भविष्यवक्ताओं के नमूने पर चलिए—आमोस
1. आमोस कि मिसाल क्यों हमारा हौसला बढ़ा सकती है?
1 क्या आपने कभी कम पढ़ा-लिखा होने की वजह से प्रचार काम के लिए खुद को नाकाबिल समझा है? अगर हाँ, तो आप आमोस की मिसाल से हौसला पा सकते है। वह भेड़-बकरियों का चरानेवाला था और कटनी के समय फलों के बाग में काम करता था। फिर भी यहोवा ने उसे एक ज़रूरी संदेश सुनाने की आज्ञा दी। (आमो. 1:1; 7:14, 15) उसी तरह, आज यहोवा उन लोगों को इस्तेमाल करता है जो कम पढ़े-लिखे हैं। (1 कुरिं. 1:27-29) भविष्यवक्ता आमोस से प्रचार काम के सिलसिले में हम और क्या सबक सीखते हैं?
2. प्रचार में विरोध के बावजूद हम कैसे डटे रह सकते हैं?
2 विरोध के बावजूद डटे रहिए: अमस्याह, इसराएल के उत्तरी दस-गोत्रवाले राज्य में बछड़ों कि उपासना करनेवाला एक याजक था। जब उसने आमोस की भविष्यवाणी सुनी, तो उसने गुस्से से भड़कते हुए कहा: ‘यहाँ से निकल जा! हमें अकेला छोड़ दे! हमारा अपना धर्म है!’ (आमो. 7:12, 13) अमस्याह चाहता था कि आमोस के काम पर रोक लग जाए इसलिए उसने राजा यारोबाम से गुज़ारिश करते वक्त भविष्यवक्ता के शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। (आमो. 7:7-11) लेकिन आमोस डर के मारे पीछे नहीं हट गया। उसी तरह, आज कुछ पादरीवर्ग राजनीति का सहारा लेकर यहोवा के साक्षियों पर ज़ुल्म ढाते हैं। मगर यहोवा हमें यकीन दिलाता है कि कोई भी हथियार जो हमारे खिलाफ चलाए जाएँगे, वे कभी सफल नहीं होंगे।—यशा. 54:17.
3. आज जिस संदेश का हम ऐलान करते हैं, उसके दो मकसद क्या हैं?
3 परमेश्वर के न्याय और भविष्य की आशीषों का ऐलान कीजिए: हालाँकि आमोस ने इसराएल के दस-गोत्रवाले राज्य के खिलाफ न्याय का ऐलान किया। फिर भी, उसने बाइबल में अपने नाम कि लिखी किताब के आखिर में, बहाल किए जानेवाले परमेश्वर के वादे और ढेरों आशीषों का भी ज़िक्र किया। (आमो. 9:13-15) हम भी परमेश्वर के आनेवाले “न्याय के दिन” का ऐलान करते हैं, लेकिन यह ‘राज की खुशखबरी’ का बस एक हिस्सा है, जिसका हम प्रचार करते हैं। (2 पत. 3:7; मत्ती 24:14) हर-मगिदोन में दुष्टों का नाश करके, यहोवा पृथ्वी पर फिरदौस का रास्ता खोल देगा।—भज. 37:34.
4. क्या बात हमें यकीन दिलाती है कि हम परमेश्वर की मरज़ी पूरी कर सकते हैं?
4 राज संदेश का विरोध करनेवाली इस दुनिया में प्रचार करना हमारे लिए एक परीक्षा हो सकती है। खासकर समर्पण के मुताबिक जीने और यहोवा की मरज़ी पूरी करने के हमारे इरादों की परख हो सकती है। (यूह. 15:19) मगर हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि आमोस की तरह यहोवा, हमें उसकी मरज़ी पूरी करने के योग्य बनाता रहेगा।—2 कुरिं. 3:5.