जीएँ मसीहियों की तरह
पति-पत्नी अपना बंधन कैसे मज़बूत कर सकते हैं?
अब्राहम और सारा जिस तरह एक-दूसरे से प्यार और आदर से पेश आते थे, वह पति-पत्नियों के लिए एक अच्छी मिसाल है। (उत 12:11-13; 1पत 3:6) फिर भी उन्हें अपनी शादीशुदा ज़िंदगी में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। अब्राहम और सारा की मिसाल से पति-पत्नी क्या सीख सकते हैं?
एक-दूसरे से खुलकर बात कीजिए। जब आपका साथी गुस्से में या चिढ़कर कुछ कहता है, तो प्यार से जवाब दीजिए। (उत 16:5, 6) एक-दूसरे के साथ वक्त बिताइए। अपनी बातों और अपने व्यवहार से अपने प्यार का यकीन दिलाइए। सबसे बढ़कर, यहोवा के साथ अपना रिश्ता मज़बूत कीजिए। साथ मिलकर अध्ययन करने, प्रार्थना करने और उपासना से जुड़े कामों में लगे रहने से आप ऐसा कर पाएँगे। (सभ 4:12) याद रखिए, यहोवा ने शादी के इंतज़ाम की शुरूआत की है। इस वजह से जब पति-पत्नी इस बंधन को पवित्र मानते हैं और अपना रिश्ता मज़बूत करते हैं, तो इससे यहोवा की महिमा होती है।
अपनी शादी का बंधन मज़बूत कीजिए वीडियो देखिए। फिर यहाँ दिए सवालों के जवाब दीजिए:
किन बातों से पता चलता है कि शान और किआरा के बीच दूरियाँ बढ़ने लगी थीं?
पति-पत्नियों के लिए एक-दूसरे से खुलकर बात करना क्यों ज़रूरी है?
अब्राहम और सारा की मिसाल से शान और किआरा को कैसे मदद मिली?
शान और किआरा ने अपना रिश्ता मज़बूत करने के लिए कौन-से कदम उठाए?
पति-पत्नियों को क्यों एक-दूसरे से हद-से-ज़्यादा की उम्मीद नहीं करनी चाहिए?
आप अपना बंधन मज़बूत कर सकते हैं!