जो देख नहीं सकते, उन्हें यहोवा के बारे में जानने में मदद कीजिए
1. यीशु नेत्रहीन लोगों के साथ करुणा से कैसे पेश आया?
1 कुछ ही दिनों में यीशु की मौत होनेवाली थी। वह यरीहो शहर से निकल रहा था कि दो अंधे भिखारियों ने ज़ोर से पुकारा, “हे प्रभु, . . . हम पर दया कर!” हालाँकि उस वक्त यीशु खुद पर आनेवाली परीक्षाओं के बारे में सोच रहा था, फिर भी वह रुका और उसने उन्हें अपने पास बुलाया और उन्हें ठीक किया। (मत्ती 20:29-34) यीशु की तरह हम नेत्रहीन लोगों के साथ करुणा से कैसे पेश आ सकते हैं?
2. अगर कहीं बाहर हमारी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से होती है, जो देख नहीं सकता, तो हम उसे कैसे गवाही दे सकते हैं?
2 मदद कीजिए: अगर कहीं बाहर आपकी मुलाकात किसी ऐसे व्यक्ति से होती है, जो देख नहीं सकता, तो आप अपना परिचय देकर उससे पूछ सकते हैं कि क्या आप उसकी कुछ मदद कर सकते हैं। अकसर लोग नेत्रहीन लोगों का फायदा उठाते हैं, इसलिए हो सकता है शुरू-शुरू में वह आप पर शक करें। लेकिन अगर आप उसके साथ अच्छी तरह पेश आएँ और उसमें दिलचस्पी लें, तो शायद वह आपसे बात करने के लिए तैयार हो जाए। इस बात को भी ध्यान में रखिए कि एक व्यक्ति को किस हद तक मदद की ज़रूरत है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे कम दिखायी देता है या बिलकुल भी दिखायी नहीं देता। उसकी मदद करने बाद, आप उसे बता सकते हैं कि आप बाइबल पर आधारित शिक्षा देते हैं। उससे पूछिए अगर आप उसे बाइबल से एक आयत पढ़कर सुना सकते हैं, जैसे भजन 146:8 या यशायाह 35:5, 6. अगर वह ब्रेल लिपि पढ़ सकता है, तो उससे पूछिए कि क्या वह बाइबल के बारे में और जानने के लिए ब्रेल लिपि में कुछ पढ़ना पसंद करेगा। आप jw.org से ऑडियो फाइल डाउनलोड करने में भी उसकी मदद कर सकते हैं। अगर उसके कंप्यूटर पर स्क्रीन रीडर प्रोग्राम है, जो स्क्रीन पर दिए शब्दों को सुनाता है, तो शायद वह इस प्रोग्राम की मदद से jw.org पर दिए लेख और ऐसी किताबें-पत्रिकाएँ भी सुनना पसंद करे, जिन्हें रिच टैक्स्ट फॉरमैट (RTF) में डाउनलोड किया जा सकता है।—“जो देख नहीं सकते, उनकी मदद करते वक्त . . . ” नाम का बक्स देखिए।
3. हम अपने इलाके में नेत्रहीन लोगों को कैसे ढूँढ़ सकते हैं?
3 नेत्रहीन लोगों को ढूँढ़िए: घर-घर प्रचार करते वक्त नेत्रहीन लोगों से हमारी मुलाकात बहुत कम होती है, क्योंकि उनमें से ज़्यादातर लोग अजनबियों से बात करना पसंद नहीं करते। इसलिए उन्हें ‘ढूँढ़ने’ के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी, ताकि आप उन्हें गवाही दे पाएँ। (मत्ती 10:11) क्या आपके काम की जगह पर या स्कूल में कोई नेत्रहीन व्यक्ति है? ऐसे लोगों से बात करने में पहल कीजिए। अगर आपके इलाके में नेत्रहीन बच्चों के लिए स्कूल है, तो स्कूल के अधिकारियों से पूछिए अगर वे स्कूल की लाइब्रेरी में ब्रेल लिपि में किताबें-पत्रिकाएँ रखना चाहेंगे। क्या आप किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जिसके परिवार का कोई सदस्य देख नहीं सकता? क्या आपके इलाके में ऐसी संस्थाएँ हैं, जो नेत्रहीन लोगों की मदद के लिए सुविधाएँ उपलब्ध कराती हैं? क्या आपके इलाके में नेत्रहीन लोगों के रहने के लिए कोई आश्रम है? उनके परिवार के सदस्य, रिसेप्शनिस्ट, या बड़े अधिकारी से कहिए कि यहोवा के साक्षी नेत्रहीन लोगों को एक खुशखबरी देना चाहते हैं और अगर उन्हें पसंद हो, तो आप ब्रेल लिपि में कुछ किताबें-पत्रिकाएँ या ऑडियो रिकॉर्डिंग ला सकते हैं। उन्हें बाइबल से परमेश्वर के इस वादे के बारे में बताइए कि वह बहुत जल्द नेत्रहीन लोगों की आँखों की रौशनी लौटा देगा और फिर कोई ऐसा नहीं होगा, जिसे दिखायी नहीं देता। इसके अलावा, आप उन्हें jw.org से “इसके बिना मैं क्या करता” नाम का वीडियो दिखा सकते हैं। इसमें एक नेत्रहीन व्यक्ति का अनुभव बताया गया है, जिसे ब्रेल लिपि में बाइबल पढ़कर फायदा हुआ। जब आप उन्हें बताएँगे कि आप क्यों आए हैं, तो शायद वे आपको नेत्रहीन व्यक्ति से मिलने दें।
4. हम जेनट के अनुभव से क्या सीखते हैं?
4 जेनट नाम की एक बहन, जो देख नहीं सकती, एक ऐसे आश्रम में गयी, जहाँ नेत्रहीन लोग रहते हैं। उसने एक जवान स्त्री से बातचीत शुरू की। जेनट ने उससे कहा, “यीशु ने नेत्रहीन लोगों को ठीक करके यह दिखाया था कि वह सभी नेत्रहीन लोगों की आँखों की रौशनी लौटा देगा।” उन्होंने प्रकाशितवाक्य 21:3, 4 पर चर्चा की और जेनट ने उसे समझाया कि परमेश्वर के राज के ज़रिए यह वादा कैसे पूरा होगा। वह स्त्री कुछ देर के लिए शांत हो गयी और फिर उसने कहा, “मैंने कभी किसी नेत्रहीन व्यक्ति को बाइबल के इस वादे को ऐसे समझाते हुए नहीं सुना। जो लोग देख सकते हैं उनमें से ज़्यादातर लोगों का यही कहना है कि कुछ लोग अंधे इसलिए होते हैं क्योंकि उन्होंने, या फिर उनके बाप-दादाओं ने कोई गलत काम किया होगा।” जेनट ने उस स्त्री को ई-मेल से बाइबल सिखाती है किताब का लिंक भेजा और अब वे हफ्ते में दो बार बाइबल का अध्ययन करते हैं।
5. हालाँकि हम यीशु की तरह नेत्रहीन लोगों को ठीक नहीं कर सकते, लेकिन उनमें दिलचस्पी लेने से हमें क्या आशीषें मिल सकती हैं?
5 हालाँकि हम यीशु की तरह नेत्रहीन लोगों को ठीक नहीं कर सकते, लेकिन हम उन सभी लोगों को बाइबल में दी सच्चाई समझने में मदद ज़रूर कर सकते हैं, जिन्हें इस दुनिया की व्यवस्था के ईश्वर ने अंधा कर दिया है, और इनमें नेत्रहीन लोग भी शामिल हैं। (2 कुरिं. 4:4) यीशु ने यरीहो के पास उन दो आदमियों को इसलिए ठीक किया, क्योंकि वह उन्हें देखकर “तड़प उठा” था। (मत्ती 20:34) अगर हम भी यीशु की तरह नेत्रहीन लोगों में दिलचस्पी लें, तो हम उन्हें यहोवा के बारे में सिखा पाएँगे, जो बहुत जल्द नेत्रहीन लोगों की आँखों की रौशनी लौटा देगा।