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  • विश्‍वासघात करनेवाली दाख की बारी पर हाय!
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 2 यशायाह यह दृष्टांत बताना शुरू करता है: “अब मैं अपने प्रिय के लिये और उसकी दाख की बारी के विषय में गीत गाऊंगा: एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बारी थी। उस ने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उस ने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उस ने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं।”—यशायाह 5:1,2; मरकुस 12:1 से तुलना कीजिए।

  • विश्‍वासघात करनेवाली दाख की बारी पर हाय!
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • 4 दाख की बारी से फल पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। यशायाह बताता है कि बारी के मालिक ने ‘मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीने।’ ऐसे काम में ना सिर्फ घंटों सख्त मेहनत करनी पड़ती है बल्कि इसमें हालत भी पस्त हो जाती है! फिर इस मालिक ने इनमें से बड़े-बड़े पत्थर लेकर “एक गुम्मट बनाया।” पुराने ज़माने में ऐसे गुम्मट पहरेदारों के लिए चौकी का काम करते थे, जहाँ खड़े होकर वे बारी पर नज़र रखते थे और चोरों और जानवरों से फसल की रक्षा करते थे।a उसने सीढ़ीदार बारी के किनारे-किनारे पत्थर की दीवारें भी बनायीं। (यशायाह 5:5) यह अकसर इसलिए किया जाता था ताकि मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ परत जो पौधों के लिए बहुत ज़रूरी थी, पानी में बह न जाए।

      5. दाख की बारी का मालिक क्या उम्मीद करता है, मगर उसे क्या हासिल होता है?

      5 अपनी दाख की बारी की देखभाल करने में खून-पसीना एक करने के बाद, मालिक का यह उम्मीद करना वाजिब है कि उसकी बारी अच्छा फल लाए। इसी उम्मीद के सहारे वह दाखरस निकालने के लिये एक कुण्ड भी खोदता है। लेकिन क्या उसकी उम्मीदें पूरी होती हैं? जी नहीं, अच्छे फल के बजाय दाख की बारी में जंगली अंगूर पैदा होते हैं।

  • विश्‍वासघात करनेवाली दाख की बारी पर हाय!
    यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
    • a कुछ विद्वानों का कहना है कि पत्थरों से बनाए गए गुम्मट के बजाय आम तौर पर कच्चा-सा छप्पर या झोंपड़ा बनाया जाता था और इसमें खर्च भी कम होता था। (यशायाह 1:8) तो फिर, बारी में एक गुम्मट का होना यह दिखाता है कि इसके मालिक ने अपनी “दाख की बारी” की देखभाल करने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी थी।

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