गीत 7
मसीही समर्पण
1. य-हो-वा ने है ब-ना-या
शान-दार ज-हाँ त-माम,
ज़-मी-न आ-स-माँ उस-के
सब उस-के हाथ के काम।
ये ज़िं-द-गी ह-में दी है
सा-बित कि-या उस-ने,
क़ा-बिल है व-ही ता-री-फ़ के
भक्-ति भी व-ही पा-ए।
2. लि-या यी-शु ने बप्-तिस्-मा
याह से कि-या वा-दा,
अब ते-रा मक़्-सद है मे-रा
क-रूँ इ-से पू-रा।
पा-नी से ऊ-पर जब आ-या
बे-टा म-सीह बन के,
से-वा क-र-ता तन-मन से वो
याह को स-मर्-पन कर-के।
3. हा-ज़िर हैं हम अब य-हो-वा
कर-ने ते-रा गुन-गान,
ख़ुद को नि-छा-वर कर-के हम
क-रें-गे ते-रा काम।
तू ने इक-लौ-ते को भे-जा
जिस-ने की जाँ क़ुर्-बान,
ते-रे लि-ए जी-एँ या म-रें
अर्-पन क-र-ते हम प्राण।
(मत्ती 16:24; मर. 8:34; लूका 9:23 भी देखिए।)