सामाजिक मनोरंजन —फ़ायदों का आनन्द लीजिए, फन्दों से बचिए
“मनुष्य के लिये खाने-पीने और परिश्रम करते हुए अपने जीव को सुखी रखने के सिवाय और कुछ भी अच्छा नहीं।”—सभोपदेशक २:२४.
१. मनोरंजन के विषय में परमेश्वर का मार्गदर्शन उसके लोगों को किस तरह मदद करता है?
यहोवा का मार्गदर्शन उसके सेवकों को अनेक लाभ पहुँचाता है। इसे हम मनोरंजन के क्षेत्र में देख सकते हैं। उसका निदेशन मसीहियों को विभिन्न दृष्टिकोण पर अतिरेक से बचाए रखने में मदद करता है। कई धर्मोत्साही लोग, जो पहनावे और आचरण में सादगी पर ज़ोर देते हैं, लगभग किसी भी प्रकार के मनोरंजन को पाप समझते हैं। दूसरी ओर, अधिकांश लोग मनोरंजन का ऐसे पीछा करते हैं चाहे वे यहोवा के नियम और सिद्धांतों के विरुद्ध ही क्यों न हों।—रोमियों १:२४-२७; १३:१३, १४; इफिसियों ४:१७-१९.
२. मनोरंजन पर परमेश्वर के दृष्टिकोण का प्रारंभिक निर्देश कैसे प्राप्त होता है?
२ फिर भी, परमेश्वर के लोगों के बारे में क्या? बाइबल का अध्ययन करनेवाले अनेक लोग यह जानकर आश्चर्यचकित हैं कि परमेश्वर ने असल में इंसानों को ज़िंदगी का मज़ा लेने की क्षमता के साथ सृष्ट किया था। उसने हमारे पहले माता-पिता को करने के लिए कार्य दिया—परन्तु वह निराशजनक नीरस कार्य नहीं जिसने अधिकांश अपरिपूर्ण इंसानों की ज़िंदगी को चिह्नित किया है। (उत्पत्ति १:२८-३०) उन अनेक हितकर तरीक़ों के बारे में सोचिए जिसके ज़रिये इस पार्थिव परादीस पर रहनेवाले अनेक जन आनंद पा सकते हैं। जंगली जानवरों को देखने में उनके आनन्द की कल्पना कीजिए जिनसे उन्हें कोई ख़तरा नहीं और क़िस्म-क़िस्म के पालतू जानवरों की कल्पना कीजिए जो रोज़मर्रा ज़िंदगी का एक हिस्सा हो सकते हैं! “सब भांति के वृक्ष, जो देखने में मनोहर और जिनके फल खाने में अच्छे हैं,” उनसे उन्हें क्या भोजन प्राप्त होगा!—उत्पत्ति २:९; सभोपदेशक २:२४.
३-५. (क) मनोरंजन ने कौनसा मक़सद पूरा करना चाहिए? (ख) क्यों हम निश्चित रह सकते हैं कि आनन्द प्राप्त करने के लिए यहोवा ने इस्राएलियों को मना नहीं किया?
३ दरअसल, उन गतिविधियों को मनोरंजन माना जा सकता है, जिनका मक़सद परादीस में वही होगा जो आज है: अतिरिक्त उत्पादनकारी गतिविधियों (कार्य) के लिए अपनी जीवन शक्ति फिर से लाना और नया करना। जब मनोरंजन यह मक़सद पूरा करता है, तो यह फ़ायदेमंद है। क्या इसका मतलब यह है कि सच्चे उपासक अभी, जबकि वे परादीस में नहीं हैं, अपने जीवन में मनोरंजन के लिए स्थान बना सकते हैं? जी हाँ। इंसाइट ऑन द स्क्रिपचर्स (Insight on the Scriptures) यहोवा के प्राचीन लोगों के बीच मनोरंजन के बारे में कहती है:
४ “बाइबल के रिकार्ड में इस्राएलियों के दिलबहलाव और मनोरंजन को विशिष्ट रूप से चित्रित नहीं किया गया है। फिर भी, जब वे राष्ट्र के धार्मिक सिद्धांतों के अनुरूप होते थे, तब उन्हें सही और वांछनीय बताता है। वाद्य बजाना, गाना, नाचना, बातचीत करना, और कुछ खेल मनोरंजन के प्रमुख प्रकार थे। पहेलियों और कठिन सवालों को प्रस्तुत करना काफ़ी सम्मानित था।—न्यायी १४:१२.”—खंड १, पृष्ठ १०२.
५ जब दाऊद विजयी होकर आया, तो इब्रानी स्त्रियों ने ख़ुशी मनाते समय (इब्रानी, से·चक़ʹ) डफ और तिकोने बाजों का उपयोग किया। (१ शमूएल १८:६, ७) इब्रानी शब्द का बुनियादी अर्थ “हँसना” है, और कुछ अन्य अनुवाद ‘आमोद-प्रमोद करती स्त्रियां’ के विषय में कहते हैं। (बाइंग्टन, रॉदरहम, द न्यू इंग्लिश बाइबल Byington, Rotherham, The New English Bible) जब पवित्र सन्दूक का स्थान बदला जा रहा था, तब “दाऊद और इस्राएल का समस्त घराना यहोवा के आगे [ख़ुशी मनाते, NW] . . . सब प्रकार के बाजे . . . बजाते रहे।” दाऊद की पत्नी, मीकल, का दृष्टिकोण संतुलित नहीं था, क्योंकि मनोरंजन में दाऊद का हिस्सा लेने पर उसने एतराज़ किया। (२ शमूएल ६:५, १४-२०) परमेश्वर ने पूर्वबतलाया कि बाबुल से लौटनेवाले निर्वासित लोग भी ऐसे हर्षमय गतिविधियों में भाग लेंगे।—यिर्मयाह ३०:१८, १९; ३१:४; भजन १२६:२ से तुलना करें.
६. मनोरंजन पर हमारी दृष्टि में मसीही यूनानी शास्त्र कैसे हमारी मदद करते हैं?
६ हमें भी मनोरंजन के बारे में संतुलित रहने की कोशिश करनी चाहिए। उदाहरण के लिए, क्या हम इस बात की क़दर करते हैं कि यीशु सन्यासी नहीं था? उसने भोजन के लिए समय अलग रखा, जैसे लेवी की “बड़ी जेवनार” के लिए। और जब दंभी लोगों ने खाने और पीने के लिए उसकी आलोचना की, यीशु ने उनके नज़रिये और तरीक़ों को अस्वीकार किया। (लूका ५:२९-३१; ७:३३-३६) यह भी याद कीजिए कि वह एक विवाह में शामिल हुआ और समारोह में भाग भी लिया। (यूहन्ना २:१-१०) यीशु का सौतेला भाई यहूदा बताता है कि मसीहियों ने “प्रेम सभाओं” में भाग लिया, जहाँ प्रत्यक्षतः ज़रूरतमंद लोग अच्छे भोजन और सुखद संगति का आनन्द ले सकते थे।—यहूदा १२.
सामाजिक मनोरंजन अपने समय और स्थान पर
७. मनोरंजन के विषय में परमेश्वर का वचन कैसे संतुलन प्रोत्साहित करता है?
७ ‘हंसी खुशी के लिये भोज और दाखमधु से जीवन का आनन्द’ लेने के पक्ष में सभोपदेशक १०:१९ बोलता है। मनोरंजन अंतर्निहित रूप से बुरा या ग़लत है, इससे ऐसा तो नहीं लग रहा है? फिर भी, वही पुस्तक कहती है: “हर एक बात का . . . एक समय है। . . . रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय।” (सभोपदेशक ३:१, ४) हाँ, जबकि बाइबल उचित मनोरंजन की निन्दा नहीं करती, वह हमें चेतावनी देती है। इस में समय और मात्रा के सम्बन्ध में सामाजिक मनोरंजन को अपने स्थान में रखने की सलाह सम्मिलित है। यह हमें बड़ी सामाजिक पार्टियों में अक़सर घटित होनेवाले फन्दों के बारे में भी चेतावनी देती है।—२ तीमुथियुस ३:१-४.
८, ९. जिस समय में हम जी रहे हैं और हमारे परमेश्वर-प्रदत्त नियत कार्य का असर मनोरंजन पर क्यों होना चाहिए?
८ हम ने ग़ौर किया कि बाबुल से लौटनेवाले यहूदी—जिन्हें काफ़ी कठिन कार्य करना था—हर्षमय विश्रान्ति में भाग लेंगे। फिर भी, यिर्मयाह ने पहले कहा कि वह “मन बहलानेवालों के बीच बैठकर प्रसन्न नहीं” होगा। (यिर्मयाह १५:१७) उसे आनेवाली सज़ा का संदेश देने के लिए ईश्वरीय रूप से नियुक्त किया गया था, सो यह उस के लिए ख़ुशी मनाने का नियुक्त समय नहीं था।
९ मसीहियों को आज परमेश्वर का आशा के संदेश की घोषणा करने और शैतान की दुष्ट रीति-व्यवस्था के विरुद्ध उसके न्यायदण्ड सुनाने के लिए नियुक्त किया गया है। (यशायाह ६१:१-३; प्रेरितों १७:३०, ३१) इस प्रकार इससे साफ़ ज़ाहिर होना चाहिए कि हमें अपने जीवन में मनोरंजन को प्रमुख स्थान नहीं देना चाहिए। हम इस मुद्दे को भोजन का स्वाद बढ़ानेवाले चुटकीभर नमक या ख़ास मसाले के दृष्टांत से चित्रित कर सकते हैं। क्या आप भोजन को स्वादिष्ट बनानेवाले मसाले को इतनी बड़ी तादाद में डालेंगे कि वह भोजन के स्वाद को दबा डाले? कतई नहीं। यूहन्ना ४:३४ और मत्ती ६:३३ में यीशु के शब्दों के अनुसार, हमारी मुख्य दिलचस्पी—हमारा भोजन—परमेश्वर की इच्छा करना होना चाहिए। तो मनोरंजन मसाले की तरह बन जाता है। इसने ताज़ा करना और बढ़ाना चाहिए, थकाना या दबा देना नहीं।
१०. मनोरंजन पर बिताए समय पर हम सब को पुनः जाँच क्यों करनी चाहिए?
१० तथापि, रुकिए और ग़ौर कीजिए: क्या अधिकांश लोग यह नहीं कहेंगे कि वे मनोरंजन की ओर सीमित समय और ध्यान देते हैं? अगर वे वैसा नहीं समझते, तो उन्होंने तबदीली की होती। क्या यह इस बात को नहीं सुझाता कि हम सब को रुककर गंभीरतापूर्वक, सच-सच, सावधानी से यह परीक्षण करना चाहिए कि मनोरंजन असल में हमारे जीवन में क्या स्थान रखता है? क्या यह चोरी-चोरी हमारे जीवन का प्रमुख भाग तो नहीं बन गया? उदाहरण के लिए, क्या हम घर आते ही आदतन टी.वी चला देते हैं? क्या हम ने हर सप्ताह मनोरंजन के लिए काफी समय, जैसे हर शुक्रवार रात या शनिवार रात, अलग रखने की आदत सी बना ली है? क्या हम निराशा महसूस करेंगे अगर वह समय आ जाता और हम बिना मनोरंजन आयोजित किए घर में हैं? दो अतिरिक्त सवाल: पार्टी के अगले दिन, क्या हम यह महसूस करते हैं कि रात तक देर बाहर रहने और इतना सफ़र करने के कारण हम अब थक गए हैं, और शायद थकान की वजह से मसीही सेवकाई में भाग लेने या अपने मालिक के लिए अच्छे तरीक़े से पूरे दिन का कार्य करने के लिए असमर्थ हैं? अगर हमारे मनोरंजन का कभी-कभी, या अक़सर, हम पर ऐसा प्रभाव पड़ता है, तो क्या यह असल में सही और संतुलित मज़ा है?—नीतिवचन २६:१७-१९ से तुलना करें.
११. अपने मनोरंजन के प्रकार पर पुनर्विचार क्यों उचित है?
११ अपने मनोरंजन के प्रकार पर पुनर्विचार करना भी हमारे लिए भला हो सकता है। हम परमेश्वर के सेवक हैं, यह इस बात की गारंटी नहीं देता कि हमारा मनोरंजन उचित है। अभिषिक्त मसीहियों को लिखे गए प्रेरित पतरस के शब्दों पर ग़ौर कीजिए: “अन्यजातियों की इच्छा के अनुसार काम करने, और लुचपन की बुरी अभिलाषाओं, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन, और घृणित मूर्तिपूजा में जहां तक हम ने पहिले समय गंवाया, वही बहुत हुआ।” (१ पतरस ४:३) वह मानो, अपनी ऊँगली हिलाते हुए, अपने भाइयों पर दुनिया के लोगों के कार्यों की नक़ल करने का इलज़ाम नहीं लगा रहा था। फिर भी, (तब और अब) मसीहियों के लिए सर्तकता अत्यावश्यक है क्योंकि कोई भी आसानी से हानिकर मनोरंजन का शिकार बन सकता है।—१ पतरस १:२; २:१; ४:७; २ पतरस २:१३.
फन्दों के प्रति सतर्क रहिए
१२. पहला पतरस ४:३ किस प्रकार के फन्दे को विशिष्ट करता है?
१२ किस प्रकार के फन्दे के प्रति हमें सतर्क रहना चाहिए? ख़ैर, पतरस ने “मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन” का ज़िक्र किया। एक जर्मन टीकाकार ने व्याख्या की कि उपयोग किया गया यूनानी शब्द “मुख्यतः दावत पर सामाजिक शराब पीने पर लागू होता है।” स्वीत्ज़र्लंड के एक प्रोफ़ेसर ने लिखा कि ऐसी आदतें तब प्रचलित थीं: “यह विवरण, आयोजित पार्टी या नियमित क्लब से सम्बन्ध रखते होंगे जिस में उपर्युक्त शर्मनाक गतिविधियाँ होती थीं।”
१३. कैसी पार्टियों में शराब का उपयोग एक फन्दा रहा है? (यशायाह ५:११, १२)
१३ बड़ी सामाजिक पार्टियों में शराब होने से अनेक लोग फँस गए हैं। ऐसी बात नहीं, कि बाइबल सीमित रूप से शराब पीने को मना करती है। इसका सबूत, यीशु ने काना में एक ब्याह के अवसर पर दाखरस बनाई थी। वहाँ कोई मतवालापन नहीं हुआ होगा, क्योंकि यीशु शराबियों से दूर रहने के परमेश्वर की सलाह का समर्थन करता। (नीतिवचन २३:२०, २१) पर इस तफ़सील पर ग़ौर कीजिए: उस भोज के प्रधान ने कहा कि अन्य भोजनों में अच्छी दाखरस पहले दी जाती है “और जब लोग पीकर छक जाते हैं, तब मध्यम” दी जाती है। (यूहन्ना २:१०) इसलिए यहूदियों के लिए विवाहों में पीकर छक जाना सामान्य था क्योंकि वहाँ सब के लिए बहुतायत में दाखरस उपलब्ध थी।
१४. किस तरह मसीही मेज़बान शराब द्वारा प्रस्तुत फन्दों का सामना कर सकते हैं?
१४ तदनुसार, कुछ मसीही मेज़बानों ने सिर्फ़ तब दाखरस, बिअर, और अन्य शराब देने का निर्णय लिया है जब वे ख़ुद अपने मेहमानों पर निरीक्षण कर सकते हैं कि उन्हें क्या दिया गया है या वे क्या पी रहे हैं। अगर एक समूह इतना बड़ा है कि मेज़बान स्वयं निरीक्षण करने में समर्थ नहीं है तो, ज़िक्र किए गए यहूदी विवाह के जैसे, काफ़ी मात्रा में शराब एक ख़तरनाक फन्दा हो सकती है। वहाँ ऐसा एक व्यक्ति उपस्थित हो सकता है जो शराब पीने की समस्या पर काबू पाने के लिए काफी संघर्ष करके विजयी हुआ हो। आप इस बात की क़दर कर सकते हैं कि अनियन्त्रित शराब का सेवन उसे ज़्यादा शराब पीने के लिए लुभा सकता है और सब के लिए अवसर का मज़ा किरकिरा कर सकता है। जर्मनी में एक मसीही अध्यक्ष ने, जो पिता भी है, यह टिप्पणी की कि उसका परिवार सामाजिक पार्टियों में संगी विश्वास करनेवालों के साथ सुखकर साहचर्य से लाभ प्राप्त करता है। तथापि, उसने आगे कहा कि जब बिअर आसानी से उपलब्ध होती है तब समस्याओं की सम्भावना निश्चय ही ज़्यादा होती है।
१५. कैसे सामाजिक पार्टियों पर सही मार्गदर्शन पाया जा सकता है?
१५ काना के विवाह में “भोज का प्रधान” था। (यूहन्ना २:८) इसका यह मतलब नहीं कि मेहमानों के एक समूह को अपने घर भोजन या संगति के लिए बुलानेवाले परिवार को एक प्रधान नियुक्त करना होगा। ऐसे अवसर पर निरीक्षण करने के लिए पति ज़िम्मेदार है। लेकिन चाहे एक समूह में सिर्फ़ दो ही परिवार हैं या उससे ज़्यादा, यह बात सुस्पष्ट होनी चाहिए कि जो कुछ हो रहा है उस के लिए कोई व्यक्ति ज़िम्मेदार है। जब उनका बेटा या बेटी किसी सामाजिक पार्टी के लिए आमंत्रित किए जाते हैं तब अनेक माता-पिता इस बारे में जाँच करते हैं। वे मेज़बान से सम्पर्क करके पूछते हैं कि कौन उस अवसर पर निरीक्षण करेगा, और क्या वह अंत तक रहेगा। मसीही माता-पिताओं ने उपस्थित होने के लिए अपने समय-तालिका में तबदीली भी की है ताकि दोनों बुज़ुर्ग और जवान पारस्परिक संगति का आनन्द ले सकें।
१६. पार्टियों के आकार पर क्या उपयुक्त विचार है?
१६ वॉचटावर सोसाइटी का कॅनेडा शाखा दफ़्तर लिखता है: “कुछ प्राचीनों ने सामाजिक पार्टी के आकार को सीमित करने की सलाह के सम्बन्ध में यह अर्थ लगाया है कि शादी की दावतों में बड़ा समूह होना इस सलाह का उल्लंघन है। उन्होंने यह निष्कर्ष निकाला है कि अगर हमें यह सलाह दी गयी है कि अपनी सामाजिक पार्टियों को छोटे, नियंत्रणीय आकार तक सीमित रखें, तब एक शादी की दावत में २०० या ३०० लोगों को बुलाना ग़लत होगा।”a निजी दृष्टिकोण के आधार पर पूर्वनिश्चित आकार पर ज़्यादा ज़ोर देने के बजाय, ध्यान सही निरीक्षण पर दिया जाना चाहिए, चाहे कितने भी लोग वहाँ उपस्थित क्यों न हों। यीशु द्वारा प्रदान की गयी दाखरस की मात्रा यह सूचित करती है कि काफ़ी संख्या में लोग काना में हुए उस ब्याह में उपस्थित थे, पर स्पष्टतः सही निरीक्षण किया गया था। उस समय अन्य दावतें ऐसी नहीं थीं; उनका आकार ही शायद अपर्याप्त निरीक्षण का कारण हो सकता था। जितनी बड़ी पार्टी होती है, उतनी ही चुनौती बढ़ती है, क्योंकि इससे कमज़ोर व्यक्तियों को, जो अतिरेक की तरफ़ प्रवृत्त हैं, अपना प्रभाव डालना ज़्यादा आसान हो जाता है। अनिरीक्षित पार्टियों में वे विवाद्य गतिविधियों को बढ़ावा दे सकते हैं।—१ कुरिन्थियों १०:६-८.
१७. जब एक पार्टी की योजना की जा रही है, मसीही संतुलन कैसे दिखाया जा सकता है?
१७ एक सामाजिक पार्टी के सही निरीक्षण में योजना और तैयारी सम्मिलित है। इसे अनोखा या स्मरणीय बनाने के लिए एक आकर्षक विषय की योजना बनाने की आवश्यकता नहीं है, जो सांसारिक पार्टियों का अनुकरण करता है, जैसे कि पोशाक नृत्य या ऐसी पार्टी जिस में सब मुखौटा लगाकर आते हैं। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि प्रतिज्ञात देश में विश्वासी इस्राएली लोग ऐसी एक पार्टी की योजना करें जहाँ सब को मिस्र या अन्य देश के मूर्तिपूजकों के जैसे पोशाक पहनना था? क्या वे ऐन्द्रिय नाच या ऊधमी संगीत की योजना करते जो मूर्तिपूजकों में शायद प्रचलित थी? सीनै पर्वत पर, वे ऐसे संगीत और नाच में फँस गए थे जो उस समय मिस्र में प्रचलित और मशहूर था। हम जानते हैं कि परमेश्वर और उसके परिपक्व सेवक मूसा ने इस प्रकार के मनोरंजन को किस दृष्टिकोण से देखा। (निर्गमन ३२:५, ६, १७-१९) इसलिए, किसी सामाजिक घटना के मेज़बान या अध्यक्ष को पहले विचार करना चाहिए कि गाना या नाच होगा या नहीं; और अगर होगा, तो उसे निश्चित करना चाहिए कि यह मसीही सिद्धांतों के अनुरूप है।—२ कुरिन्थियों ६:३.
१८, १९. यीशु को एक विवाह के लिए आमंत्रित किया गया, इससे क्या अंतर्दृष्टि पायी जा सकती है, और हम इसे कैसे लागू कर सकते हैं?
१८ आख़िरकार, हमें याद है कि ‘यीशु और उसके चेले उस ब्याह में नेवते गए थे।’ (यूहन्ना २:२) मान लिया कि एक मसीही या एक मसीही परिवार सिर्फ़ सुखकर, प्रोत्साहक समय बिताने के लिए शायद दूसरों से भेंट करने जाए। पर आयोजित सामाजिक घटनाओं के लिए, तजरबा बताता है कि पहले से यह तै करना कि कौन वहाँ उपस्थित होंगे समस्याओं को रोकने में मदद करता है। इसके महत्त्व पर टेनेस्सी, अमेरिका, के एक प्राचीन द्वारा ज़ोर दिया गया जिसने बेटे और बेटियों को बढ़ा किया जो अब पूर्ण-समय की सेवकाई में हैं। वह और उसकी पत्नी एक न्योते को स्वीकार करने, या अपने बच्चों को हाज़िर होने की इजाज़त देने से पहले मेज़बान से मिलकर इस बात को निश्चित कर लेते थे कि क्या हाज़िर होनवाले की संख्या पहले से तै किया गया है। जहाँ कोई भी भोजन, पिकनिक, या व्यायाम, जैसे कि गेंद खेलने में भाग ले सकते हैं, ऐसे अवसरों पर आए फन्दों से उसका परिवार सुरक्षित रहा।
१९ सिर्फ़ रिश्तेदार, पुराने दोस्त, या समान उम्र या आर्थिक स्थिति के लोगों को आमंत्रित करने की आदत को यीशु ने समर्थन न करके विरोध किया। (लूका १४:१२-१४; अय्यूब ३१:१६-१९; प्रेरितों २०:७-९ से तुलना करें.) अगर आप सावधानी से आमंत्रित जनों को चुनते हैं, तो विभिन्न उम्र और हालात के मसीहियों को सम्मिलित करना आसान होता है। (रोमियों १२:१३; इब्रानियों १३:२) उन में कुछ जन आध्यात्मिक रीति से कमज़ोर या नए व्यक्ति होंगे जो परिपक्व मसीहियों के साथ संगति करने से लाभ पा सकते हैं।—नीतिवचन २७:१७.
मनोरंजन अपने स्थान में
२०, २१. यह क्यों उचित है कि हमारे जीवन में मनोरंजन का भी एक स्थान हो?
२० परमेश्वर का भय माननेवाले होने के नाते यह उचित है कि हम अपने मनोरंजन में दिलचस्पी लें और चिंतित भी रहें कि ऐसा करना सही है और इस के लिए बिताए समय के विषय में हम संतुलित हैं। (इफिसियों २:१-४; ५:१५-२०) सभोपदेशक के उत्प्रेरित लेखक ने ऐसा महसूस किया: “मैं ने आनन्द को सराहा, क्योंकि सूर्य के नीचे मनुष्य के लिये खाने-पीने और आनन्द करने को छोड़ और कुछ भी अच्छा नहीं, क्योंकि यही उसके जीवन भर जो परमेश्वर उसके लिये धरती पर ठहराए, उसके परिश्रम में उसके संग बना रहेगा।” (सभोपदेशक ८:१५) ऐसा संतुलित आमोद-प्रमोद शरीर को ताज़ा कर सकता है और आज की रीति-व्यवस्था में सामान्य रूप से आनेवाली समस्याओं और कुंठा को निष्प्रभाव करने में मदद कर सकता है।
२१ दृष्टान्त के लिए, ऑस्ट्रिया देश की एक पायनियर ने अपनी एक पुरानी सहेली को लिखा: “कुछ दिन पहले हम सैर के लिए गए। हम सब क़रीब ५० जन फरलॅक नगर के पास छोटी झील के लिए चल पड़े। भाई ब—— ने अपने गाड़ी में तीन पकाने की ग्रिलें, मूडवां कुर्सियाँ, मेज़, और टेबल-टेनिस मेज़ भी रखकर जुलूस का नेतृत्व किया। हमें बहुत ही आनन्द प्राप्त हुआ। एक बहन के पास हारमोनियम जैसा बाजा था, इसलिए काफ़ी राज्य गीत बजाए गए। दोनों जवान और बुज़ुर्ग भाइयों ने संगति से आनन्द प्राप्त किया।” ज़्यादा शराब पीना या अश्लील आचरण के फन्दों से मुक्त रखे गए अच्छी तरह से नियंत्रित मनोरंजन की प्रिय यादें उसके पास है।—याकूब ३:१७, १८.
२२. सामाजिक मनोरंजन का आनन्द लेते समय, हम सब को अपने सोच-विचार में कौनसी चेतावनी मन में रखनी चाहिए?
२२ पौलुस ने हम से आग्रह किया कि हम अपरिपूर्ण शरीर की अभिलाषाओं को समर्पित होने से सावधान रहें, यहाँ तक ऐसी योजनाएँ भी न बनाएं जिससे हम प्रलोभन के प्रभाव में आ सकते हैं। (रोमियों १३:११-१४) इस में सामाजिक मनोरंजन की योजनाएँ सम्मिलित हैं। जब हम उसकी सलाह को लागू करेंगे, हम ऐसे हालातों से दूर रह पाएंगे जिस कारण कुछ लोग आध्यात्मिक तबाही की ओर चले गए हैं। (लूका २१:३४-३६; १ तीमुथियुस १:१९) इसके बजाय, हम हितकर मनोरंजन को बुद्धिमानी से चुनेंगे, जो हमें परमेश्वर के साथ रिश्ता बरकरार रखने में मदद कर सकता है। इस प्रकार हम सामाजिक मनोरंजन से लाभ प्राप्त कर सकते हैं जो परमेश्वर के अच्छे देन में से एक देन माना जा सकता है।—सभोपदेशक ५:१८.
[फुटनोट]
a अप्रैल १५, १९८४, के द वॉचटावर में शादी और शादी के दावतों पर संतुलित सलाह है। एक भावी दुल्हा और उसकी दुल्हन, और उनकी मदद करनेवाले अन्य जन, शादी की तैयारियाँ करने से पहले इस विषय पर लाभदायक रूप से पुनर्विचार कर सकते हैं।
हम ने क्या सीखा है?
▫ सामाजिक मनोरंजन का आनन्द लेने के बारे में बाइबल में हम किस तरह की संतुलित दृष्टि पाते हैं?
▫ मनोरंजन के समय और प्रकार पर ध्यान क्यों दिया जाना चाहिए?
▫ फन्दों से बचे रहने के लिए एक मसीही मेज़बान क्या कुछ कर सकता है?
▫ यदि सही और संतुलित हो, तो मनोरंजन मसीहियों के लिए क्या प्राप्त कर सकता है?
[पेज 27 पर तसवीरें]
एक पार्टी का मेज़बान या प्रधान यह निरीक्षण करने के लिए ज़िम्मेदार है कि कोई भी मेहमान फन्दे में ना पड़ जाए