गीत 4
परमेश्वर की नज़र में अच्छा नाम बनाना
1. य-हो-वा का दिल ख़ुश रख-ना हो अ-गर
ज़िं-द-गी भर हम च-लें उस-की ड-गर।
हम उस-के सा-म-ने नेक नाम ब-ना-एँ-गे
को-शिश ह-मा-री य-ही र-हे।
2. दौ-लत ज-हाँ की चा-हे हा-सिल क-रें
शोह-रत दुन्-या में अ-गर हम पा भी लें।
पर रख-ना याद ह-में, चंद लम्-हों की हैं ये
और याह की दो-स्ती भी खो-एँ-गे।
3. भ-रो-सा याह पे रख-ना अ-टूट ह-में
सच की ल-ड़ा-ई, लड़-ना बि-ना ड-रे।
क-रें गर काम भ-ला, अप-ना नाम लें ब-ना
तब याह की याद में ब-सें स-दा।
(उत्प. 11:4; नीति. 22:1; मला. 3:16; प्रका. 20:15 भी देखिए।)