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“आज तक किसी भी इंसान ने इस तरह बात नहीं की”मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
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9 एक बार कर वसूलनेवालों ने पतरस से पूछा कि क्या यीशु मंदिर का कर देता है।c पतरस ने बिना सोचे-समझे तुरंत कहा, “हाँ, देता है।” बाद में यीशु ने उससे तर्क किया: “शमौन, तू क्या सोचता है? दुनिया के राजा चुंगी या कर किससे लेते हैं? अपने बेटों से या परायों से?” पतरस ने जवाब दिया: “परायों से।” तब यीशु ने उससे कहा: “इसका मतलब है कि बेटे कर से मुक्त हैं।” (मत्ती 17:24-27) यीशु के सवालों के ज़रिए पतरस उसकी बात समझ गया। वह जानता था कि राजा के परिवार के सदस्यों को कर देने की ज़रूरत नहीं है। और यरूशलेम के मंदिर में स्वर्ग में रहनेवाले राजा की उपासना की जाती थी, जिसका इकलौता बेटा यीशु था। तो ज़ाहिर-सी बात थी कि यीशु को कर देने की ज़रूरत नहीं। ध्यान दीजिए कि पतरस को सीधे-सीधे बात बताने के बजाय यीशु ने बड़ी समझदारी से सवाल पूछकर उसे सही नतीजे पर पहुँचने में मदद दी। और शायद यह देखने में भी मदद दी कि आगे से वह किसी भी सवाल का जवाब सोच-समझकर दे।
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“आज तक किसी भी इंसान ने इस तरह बात नहीं की”मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले
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c यहूदियों को हर साल दो द्राख्मा मंदिर के कर के रूप में देने पड़ते थे, जो लगभग दो दिन की मज़दूरी के बराबर थे। एक किताब कहती है: “कर में मिले पैसे से रोज़ाना चढ़ायी जानेवाली होमबलि और लोगों के नाम से चढ़ाए जानेवाले सभी बलिदानों का खर्चा उठाया जाता था।”
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