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शेरों के मुँह से बचाया गया!दानिय्येल की भविष्यवाणी पर ध्यान दें!
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16. (क) दारा को दानिय्येल के परमेश्वर के लिए श्रद्धा क्यों थी? (ख) दानिय्येल के बारे में दारा ने क्या उम्मीद की होगी?
16 उन लोगों की नज़रों में दानिय्येल ने “गुनाह” किया था। दारा ना तो उस आज्ञा को बदल सका ना ही दानिय्येल को माफी ही दे सका। वह लाचार हो चुका था और दानिय्येल से बस इतना ही कह सका, “तेरा परमेश्वर जिसकी तू नित्य उपासना करता है, वही तुझे बचाए!” दारा को दानिय्येल के परमेश्वर के लिए श्रद्धा थी। शायद इसलिए क्योंकि यहोवा ही ने दानिय्येल के ज़रिए बाबुल के नाश की भविष्यवाणी करवाई थी और उसी ने दानिय्येल को ‘बड़ी योग्यताएँ’ दी थीं जिसकी वज़ह से वह बाकी अध्यक्षों से कहीं बढ़कर साबित हुआ था। शायद दारा को यह भी पता हो कि इससे कई बरस पहले यहोवा परमेश्वर ही ने तीन यहूदी नौजवानों को आग के धधकते भट्ठे में जलने से बचाया था। इसलिए उसने उम्मीद की होगी कि ‘मैं तो दानिय्येल को नहीं बचा सका शायद उसका परमेश्वर यहोवा उसे बचा ले।’ आखिरकार दानिय्येल को शेरों की मान्द में फेंक दिया गया।c उसके बाद “एक पत्थर लाकर उस गड़हे के मुंह पर रखा गया, और राजा ने उस पर अपनी अंगूठी से, और अपने प्रधानों की अंगूठियों से मुहर लगा दी कि दानिय्येल के विषय में कुछ बदलने न पाए।”—दानिय्येल 6:16, 17.
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शेरों के मुँह से बचाया गया!दानिय्येल की भविष्यवाणी पर ध्यान दें!
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c शेरों की मान्द, ज़मीन में एक गड्हे या तहखाने की तरह हुआ करती थी, जिसका मुँहाना ऊपर होता था और इस मान्द के अंदर, चारों तरफ कई कोठरियाँ होती थीं जिनमें दरवाज़ों या लोहे की सलाखों के पीछे शेरों को बंद रखा जाता था। इन कोठरियों के दरवाज़ों या सलाखों को खोलने पर शेर बीच मान्द में आ सकते थे।
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