले गए! लेकिन जब मैंने सचमुच उसे देखा, मैं तो सिर्फ वहाँ आश्चर्यचकित खड़ी रह सकी।” क्यों, हमारे ग्रुप के एक ज्येष्ठ सदस्य भी स्मरण करते हैं कि वे एक समय पर एक चित्रपट तारिका पर आकर्षित हुए थे!
जी हाँ, आप सयानों के कौन से भी समूह से पूछिए और आप पाएंगे कि उन में से प्रायः सभी, जब वे जवान थे, मदोन्मत या आकर्षित हुए थे। अकसर यह उन व्यक्तियों पर केन्द्रित था जो अलभ्य थे—शिक्षक, गायक या अधिक उम्र के पहचानवाले। एक मनोवैज्ञानी, कैथी मॉरीका, कहती है: “आकर्षित होना बढ़ते उम्र का एक भाग है। प्रायः सभी जवान लोग यह अनुभत करते हैं।” और अधिकांश इस प्रेमोन्माद से बच निकलते हैं—सम्पूर्ण आत्माभिमान और विनोद-वृत्ति के साथ। अवश्य ही, वर्षों बाद अधिकांश व्यक्तियाँ इस अनुभव को हँसी में उड़ा सकेंगे।
किन्तु जब आप आकर्षण की पकड़ में है, तब यह कोई हँसी में उड़ा देनेवाली बात नहीं लगती। जेरी स्मरण करता है, “मैं हतोत्साहित हो गया था क्योंकि मैं इसका कुछ नहीं कर सकता था, मैं जानता था कि वह मेरे लिए बड़ी थी, लेकिन मैं उसे चाहता था। मैं सचमुच इस विषय में बुरी तरह उलझ गया।” वॉलरी आगे कहती है: “मैंने अपने आप को अपने शिक्षक से विवाहित होने की कल्पना की। हमें चार बच्चे होंगे और हम एक सुन्दर घर में रहते। उसे भूलना वास्तव में बहुत मुश्किल था।”
किसी को चाहना, जिसे हम कभी भी पा नहीं सकते, दु:खदायी है। और यह सुनना कि आपको जो लगता है, सिर्फ एक बचकाना उन्माद है, पहले से बहतर महसूस होने नहीं देता। जहाँ तक आप से सम्बन्ध है आप की भावनाएँ सच है! आप सोचेंगे कि ‘जब मैं कहता हूँ कि मैं प्रेमासक्त हूँ तब कोई मुझ पर विश्वास क्यों नहीं करता?’
आकर्षण की संरचना
प्रेरित यूहन्ना कहता है, “प्रेम परमेश्वर से है।” (१ यूहन्ना ४:७) इसलिए किसी के लिए शक्तिशाली भावनाएं रखना कोई पाप नहीं है—बशर्ते कि ऐसे विचार अनैतिक या अनुचित नहीं (जैसे किसी शादीशुदा व्यक्ति के लिए होना)। किन्तु मसीही प्रेम सिद्धान्तों पर आधारित है और भावावेश पर नहीं। (१ कुरिन्थियों १३:४-७ से तुलना करें।) और बाइबल ऐसा प्रेम जवानों से नहीं बल्कि आध्यात्मिक रूप से प्रौढ या “पूर्ण विकसित” मसीहियों से सम्बन्धित करती है।—इफिसियों ४:१३-१५.
जब आप जवान हैं, “जवानी की अभिलाषाएं”, अक्सर आपके विचारों और कार्यो को नियंत्रित करती हैं। (२ तिमुथियुस २:२२) यह सच है, कि यौवनारम्भ नयी और तेज भावनाओं को प्रवर्तित करता है। हममें से अधिकांश को ऐसी इच्छाओं पर काबू रखने के लिए कई वर्ष लगते हैं। यह दिलचस्पी की बात है, कि यह पुस्तक द इन्डिविजुअल, मॉरेज ऑन्ड द फॉमिली आगे कहती है: “हमारा समाज रामोनी प्रेम के महत्त्व पर ज़ोर डालने के कारण, एक जवान व्यक्ति . . . उसके तैयार होने के बहुत पहले या रोमानी प्रेम दिखाने के लिए एक उचित उद्देश्य मिलने से पहले ही प्रेम की पूर्ति के सपने देखने लगता है।”
उत्तेजित रोमानी भावनाओं का होना—और उन्हें व्यय करने के लिए कोई न मिलना कितना निराशाजनक है! इसके अतिरिक्त, जैसे सेवन्टीन मासिक पत्र ने पाया, “अक्सर लडकियाँ, लड़कों से पहले स्थिर और मिलनसार हो जाते हैं।” परिणामस्वरूप “वे अक्सर ये पाते हैं कि” उनके पुंजातिय सहपाठी शिक्षकों की या कोई अन्य प्रौढ़, अलभ्य पुरुष की “तुलना में अप्रौढ़ और अनुत्तेजनीय लगते हैं।” इस तरह एक लड़की कल्पना कर सकती है कि एक प्रिय शिक्षक, पॉप गायक, या कोई अन्य प्रौढ़ परिचित व्यक्ति ही “आदर्श” पुरुष है। किन्तु, लड़के भी समान रूप से मदोन्मत हो सकते हैं।
फिर भी, उस मोहक शिक्षक या विषयासक्त गायक से एक वास्तविक रोमांस के विकास की सम्भावनाएं प्रायः शून्य है। प्रत्यक्षतः ऐसे दूरस्थ व्यक्तियों के लिए महसूस किए गए प्रेम वास्तविकता से ज्यादा कल्पना पर आधारित है। द इन्डिविजुअल, मॉरेज, ऑन्ड द फॉमिली के अनुसार यह कोई आश्चर्य की बात नहीं कि ऐसे प्रेमोन्माद “कुछ अल्पकालिक” है! या जैसे टीन मासिक पत्र ने कहा: “अधिकांश नौजवानों में प्रेमोन्माद उतना सामान्य है जितना सामान्य ज़ुकाम है।” किन्तु कुछ नौजवान, उनके स्वप्नलोक में डटे रहते हैं, यह आग्रह करते हुए कि वे वास्तविक प्यार का अनुभव कर रहे हैं।
आकर्षण—अहानिकर या हानिकर?
आप पूछेंगे, ‘लेकिन अगर प्राय: सभी आकर्षण का अनुभव करते हैं, तो फिर इस में क्या बुराई है?’ अस्तु, ‘प्रायः सभों’ ने खसरे का भी अनुभव किया है। तथ्य यह है कि आकर्षण हानिकर हो सकता है।
एक बात यह है कि, किशोर प्रेम के कई पात्र मसीही श्रद्धा के योग्य नहीं है। एक विवेकी व्यक्ति ने कहा था: “मूर्खता बड़ी प्रतिष्ठा के स्थानों में ठहराए जाते हैं।” (सभोपदेशक १०:६, न्यू.व.) इस तरह एक गायक की इसलिए पूजा की जाती है क्योंकि उसे एक मधुर स्वर या आकर्षक रूप है। लेकिन उसके नैतिक स्तर क्या हैं? क्या कई रॉक संगीत के आराध्य व्यक्तियों की जीवन-चर्य्या मुर्खतापूर्ण नहीं? बाइबल मसीहियों को चेतावनी देती है: “संसार से मित्रता परमेश्वर के साथ बैर है।” (याकूब ४:४ न्यू.व.) एक ऐसे व्यक्ति पर मन लगाना जिसका आचरण परमेश्वर निन्दित करता है; क्या यह आपका परमेश्वर के साथ के सम्बन्ध को दाँव पर नहीं रखेगा? एक विवाहित व्यक्ति की ओर कामुक भावनाएं रखना गलत है।—नीतिवचन ५:१५-१८.
बाइबल आगे कहती है: “अपने आप को मूरतों से बचाए रखो।”(१ यूहन्ना ५:२१) यह तब भी सच है जब एक पूजित व्यक्ति सामान्य तौर से स्वीकार्य जीतना बिता रहा है। आप इसका क्या कहेंगे जब एक नौजवान के कमरे के दीवारों को एक प्रिय गायक के चित्रों से सजाया गया है? क्या यह खतरनाक रूप से मूर्तिपूजा के सदृश नहीं है? अपने प्रिय गायक के बारे में एक जवान लड़की कहती है: “मैं उसकी पूजा नहीं करती हूँ”, किन्तु वह यह मानती है, “मैं हमेशा इस विशिष्ट व्यक्ति के बारे में सोचती रहती हूँ . . . मुझे इस व्यक्ति को अपने मन से निकालना ही है।”
यह सच है कि कई अपनी कल्पनाओं को समझदारी की अवहेलना करने देते हैं। एक मशहूर गायक पर अपनी प्रेमोन्माद के बारे में एक और लड़की लिखती है: ‘मैं चाहती हूँ कि वह मेरा प्रेमी हो और यह सच निकलने के लिए मैंने प्रार्थना तक की है! मैं उसके अलबम के साथ सो जाती थी क्योंकि मैं उसके निकट इससे अधिक नहीं जा सकती थी। मैं एक ऐसी स्थिति में हूँ, जहाँ, अगर मुझे वह नहीं मिल सकता, तो मैं अपने आप को खत्म करूँगी।’ क्या ऐसा बुद्धिहीन भावावेश परमेश्वर को प्रसन्न करेगा, जो हमें आदेश देता है कि हम उसे “सुबुद्धि” के साथ सेवा करें?—रोमियों १२:३.
बाइबल नीतिवचन १३:१२ में कहती है: “जब आशा पूरी होने में विलम्ब होता है, तो मन शिथिल होता है।” एक असाद्ध्य सम्बन्ध के लिए रोमानी ‘प्रतीक्षाओं’ को उत्पन्न करना आपको सचमुच अस्वस्थ कर देगा। डॉक्टरों के द्वारा उल्लिखित है, कि एकतरफा प्रेम “अवनमन, चिन्ता, और सर्विक व्यथा . . . निद्रा का अभाव या सुस्ती, छाती में दर्द या साँस लेने में तकलीफ के कारण बन जाते हैं।
उस बरबादी का भी सोचिए जो आप लायेंगे जब आप कोई स्वैरकल्पना को आपके जीवन को नियंत्रित करने देंगे। डॉ. लॉरेन्स बॉमॉन कहते हैं, कि एक अल्पकालिक प्रेमोन्माद के पहले लक्षणों में एक, “पाठशाला कार्यों में लापरवाह होना” है। मित्रों और परिवार से अलगात भी, आकर्षित होने के सामान्य परिणाम हैं। (नीतिवचन १८:१ से तुलना करें।) “मेरा परिवार भी मेरे आचरण से परेशान था”, ऐसे एक जवान लड़की ने कबूल किया, जो दूसरे सभों की उपेक्षा करती हुई एक मशहूर गायक से “प्रेम” करती थी।
तब भी, जब कोई भी घोर परिणाम नहीं निकलता, अपने आप को मूर्ख बना देने का अपमान रह जाता है। लेखक गिल श्वाट्स कहते हैं, “यह कहते हुए मैं शरमिन्दा हूँ, लेकिन जूड़ी से मेरे आकर्षण के दौरान मैंने एक मसखरे के समान व्यवहार किया।” एक आकर्षण का गायब होने के बाद भी आपका किसी व्यक्ति का पीछा करने या लोगों के सामने तमाशा खड़ा करने की यादें देर तक रहती हैं।
खुशी की बात है, उन वयस्कों की तरह जिनका शुरुआत में उल्लेख किया गया है, अधिकांश नौजवान इन आकर्षणों से बढ़ निकलते हैं। और जो नहीं निकल पाते, उन्हें एक भावी आलेख मदद करेगी। इस बीच, सब से उत्तम उपदेश यह है कि एक आकर्षण की असलियत को पहचान लेना—एक युवा स्वैरकल्पना।
शायद ‘प्रेम करके खोने’ में कोई अच्छाई हो। किन्तु कभी भी एक निराशाजनक आकर्षण आपके जीवन को नियंत्रित करने या आपकी भावनाओं को अपव्यय करने न देना। लेखक गिल श्वाट्स स्मरण करते हैं कि यह कितना व्यर्थ है। वे याद करते हैं, “मैंने जुड़ी में जितना भावावेश और उपाय लगाया, उसके बावजूद, मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि वह मेरे बारे में विचार तक नहीं की होगी।”
[फुटनोट]
a कुछ नाम बदल दिए गए हैं।
[पेज 15 पर तसवीर]
उम्र में बड़े—अप्राप्य—सदस्यों पर प्रतिजाति का प्रेमोन्माद बहुत सामान्य है