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  • “देख कि वहाँ लोग कितने बुरे और घिनौने काम कर रहे हैं”
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
    • दूसरा दृश्‍य: 70 मुखिया झूठे देवताओं के लिए धूप जला रहे हैं

      यहेजकेल देख रहा है कि इसराएल के घराने के मुखिया झूठे देवताओं के लिए धूप जला रहे हैं

      11. भीतरी आँगन में प्रवेश करने पर यहेजकेल क्या देखता है?

      11 यहेजकेल 8:7-12 पढ़िए। यहेजकेल एक दीवार में छेद करके भीतरी आँगन में प्रवेश करता है जहाँ पास में ही मंदिर की वेदी है। वहाँ वह देखता है कि दीवार पर ‘रेंगनेवाले जीव-जंतुओं, अशुद्ध जानवरों और घिनौनी मूरतों’c की नक्काशियाँ भरी पड़ी हैं। ये नक्काशियाँ झूठे देवताओं को दर्शाती हैं। इसके बाद यहेजकेल कुछ ऐसा देखता है जो इससे भी शर्मनाक है। “इसराएल के घराने के 70 मुखिया” “अँधेरे में” खड़े हैं और उन झूठे देवताओं के सामने धूप जला रहे हैं। जब मूसा के कानून के मुताबिक सुगंधित धूप चढ़ायी जाती थी, तो वह इसराएलियों की प्रार्थनाओं को दर्शाती थी और परमेश्‍वर उन्हें सुनता था। (भज. 141:2) लेकिन यहाँ 70 मुखिया जो धूप जला रहे हैं, उसकी गंध से यहोवा को घिन आ रही है। उनकी प्रार्थनाओं से मानो ऐसी बदबू आ रही है कि यहोवा बरदाश्‍त नहीं कर पा रहा है। (नीति. 15:8) मगर मुखिया कह रहे हैं कि “यहोवा हमें नहीं देख रहा।” वे कितनी बड़ी गलतफहमी में हैं। यहोवा उन्हें देख रहा है और यहेजकेल को भी वह सब दिखा रहा है जो वे मंदिर में कर रहे हैं।

      इसराएल के घराने के मुखिया झूठे देवताओं के लिए धूप जला रहे हैं

      यहोवा “अँधेरे में” होनेवाले हर घिनौने काम को देखता है (पैराग्राफ 11 देखें)

      12. (क) हमें “अँधेरे” में भी यहोवा के वफादार क्यों रहना चाहिए? (ख) खास तौर पर किन्हें इस मामले में अच्छी मिसाल रखनी चाहिए?

      12 इन 70 मुखियाओं से हमें क्या सबक मिलता है? यहोवा हमारी प्रार्थना तभी सुनेगा और हमारी उपासना को शुद्ध मानेगा जब हम “अँधेरे में” भी उसके वफादार रहेंगे। (नीति. 15:29) आइए हम याद रखें कि यहोवा सबकुछ देख सकता है और उसकी नज़रें हमेशा हम पर लगी रहती हैं। अगर यहोवा हमारे लिए एक असल शख्स है, तो हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे वह नाराज़ होता है, फिर चाहे हमें कोई न देख रहा हो। (इब्रा. 4:13) खास तौर पर प्राचीनों को मसीही स्तरों पर चलने में अच्छी मिसाल रखनी चाहिए। (1 पत. 5:2, 3) भाई-बहन उम्मीद करते हैं कि जो प्राचीन उन्हें सभाओं में मंच से सिखाते हैं और उपासना करने में अगुवाई करते हैं, वे बाइबल के सिद्धांतों के मुताबिक जीएँ, यहाँ तक कि “अँधेरे में” भी यानी जब कोई उन्हें देख नहीं रहा होता।—भज. 101:2, 3.

  • “देख कि वहाँ लोग कितने बुरे और घिनौने काम कर रहे हैं”
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
  • “इंसान के बेटे, क्या तू यह सब देख रहा है?”
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
  • “देख कि वहाँ लोग कितने बुरे और घिनौने काम कर रहे हैं”
    सारी धरती पर यहोवा की शुद्ध उपासना बहाल!
    • दूसरा दृश्‍य: 70 मुखिया झूठे देवताओं के लिए धूप जला रहे हैं

      यहेजकेल देख रहा है कि इसराएल के घराने के मुखिया झूठे देवताओं के लिए धूप जला रहे हैं

      11. भीतरी आँगन में प्रवेश करने पर यहेजकेल क्या देखता है?

      11 यहेजकेल 8:7-12 पढ़िए। यहेजकेल एक दीवार में छेद करके भीतरी आँगन में प्रवेश करता है जहाँ पास में ही मंदिर की वेदी है। वहाँ वह देखता है कि दीवार पर ‘रेंगनेवाले जीव-जंतुओं, अशुद्ध जानवरों और घिनौनी मूरतों’c की नक्काशियाँ भरी पड़ी हैं। ये नक्काशियाँ झूठे देवताओं को दर्शाती हैं। इसके बाद यहेजकेल कुछ ऐसा देखता है जो इससे भी शर्मनाक है। “इसराएल के घराने के 70 मुखिया” “अँधेरे में” खड़े हैं और उन झूठे देवताओं के सामने धूप जला रहे हैं। जब मूसा के कानून के मुताबिक सुगंधित धूप चढ़ायी जाती थी, तो वह इसराएलियों की प्रार्थनाओं को दर्शाती थी और परमेश्‍वर उन्हें सुनता था। (भज. 141:2) लेकिन यहाँ 70 मुखिया जो धूप जला रहे हैं, उसकी गंध से यहोवा को घिन आ रही है। उनकी प्रार्थनाओं से मानो ऐसी बदबू आ रही है कि यहोवा बरदाश्‍त नहीं कर पा रहा है। (नीति. 15:8) मगर मुखिया कह रहे हैं कि “यहोवा हमें नहीं देख रहा।” वे कितनी बड़ी गलतफहमी में हैं। यहोवा उन्हें देख रहा है और यहेजकेल को भी वह सब दिखा रहा है जो वे मंदिर में कर रहे हैं।

      इसराएल के घराने के मुखिया झूठे देवताओं के लिए धूप जला रहे हैं

      यहोवा “अँधेरे में” होनेवाले हर घिनौने काम को देखता है (पैराग्राफ 11 देखें)

      12. (क) हमें “अँधेरे” में भी यहोवा के वफादार क्यों रहना चाहिए? (ख) खास तौर पर किन्हें इस मामले में अच्छी मिसाल रखनी चाहिए?

      12 इन 70 मुखियाओं से हमें क्या सबक मिलता है? यहोवा हमारी प्रार्थना तभी सुनेगा और हमारी उपासना को शुद्ध मानेगा जब हम “अँधेरे में” भी उसके वफादार रहेंगे। (नीति. 15:29) आइए हम याद रखें कि यहोवा सबकुछ देख सकता है और उसकी नज़रें हमेशा हम पर लगी रहती हैं। अगर यहोवा हमारे लिए एक असल शख्स है, तो हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे वह नाराज़ होता है, फिर चाहे हमें कोई न देख रहा हो। (इब्रा. 4:13) खास तौर पर प्राचीनों को मसीही स्तरों पर चलने में अच्छी मिसाल रखनी चाहिए। (1 पत. 5:2, 3) भाई-बहन उम्मीद करते हैं कि जो प्राचीन उन्हें सभाओं में मंच से सिखाते हैं और उपासना करने में अगुवाई करते हैं, वे बाइबल के सिद्धांतों के मुताबिक जीएँ, यहाँ तक कि “अँधेरे में” भी यानी जब कोई उन्हें देख नहीं रहा होता।—भज. 101:2, 3.

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