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  • प्रतिज्ञात देश से व्यावहारिक सबक़
    प्रहरीदुर्ग—1996 | अगस्त 15
    • कर्मेल की पहाड़ियाँ

      कर्मेल नाम का अर्थ है “बाग़ीचा।” उत्तर की ओर यह उपजाऊ प्रदेश, जिसकी लम्बाई कुछ ५० किलोमीटर है, दाख की बारियों, जैतून के बाग़ों, और फलों के वृक्षों से भरा हुआ है। इस पहाड़ी क्षेत्र के सिरे की छूट अपनी मनोहरता और सुन्दरता में स्मरणीय है। यशायाह ३५:२ इस्राएल की पुनःस्थापित भूमि की फलदायी शोभा के प्रतीक के रूप में ‘कर्मेल के तेज’ के बारे में बताता है।

  • प्रतिज्ञात देश से व्यावहारिक सबक़
    प्रहरीदुर्ग—1996 | अगस्त 15
    • कर्मेल की ढलानों पर अब भी बाग़ीचे, जैतून के बाग़, और दाखलताएँ हैं। वसन्त में, इन ढलानों पर तरह-तरह के सुंदर फूलों का कालीन बिछ जाता है। “तेरा सिर तुझ पर कर्मेल के समान शोभायमान है,” सुलैमान ने शूलेमी कन्या से कहा। वह संभवतः उसके बालों की सुंदरता की ओर या जिस प्रकार उसका सुडौल सिर उसकी गर्दन से प्रतापी रूप से उठा हुआ था उसकी ओर संकेत कर रहा था।—श्रेष्ठगीत ७:५.

      जो तेज कर्मेल की पहाड़ियों की विशेषता था हमें उस आध्यात्मिक सुंदरता की याद दिलाता है जो यहोवा ने अपने उपासकों के आधुनिक-दिन संगठन को दी है। (यशायाह ३५:१, २) यहोवा के साक्षी सचमुच एक आध्यात्मिक परादीस में रहते हैं, और वे राजा दाऊद की भावनाओं से सहमत हैं, जिसने लिखा: “मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी, और मेरा भाग मनभावना है।”—भजन १६:५.

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