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आपने पूछाप्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2016 | मार्च
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पहली बात, यहेजकेल गौर करता है कि मरे हुए लोगों की हड्डियाँ “बहुत सूखी” हैं। (यहे. 37:2, 11) इसका मतलब लोगों को मरे हुए काफी लंबा समय हो गया था। दूसरी बात, यहेजकेल ने देखा कि मरे हुओं में धीरे-धीरे जान आयी, न कि अचानक। पहले उसे एक “आवाज़” सुनायी दी और “खड़खड़ाहट हुई और हड्डियाँ इकट्ठी होकर एक दूसरे से जुड़ गईं।” फिर उसने देखा कि “उन पर नसें चढ़ गईं और मांस भर गया।” इसके बाद त्वचा से मांस ढक गया। फिर “उनमें श्वास आ गया और वे जीवित” हो गए। आखिरकार, ज़िंदा हुए लोगों कोर यहोवा ने उनके देश में बसा दिया। यह सब होने में वक्त लगेगा।—यहे. 37:7-10, 14, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन।
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आपने पूछाप्रहरीदुर्ग (अध्ययन)—2016 | मार्च
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फिर 1870 के आस-पास चार्ल्स टेज़ रसल और उनके दोस्त बाइबल की सच्चाई समझने और यहोवा की सेवा करने में जी-जान से लग गए। यह ऐसा था मानो हड्डियों पर मांस और त्वचा आने लगी। उन्होंने ज़ायन्स वॉच टावर और दूसरी किताबों-पत्रिकाओं के ज़रिए सच्चाई समझने में दूसरों की भी मदद की। फिर 1914 में “फोटो-ड्रामा ऑफ क्रिएशन” फिल्म और 1917 में द फिनिश्ड मिस्ट्री किताब निकाली गयी। इनसे यहोवा के लोगों को अपना विश्वास मज़बूत करने में मदद मिली। आखिरकार 1919 में मानो यहोवा के लोगों में जान आ गयी और उन्हें एक नया देश दिया गया। तब से वे लोग जिन्हें धरती पर हमेशा जीने की आशा है, अभिषिक्त मसीहियों का साथ दे रहे हैं । ये सभी यहोवा की उपासना करते हैं और सब मिलकर “एक बहुत बड़ी सेना” बन गए हैं।—यहे. 37:10; जक. 8:20-23.b
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