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शान्ति के शासक के आने का वादायशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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परमेश्वर की “व्यवस्था और साक्षी”
8. मार्गदर्शन पाने के लिए हमें किस “व्यवस्था और साक्षी” की तरफ जाना चाहिए?
8 यहोवा की व्यवस्था में जादू-टोना करने की साफ मनाही थी। यह नियम और परमेश्वर की दूसरी आज्ञाएँ यहूदा के लोगों से छिपी नहीं थीं बल्कि ये लिखित में मौजूद थीं। और आज परमेश्वर का पूरा वचन लिखित रूप में मौजूद है। बाइबल ही वह वचन है जिसमें ना सिर्फ परमेश्वर के सभी नियम और आज्ञाएँ दर्ज़ हैं, बल्कि इसमें यह भी लिखा है कि परमेश्वर ने प्राचीनकाल में अपने चुने हुए लोगों के साथ कैसा व्यवहार किया था। यहोवा के व्यवहार के बारे में बाइबल की ये घटनाएँ एक साक्षी या गवाही हैं जो हमें उसके स्वभाव और उसके गुणों के बारे में सिखाती हैं। इसलिए इस्राएलियों को मरे हुओं से पूछताछ करने के बजाय, मार्गदर्शन पाने के लिए कहाँ जाना चाहिए? यशायाह जवाब देता है: “व्यवस्था और साक्षी पर ध्यान दो!” (यशायाह 8:20क, NHT) जी हाँ, जो लोग सच्चा ज्ञान ढूँढ़ रहे हैं, उन्हें परमेश्वर के लिखित वचन में खोज करनी चाहिए।
9. बुरे काम ना छोड़नेवाले पापी बार-बार बाइबल के हवाले देने से क्या कोई फायदा पाएँगे?
9 कुछ इस्राएली जो भूतविद्या में फँसे हुए हैं, वे शायद यह दावा करते हैं कि वे परमेश्वर के लिखित वचन का दिल से आदर करते हैं। मगर उनके ये सारे दावे खोखले और एक ढकोसला हैं। यशायाह कहता है: “बेशक, वे इस वचन के अनुसार बोलते रहेंगे जिसमें भोर का उजियाला न होगा।” (यशायाह 8:20ख, NW) यशायाह यहाँ किस वचन की बात कर रहा है? शायद इस वचन की: “व्यवस्था और साक्षी पर ध्यान दो!” हो सकता है कि कुछ धर्मत्यागी इस्राएली, परमेश्वर के वचन का उसी तरह हवाला देकर बात करते हैं, जैसे आज के धर्मत्यागी और दूसरे लोग बाइबल के हवाले दे-देकर बातें करते हैं। मगर उनकी सारी बातें सिर्फ एक ढकोसला हैं। बाइबल के हवाले देने से उन्हें “भोर का उजियाला न” मिलेगा यानी यहोवा से उन्हें ज्ञान की रोशनी नहीं मिलेगी। क्योंकि वे बाइबल के हवाले तो देते हैं मगर न तो वे यहोवा की इच्छा पूरी करते हैं, न ही अपने गंदे काम छोड़ते हैं।b
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शान्ति के शासक के आने का वादायशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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b यशायाह 8:20 में शब्द “इस वचन,” का इशारा शायद यशायाह 8:19 में भूतविद्या के बारे में कही गयी बातों की तरफ है। अगर ऐसा है तो यशायाह यह कह रहा है कि यहूदा में भूतविद्या को बढ़ावा देनेवाले लोग, दूसरों को ओझाओं के पास जाने को उकसाते रहेंगे और इसलिए उन्हें यहोवा की तरफ से ज्ञान की रोशनी नहीं मिलेगी।
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