वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी
वॉचटावर
ऑनलाइन लाइब्रेरी
हिंदी
  • बाइबल
  • प्रकाशन
  • सभाएँ
  • यहोवा बचे हुओं पर दया करता है
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • “यहोवा की डाली”

      5, 6. (क) यशायाह आनेवाले तूफान के बाद की शांति का वर्णन कैसे करता है? (ख) “डाली” शब्द का क्या मतलब है, और यह यहूदा देश के बारे में क्या बताता है?

      5 इस आनेवाले तूफान के बाद शांति के माहौल के बारे में यशायाह प्यार भरे अंदाज़ में भविष्यवाणी करता है। वह लिखता है: “उस दिन यहोवा की डाली सुन्दर [“शिरोमणि,” NW] और भव्य होगी, तथा पृथ्वी का फल शेष बचे इस्राएलियों के लिए गर्व और आभूषण ठहरेगा।”—यशायाह 4:2, NHT.

      6 यशायाह यहाँ दोबारा बसाए जाने या बहाल किए जाने का ज़िक्र कर रहा है। जिस इब्रानी संज्ञा का यहाँ “डाली” अनुवाद किया गया है उसका मतलब है, ‘अंकुर फूटना, टहनी या डाली निकलना।’ इस शब्द से खुशहाली, बढ़ोतरी और यहोवा की आशीषों की तसवीर मन में उभर आती है। इस तरह यशायाह एक आस बँधाता है कि आनेवाली तबाही का असर हमेशा तक नहीं रहेगा। जो यहूदा देश पहले कभी फल-फूल रहा था, यहोवा की आशीष से उसमें फिर से बहार आएगी और धरती अपनी उपज देगी।a—लैव्यव्यवस्था 26:3-5.

      7. यहोवा की डाली किस तरह ‘शिरोमणि और भव्य’ होगी?

      7 यह बदलाव कितना शानदार होगा, इसका यशायाह बहुत ही खूबसूरती से बयान करता है। यहोवा की डाली ‘शिरोमणि और भव्य’ होगी। यहाँ ‘शिरोमणि’ शब्द, हमें वादा किए हुए उस देश की खूबसूरती याद दिलाता है, जिसे सदियों पहले यहोवा ने इस्राएल को दिया था। वह देश इतना सुन्दर था कि उसे “सब देशों का शिरोमणि [“नगीना,” न्यू अमेरिकन बाइबल]” कहा गया था। (यहेजकेल 20:6) इस तरह यशायाह के शब्द लोगों को यह यकीन दिलाते हैं कि यहूदा देश की महिमा और सुन्दरता फिर से लौट आएगी। जी हाँ, यह सारी पृथ्वी का ताज बन जाएगा।

      8. फिर से बसाए गए यहूदा देश की सुन्दरता का मज़ा कौन उठाएगा और यशायाह उनकी भावनाओं के बारे में क्या कहता है?

      8 लेकिन, इस देश की सुन्दरता का मज़ा उठाने के लिए कौन रहेगा? यशायाह लिखता है, ‘शेष बचे इस्राएली’ इसका आनंद लेंगे। जी हाँ, कुछ लोग भविष्यवाणी में बताए गए उस शर्मनाक विनाश से बच जाएँगे। (यशायाह 3:25,26) इन बचे हुए शेष इस्राएलियों का एक दल यहूदा वापस जाएगा और इसे फिर से बसाने में हाथ बँटाएगा। दोबारा बहाल किए गए इस देश की भरपूर उपज, लौटनेवाले इन “शेष बचे” इस्राएलियों के लिए “गर्व और आभूषण” ठहरेगी। (यशायाह 4:2, NHT) इस तरह विनाश की वजह से हुए अपमान के बाद अब वे एक बार फिर गर्व महसूस कर सकेंगे।

      9. (क) यशायाह के शब्दों के मुताबिक, सा.यु.पू. 537 में क्या हुआ? (ख) ऐसा क्यों कहा जा सकता है कि “शेष बचे इस्राएलियों” में कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे जो बाबुल की बंधुआई के दौरान पैदा हुए थे? (फुटनोट देखिए।)

      9 यशायाह ने जैसा कहा था ठीक वैसा ही हुआ। सा.यु.पू. 607 में न्यायदंड की आँधी तब चली जब बाबुलियों ने आकर यरूशलेम को नाश किया और बहुत-से इस्राएलियों को मौत के घाट उतार दिया। जो बच गए थे उन्हें बंदी बनाकर बाबुल ले जाया गया। लेकिन अगर यहोवा उन पर तरस ना खाता तो एक भी आदमी ना बचता। (नहेमायाह 9:31) आखिर में, यहूदा देश को उजाड़ छोड़ दिया गया। (2 इतिहास 36:17-21) कुछ समय बाद सा.यु.पू. 537 में, दया के सागर यहोवा परमेश्‍वर ने “शेष बचे इस्राएलियों” को यहूदा लौटाकर फिर से सच्ची उपासना शुरू करने का मौका दिया।b (एज्रा 1:1-4; 2:1) बाबुल की बंधुआई से छूटकर लौटनेवालों के दिल में प्रायश्‍चित की बहुत गहरी भावना थी और यह भजन 137 में बखूबी बयान की गयी है, जिसे शायद बाबुल की बंधुआई के दौरान या उसके बाद लिखा गया था। यहूदा आकर उन्होंने ज़मीन जोती और बीज बोये। सोचिए उस वक्‍त उन्हें कैसा महसूस हुआ होगा जब उन्होंने देखा कि यहोवा उनकी मेहनत पर आशीष दे रहा है और उनकी ज़मीन इस कदर फल-फूल रही है जैसे “एदेन की बारी” थी!—यहेजकेल 36:34-36.

      10, 11. (क) बीसवीं सदी की शुरूआत में बाइबल विद्यार्थी किस तरह ‘बड़े बाबुल’ की कैद में थे? (ख) यहोवा ने कैसे शेष बचे आत्मिक इस्राएलियों को आशीष दी?

      10 हमारे दिनों में भी ऐसे ही दोबारा बसाए जाने या बहाल किए जाने का काम हुआ है। बीसवीं सदी की शुरूआत में यहोवा के साक्षी, जिन्हें उस वक्‍त बाइबल विद्यार्थियों के नाम से जाना जाता था, आध्यात्मिक तरीके से ‘बड़े बाबुल’ यानी, एक साम्राज्य की तरह सारी दुनिया पर हुकूमत करनेवाले झूठे धर्म की जकड़ में आ गए। (प्रकाशितवाक्य 17:5) हालाँकि इन बाइबल विद्यार्थियों ने झूठे धर्म की बहुत-सी शिक्षाओं को ठुकरा दिया था, मगर अब भी उनके दामन पर झूठे धर्म के विचारों और रस्मो-रिवाज़ के कुछ दाग लगे हुए थे। पादरियों के भड़काए विरोध की वजह से उनमें से कुछ लोगों को सचमुच कैद की सज़ा हो गई। उनका आध्यात्मिक देश यानी उनकी धार्मिक या आध्यात्मिक भूमि उजाड़ दी गयी।

      11 मगर सन्‌ 1919 के वसंत में, यहोवा ने शेष बचे इन आत्मिक इस्राएलियों पर दया दिखायी। (गलतियों 6:16) उसने उनका पश्‍चाताप देखा और सच्चाई से परमेश्‍वर की उपासना करने की गहरी इच्छा भी देखी। इसलिए परमेश्‍वर ने न सिर्फ उन्हें कैद से रिहा करवाया बल्कि उन्हें आध्यात्मिक बेड़ियों से भी आज़ादी दिलायी और यह आज़ादी उनके लिए ज़्यादा मायने रखती थी। इन ‘शेष बचे हुओं’ को फिर से उनके आध्यात्मिक देश में बसाया गया, जो यहोवा की आशीष से बेहद फलने-फूलने लगा। यह आध्यात्मिक देश इतना सुंदर और आकर्षक बन गया कि परमेश्‍वर का भय माननेवाले और भी लाखों लोग इसकी तरफ खिंचकर आने लगे और आज वे शेष बचे हुओं के साथ मिलकर सच्ची उपासना कर रहे हैं।

      12. यशायाह के शब्दों से, अपने लोगों के लिए यहोवा की दया कैसे साफ नज़र आती है?

      12 यशायाह के शब्दों से, अपने लोगों के लिए यहोवा की दया साफ नज़र आती है। हालाँकि, पूरी इस्राएल जाति ने यहोवा के खिलाफ बगावत की थी, मगर उनमें से जिन थोड़े लोगों ने पश्‍चाताप किया उन पर यहोवा ने दया की। यह जानकर हमें कितनी राहत मिलती है कि जो लोग गंभीर पाप करते हैं वे भी यहोवा के पास लौट सकते हैं। उन्हें कभी निराश नहीं होना पड़ेगा। अपने पापों से पश्‍चाताप करनेवाले इन लोगों को यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि वे ऐसे पापी हैं जो यहोवा की दया के लायक नहीं, क्योंकि यहोवा कभी-भी टूटे और पिसे हुए मन को नहीं ठुकराता। (भजन 51:17) बाइबल हमें यकीन दिलाती है: “यहोवा दयालु और अनुग्रहकारी, विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करुणामय है। जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।” (भजन 103:8, 13) बेशक, ऐसे दया के सागर परमेश्‍वर की हमें हर तरीके से स्तुति और तारीफ करनी चाहिए!

  • यहोवा बचे हुओं पर दया करता है
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • a कुछ विद्वानों के मुताबिक “यहोवा की डाली,” ये शब्द असल में मसीहा की ओर इशारा करते हैं, जिसे यरूशलेम के फिर से बसाए जाने के बाद ही प्रकट होना था। इब्रानी शास्त्र के अरामी भाषा के अनुवाद में, इन शब्दों का मतलब यूँ समझाया गया है: “यहोवा का [अभिषिक्‍त] मसीहा।” गौर करने लायक बात यह है कि बाद में यिर्मयाह ने भी मसीहा के बारे में बात करते वक्‍त इसी इब्रानी संज्ञा (सीमाख) का इस्तेमाल किया। उसने मसीहा को दाऊद के वंश से निकलनेवाली “एक धर्मी डाली” कहा।—यिर्मयाह 23:5; 33:15, NHT.

      b “शेष बचे इस्राएलियों” में वे लोग भी शामिल थे जो बाबुल की बंधुआई के दौरान पैदा हुए थे। इन्हें “बचे” हुए कहा जा सकता है, क्योंकि अगर उनके माता-पिता विनाश से न बचते तो वे कभी पैदा ही न होते।—एज्रा 9:13-15. इब्रानियों 7:9,10 से तुलना कीजिए।

हिंदी साहित्य (1972-2025)
लॉग-आउट
लॉग-इन
  • हिंदी
  • दूसरों को भेजें
  • पसंदीदा सेटिंग्स
  • Copyright © 2025 Watch Tower Bible and Tract Society of Pennsylvania
  • इस्तेमाल की शर्तें
  • गोपनीयता नीति
  • गोपनीयता सेटिंग्स
  • JW.ORG
  • लॉग-इन
दूसरों को भेजें