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फिरदौस की वापसी!यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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वीरान पड़ी धरती मगन होती है
3. यशायाह की भविष्यवाणी के मुताबिक, धरती की किस तरह कायापलट होगी?
3 फिरदौस की वापसी के बारे में यशायाह की ईश्वर-प्रेरित भविष्यवाणी की शुरूआत इन शब्दों से होती है: “जंगल और निर्जल देश प्रफुल्लित होंगे, मरुभूमि मगन होकर केसर की नाईं फूलेगी; वह अत्यन्त प्रफुल्लित होगी और आनन्द के साथ जयजयकार करेगी। उसकी शोभा लबानोन की सी होगी और वह कर्मेल और शारोन के तुल्य तेजोमय हो जाएगी। वे यहोवा की शोभा और हमारे परमेश्वर का तेज देखेंगे।”—यशायाह 35:1,2.
4. यहूदियों का देश कब और कैसे वीराना बन जाता है?
4 यशायाह ने ये शब्द लगभग सा.यु.पू. 732 में लिखे थे। करीब 125 साल बाद, बाबुली आकर यरूशलेम को तबाह कर देते हैं और यहूदा के लोगों को बंधुआ बनाकर बाबुल ले जाते हैं। उनका देश सुनसान और वीरान पड़ा रहता है। (2 राजा 25:8-11,21-26) इस तरह, यहोवा की यह चेतावनी सच साबित होती है कि इस्राएल के लोग अगर उसके वफादार न रहे तो उन्हें बंधुआ बनाकर दूसरे देश ले जाया जाएगा। (व्यवस्थाविवरण 28:15,36,37; 1 राजा 9:6-8) यहूदियों की यह जाति पराए देश की गुलाम बनकर जीती है और 70 सालों तक यहूदियों के हरे-भरे खेतों और फलों के बागों की देख-रेख करनेवाला कोई नहीं रहता। इसलिए वहाँ एक जंगल उग आता है।—यशायाह 64:10; यिर्मयाह 4:23-27; 9:10-12.
5. (क) देश में फिर से फिरदौस जैसा माहौल कैसे लाया जाता है? (ख) लोग किस अर्थ में “यहोवा की शोभा” देखते हैं?
5 लेकिन, यशायाह की भविष्यवाणी बताती है कि यह देश सदा तक यूँ ही उजाड़ नहीं रहेगा। यह फिर एक सचमुच का फिरदौस बन जाएगा। उसकी “शोभा लबानोन की सी होगी” और “वह कर्मेल और शारोन के तुल्य तेजोमय हो” जाएगा।a कैसे? जब यहूदी गुलामी से आज़ाद होकर लौटेंगे, तो वे अपने खेतों में फिर से काम करेंगे, उन्हें सींचेंगे और तब उनका देश पहले की तरह हरा-भरा और फलदायक हो जाएगा। मगर इसका सारा श्रेय यहोवा को ही मिलेगा क्योंकि उसकी मरज़ी से, साथ ही उसकी मदद और आशीष की बदौलत ही, यहूदी फिरदौस जैसे माहौल का आनंद ले पाएँगे। जब लोग यह कबूल करेंगे कि यहोवा ने ही उनके देश को हैरतअंगेज़ तरीके से बदल डाला है, तब वे “यहोवा की शोभा और [अपने] परमेश्वर का तेज” देख पाएँगे।
6. यशायाह के शब्द किस महत्त्वपूर्ण तरीके से पूरे होते हैं?
6 लेकिन, इस्राएल के फिर से बसाए गए देश पर यशायाह के शब्द एक और महत्त्वपूर्ण तरीके से पूरे होते हैं। आध्यात्मिक तरीके से भी, इस्राएल की हालत कई सालों से सूखे रेगिस्तान जैसी रही है। जब यहूदी बाबुल की बंधुआई में थे तो शुद्ध उपासना पर सख्त पाबंदी लगी हुई थी। वहाँ न तो मंदिर था, न वेदी और ना ही याजकों का कोई इंतज़ाम था। रोज़ाना चढ़ाए जानेवाले बलिदान बंद हो गए थे। मगर अब, यशायाह भविष्यवाणी करता है कि हालात बदलनेवाले हैं। जरुब्बाबेल, एज्रा और नहेमायाह जैसे पुरुषों की अगुवाई में, इस्राएल के सभी 12 गोत्रों में से लोग यरूशलेम लौटकर मंदिर का फिर से निर्माण करते हैं और बिना किसी रोक-टोक के यहोवा की उपासना करते हैं। (एज्रा 2:1,2) यह वाकई आध्यात्मिक फिरदौस है!
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फिरदौस की वापसी!यशायाह की भविष्यवाणी—सारे जगत के लिए उजियाला भाग I
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a बाइबल बताती है कि प्राचीनकाल का लबानोन बहुत ही फलदायक देश था। उसमें हरे-भरे, घने जंगल और देवदार के विशाल पेड़ भी थे। इसलिए उसकी तुलना अदन के बाग से की गयी है। (भजन 29:5; 72:16; यहेजकेल 28:11-13) शारोन अपने झरनों और बाँज या बलूत के जंगलों के लिए मशहूर था; कर्मेल अपनी दाख की बारियों, फलों के बागों और फूलों से ढकी वादियों के लिए जाना जाता था।
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