क्या परमेश्वर का वचन आपकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में असर करता है?
हर रोज़ बाइबल पढ़ने से हम “विश्वास में मज़बूती” पा सकते हैं और “उसमें जड़ पकड़कर मज़बूत” बने रह सकते हैं। (कुलु. 2:6, 7) यहोवा के वचन में हमारी ज़िंदगी में ज़बरदस्त असर करने की ताकत है, लेकिन ऐसा तभी होगा अगर हम बाइबल में दिए सिद्धांतों के बारे में गहराई से सोचें और उन्हें अपनी ज़िंदगी में लागू करें। (इब्रा. 4:12; याकू. 1:22-25) यहोशू 1:8 में ऐसे तीन कारगर कदम बताएँगे हैं, जिन पर बाइबल पढ़ते वक्त हम ध्यान दे सकते हैं: (1) परमेश्वर के वचन को “दिन रात” पढ़िए। (2) इसे “ध्यान से” पढ़िए, यानी इस गति से पढ़िए कि आप उन बातों पर मनन कर पाएँ और उस घटना और हालात की मन में एक तसवीर बना सकें। (3) “जो कुछ उस में लिखा है” उसे अपनी ज़िंदगी में लागू करने की पूरी कोशिश कीजिए। अगर हम बाइबल पढ़ते वक्त इन तीन बातों को ध्यान में रखेंगे, तो हमारे सब काम “सफल” होंगे और हम अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में सही फैसले ले पाएँगे।