गीत 39
यहोवा की नज़रों में नेक नाम बनाएँ
1. नेक नाम बनाएँ याह की नज़रों में हम,
उसकी राह से ना हटे कभी कदम।
गर उसकी बात सुनें, नेक काम हर दिन करें,
फिर हम दिल याह का, हाँ, जीतेंगे।
2. सब देते ज़ोर ये, ‘पैसा और नाम कमा;
खुश्-याँ जहान की लूटें हर पल यहाँ।’
पर रखना याद हमें, चंद लम-हों की हैं ये,
दोस्ती भी याह की हम खो देंगे।
3. याह की यादों में बसना चाहते सदा,
हो मुश्-किल फिर भी निभाएँ हम वफा।
पूरा यकीं उस पे, हमारा नाम लिखे,
अपनी किताब में वो बिन भूले।
(उत्प. 11:4; नीति. 22:1; मला. 3:16; प्रका. 20:15 भी देखें।)