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“बाबुल गिर पड़ा!”यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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5. बाबुल कैसे एक “विश्वासघाती” और “नाशक” होने का नाम कमाता है?
5 यशायाह के दिनों में, अभी बाबुल विश्वशक्ति नहीं बना है, मगर यहोवा पहले से जानता है कि जब उसका वक्त आएगा तब वह अपनी ताकत का नाजायज़ फायदा उठाएगा। यशायाह कहता है: “कष्ट की बातों का मुझे दर्शन दिखाया गया है; विश्वासघाती विश्वासघात करता है, और नाशक नाश करता है।” (यशायाह 21:2क) जी हाँ, बाबुल जिन देशों पर जीत हासिल करेगा, उन्हें वह वाकई नाश करेगा और उनके साथ विश्वासघात करेगा। इन देशों में यहूदा देश भी शामिल है। बाबुल के लोग यरूशलेम को उजाड़ देंगे, उसके मंदिर को लूट लेंगे और उसके लोगों को बंधुआ बनाकर ले जाएँगे। वहाँ, इन लाचार कैदियों के साथ छल किया जाएगा, उनके धर्म का मज़ाक उड़ाया जाएगा और उन्हें यह एहसास दिलाया जाएगा कि अब वे कभी-भी अपने वतन लौट नहीं पाएँगे।—2 इतिहास 36:17-21; भजन 137:1-4.
6. (क) यहोवा किस कराहने को बंद करवाएगा? (ख) भविष्यवाणी के मुताबिक बाबुल पर कौन-से देश हमला करेंगे, और यह कैसे पूरा हुआ?
6 जी हाँ, बाबुल ‘कष्ट की बातों के दर्शन’ के ही लायक है। इसका मतलब यह है कि उसे खुद ये सारे कष्ट सहने पड़ेंगे। यशायाह आगे कहता है: “हे एलाम, चढ़ाई कर, हे मादै, घेर ले; उसका सब कराहना मैं बन्द करता हूं।” (यशायाह 21:2ख) इस विश्वासघाती साम्राज्य ने जिन-जिन लोगों पर ज़ुल्म ढाए हैं, उन्हें चैन मिलेगा। आखिरकार उनका कराहना बंद होगा! (भजन 79:11,12) मगर यह राहत किसके ज़रिए मिलेगी? यशायाह दो देशों के नाम बताता है जो बाबुल पर हमला करेंगे: एलाम और मादै। दो सदियों बाद, सा.यु.पू. 539 में फारस का राजा कुस्रू, मादियों और फारसियों की सेना को लेकर बाबुल पर चढ़ाई करेगा। और एलाम के बारे में क्या कहा जा सकता है? फारस के सम्राट, सा.यु.पू. 539 से पहले ही एलाम के कुछ इलाकों को अपने राज्य में मिला चुके होंगे।a इस तरह फारसियों की सेना में एलामी भी शामिल होंगे।
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“बाबुल गिर पड़ा!”यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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a फारस के राजा कुस्रू को कभी-कभी “अनशान का राजा” कहकर पुकारा जाता था। अनशान, एलाम के एक इलाके या नगर का नाम है। जब यशायाह ने सा.यु.पू. आठवीं सदी में इस्राएलियों को यह भविष्यवाणी सुनायी तब वे शायद फारस से वाकिफ न थे, मगर वे एलाम के बारे में ज़रूर जानते होंगे। इसलिए हम समझ सकते हैं कि क्यों यशायाह ने यहाँ फारस की जगह एलाम का नाम इस्तेमाल किया है।
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