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यहोवा, “भेदों का खोलनेवाला”प्रहरीदुर्ग—2012 | जून 15
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यहोवा, “भेदों का खोलनेवाला”
“सच तो यह है कि तुम लोगों का परमेश्वर, सब ईश्वरों का ईश्वर, राजाओं का राजा और भेदों का खोलनेवाला है।”—दानि. 2:47.
आप क्या जवाब देंगे?
भविष्य के बारे में यहोवा ने कौन-सी जानकारी हम पर ज़ाहिर की है?
जंगली जानवर के पहले छ: सिर किन्हें दर्शाते हैं?
जंगली जानवर और नबूकदनेस्सर को सपने में दिखायी दी बड़ी मूर्ति के बीच क्या नाता है?
1, 2. यहोवा ने हम पर क्या ज़ाहिर किया है? और क्यों?
जब परमेश्वर का राज सभी इंसानी सरकारों का अंत करेगा, उस वक्त कौन-सी सरकार पूरी दुनिया पर हुकूमत कर रही होगी? हम इसका जवाब जानते हैं क्योंकि ‘भेदों के खोलनेवाले’ यहोवा ने इसे हम पर ज़ाहिर किया है। उसने दानिय्येल नबी और प्रेषित यूहन्ना की लिखी किताबों के ज़रिए उन सरकारों के बारे में कुछ निशानियाँ दी हैं ताकि हम उन्हें पहचान सकें।
2 यहोवा ने दानिय्येल और यूहन्ना को जंगली जानवरों के कई दर्शन दिखाए। उसने दानिय्येल को धातुओं से बनी लंबी-चौड़ी मूर्ति के सपने का मतलब भी समझाया। और हमारे फायदे के लिए इन्हें बाइबल में दर्ज़ करवाया और महफूज़ रखा। (रोमि. 15:4) ताकि हमारी आशा और भी पक्की हो सके कि जल्द ही परमेश्वर का राज तमाम इंसानी सरकारों को चकना-चूर कर देगा।—दानि. 2:44.
3. दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियाँ समझने के लिए हमें सबसे पहले क्या समझना होगा? और क्यों?
3 दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियाँ हमें न सिर्फ आठ राजाओं यानी इंसानी सरकारों की पहचान कराती हैं बल्कि यह भी बताती हैं कि ये सरकारें किस क्रम में उभरेंगी। लेकिन इन भविष्यवाणियों को हम तभी सही तरह समझ सकते हैं, जब हम बाइबल में दर्ज़ सबसे पहली भविष्यवाणी का मतलब समझें। ऐसा क्यों? क्योंकि यह भविष्यवाणी बाइबल का खास विषय है और इसी पर बाकी सारी भविष्यवाणियाँ टिकी हुई हैं।
साँप का वंश और जंगली जानवर
4. स्त्री का वंश किन लोगों से मिलकर बना है? और यह वंश क्या करेगा?
4 अदन में हुई बगावत के तुरंत बाद यहोवा ने वादा किया कि “स्त्री,” एक “वंश” उत्पन्न करेगी।a (उत्पत्ति 3:15 पढ़िए।) यह वंश आखिरकार साँप यानी शैतान के सिर को कुचल डालेगा। आगे चलकर यहोवा ने ज़ाहिर किया कि वंश, अब्राहम के ज़रिए आएगा। यह वंश इसराएल राष्ट्र और यहूदा के गोत्र से होगा और राजा दाविद के खानदान में पैदा होगा। (उत्प. 22:15-18; 49:10; भज. 89:3, 4; लूका 1:30-33) इस वंश का मुख्य भाग, मसीह यीशु है। (गला. 3:16) और पवित्र शक्ति से अभिषिक्त मसीही इस वंश का दूसरा भाग हैं। (गला. 3:26-29) परमेश्वर का राज यीशु मसीह और इन्हीं अभिषिक्त जनों से मिलकर बना है और इसी राज के ज़रिए परमेश्वर, शैतान को कुचल देगा।—लूका 12:32; रोमि. 16:20.
5, 6. (क) दानिय्येल और यूहन्ना ने कितनी ताकतवर शक्तियों का ज़िक्र किया? (ख) प्रकाशितवाक्य में बताए जंगली जानवर के सिर किन्हें दर्शाते हैं?
5 अदन में की गयी पहली भविष्यवाणी में यह भी कहा गया था कि शैतान भी एक “वंश” उत्पन्न करेगा। और उसका वंश, स्त्री के वंश से बैर या नफरत करेगा। शैतान के वंश में कौन शामिल हैं? वे सब जो शैतान की तरह परमेश्वर से नफरत करते हैं और उसके लोगों का विरोध करते हैं। पूरे इतिहास के दौरान शैतान ने अपने वंश को सैन्य और धार्मिक संगठनों के अलावा, अलग-अलग सरकारों में संगठित किया है। (लूका 4:5, 6) लेकिन इनमें से गिनी-चुनी सरकारों ने ही परमेश्वर के लोगों यानी इसराएल राष्ट्र या अभिषिक्त मसीहियों से बनी मंडली पर अपना दबदबा चलाया है। यह बात गौर करने लायक है। क्यों? वह इसलिए क्योंकि दानिय्येल और यूहन्ना के दर्शनों में सिर्फ आठ ताकतवर शक्तियों का ज़िक्र किया गया है, जबकि दुनिया में कई सरकारें रही हैं।
6 ईसवी सन् 96 के करीब, जी उठाए गए यीशु ने प्रेषित यूहन्ना को कई हैरतअंगेज़ दर्शन दिखाए। (प्रका. 1:1) इनमें से एक दर्शन में यूहन्ना ने एक अजगर को विशाल समुद्र के तट पर खड़े देखा। यह अजगर, शैतान को दर्शाता है। (प्रकाशितवाक्य 13:1, 2 पढ़िए।) इसके बाद, उसने एक अजीब से जंगली जानवर को समुद्र में से ऊपर आते देखा, जिसके सात सिर थे और उसे शैतान ने बड़ा अधिकार दिया। आगे चलकर यूहन्ना ने सुर्ख लाल रंग का एक जंगली जानवर देखा और उसके भी सात सिर थे। सुर्ख लाल रंग का यह जानवर, प्रकाशितवाक्य 13:1 में बताए जंगली जानवर की मूरत था। और उसके सात सिर, “सात राजा” या सरकारों को दर्शाते हैं। (प्रका. 13:14, 15; 17:3, 9, 10) जब यूहन्ना ये बातें लिख रहा था, तब उन सात सरकारों में से पाँच गिर चुकी थीं, एक मौजूद थी और ‘एक अभी आयी नहीं थी।’ ये सरकारें या विश्व शक्तियाँ कौन थीं? आइए प्रकाशितवाक्य की किताब में बताए सात सिरवाले इस जंगली जानवर के बारे में चर्चा करें और देखें कि ये सिर किन्हें दर्शाते हैं। हम यह भी देखेंगे कि इन सरकारों के बारे में दानिय्येल की किताब क्या बताती है। क्योंकि इनमें से कुछ सरकारों के वजूद में आने के सैकड़ों साल पहले ही दानिय्येल की भविष्यवाणी में उनके बारे में ब्यौरेदार जानकारी दी गयी थी।
मिस्र और अश्शूर—पहला और दूसरा सिर
7. जानवर का पहला सिर किसे दर्शाता है? और क्यों?
7 जंगली जानवर का पहला सिर मिस्र को दर्शाता है। क्यों? क्योंकि मिस्र ही वह पहली विश्व शक्ति थी, जिसने परमेश्वर के लोगों के खिलाफ नफरत दिखायी। परमेश्वर ने अब्राहम से वादा किया था कि स्त्री का वंश उसके खानदान से आएगा। इसराएली, अब्राहम के वंशज थे। मिस्र में आकर बसने के बाद उनकी तादाद दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ती चली गयी। इसलिए मिस्री उन पर ज़ुल्म ढाने लगे। वंश के आने से पहले शैतान ने परमेश्वर के लोगों का नामो-निशान मिटाने की कोशिश की। कैसे? उसने मिस्र के राजा फिरौन को उभारा कि वह पैदा होनेवाले हर इसराएली लड़के को मरवा डाले। लेकिन यहोवा ने उसकी साज़िश को नाकाम कर दिया और अपने लोगों को मिस्र की गुलामी से छुड़ाया। (निर्ग. 1:15-20; 14:13) आगे चलकर, वह इसराएलियों को वादा किए देश में ले आया।
8. जानवर का दूसरा सिर किसे दर्शाता है? और उसने क्या करने की कोशिश की?
8 जानवर का दूसरा सिर अश्शूर को दर्शाता है। विश्व शक्ति अश्शूर ने भी परमेश्वर के लोगों को पूरी तरह मिटा डालने की कोशिश की। यह सच है कि यहोवा ने अश्शूरियों के ज़रिए दस गोत्रवाले राज्य को सज़ा दी क्योंकि वे मूर्तिपूजा में डूब गए थे और बगावत करने लगे थे। मगर फिर अश्शूर ने यरूशलेम पर हमला किया। शैतान ने सोचा होगा इस तरह वह शाही खानदान को खत्म कर देगा, जिस खानदान से आखिरकार यीशु आनेवाला था। यह हमला परमेश्वर के मकसद के खिलाफ था, इसलिए उसने चमत्कारी तौर पर हमलावरों को नाश किया और अपने वफादार लोगों को बचाया।—2 राजा 19:32-35; यशा. 10:5, 6, 12-15.
बैबिलोन—तीसरा सिर
9, 10. (क) यहोवा ने बैबिलोन को क्या करने की इजाज़त दी? (ख) भविष्यवाणी के पूरा होने के लिए क्या ज़रूरी था?
9 जानवर का तीसरा सिर, विश्व शक्ति बैबिलोन को दर्शाता है। परमेश्वर की इजाज़त से बैबिलोन ने यरूशलेम को हराया और उसके लोगों को बंदी बनाकर ले गया। मगर इससे पहले यहोवा परमेश्वर ने उन बगावती इसराएलियों को आगाह किया कि उनका क्या शर्मनाक हाल होनेवाला है। (2 राजा 20:16-18) उसने भविष्यवाणी की कि यरूशलेम में अपने “सिंहासन” पर से वह उनके राजाओं को हटा देगा। (1 इति. 29:23) मगर उसने यह भी वादा किया कि राजा दाविद के खानदान से एक शख्स या “अधिकारी” आएगा, जो हुकूमत करने के हक को अपने हाथों में दोबारा लेगा।—यहे. 21:25-27.
10 एक और भविष्यवाणी में बताया गया कि जब वादा किया गया मसीहा या अभिषिक्त जन आएगा, तो उस दौरान यहूदी, यरूशलेम के मंदिर में उपासना कर रहे होंगे। (दानि. 9:24-27) इसराएलियों को बंदी बनाकर बैबिलोनिया ले जाने से पहले एक भविष्यवाणी में कहा गया था कि मसीहा का जन्म बेतलेहेम में होगा। (मीका 5:2) इन भविष्यवाणियों के पूरे होने के लिए ज़रूरी था कि यहूदी, बैबिलोन की कैद से रिहा हों और अपने देश लौटकर मंदिर को दोबारा बनाएँ। मगर यह नामुमकिन-सा नज़र आ रहा था। क्यों? क्योंकि बैबिलोन का दस्तूर था कि वे अपने कैदियों को कभी रिहा नहीं करते थे। अब परमेश्वर के लोग कैसे अपने देश वापस लौट पाते? यहोवा ने इसका जवाब अपने भविष्यवक्ताओं पर ज़ाहिर किया।—आमो. 3:7.
11. बैबिलोन साम्राज्य को किन अलग-अलग निशानियों से दर्शाया गया? (फुटनोट देखिए।)
11 बैबिलोन की बंधुआई में जानेवालों में दानिय्येल नबी भी था। (दानि. 1:1-6) यहोवा ने दानिय्येल के ज़रिए बताया कि बैबिलोन के बाद कौन-सी विश्व शक्तियाँ दुनिया पर हुकूमत करेंगी। इस राज़ का खुलासा करने के लिए यहोवा ने तरह-तरह की निशानियाँ दीं। मिसाल के लिए, उसने बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर को सपने में अलग-अलग धातुओं से बनी एक बड़ी मूर्ति दिखायी। (दानिय्येल 2:1, 19, 31-38 पढ़िए।) दानिय्येल के ज़रिए यहोवा ने बताया कि मूर्ति का सोने का सिर, बैबिलोन साम्राज्य को दर्शाता है।b उसकी चाँदी की छाती और भुजाएँ, अगली विश्व शक्ति को दर्शाती है। वह विश्व शक्ति कौन-सी होगी और परमेश्वर के लोगों के साथ कैसा बर्ताव करेगी?
मादी-फारस—चौथा सिर
12, 13. (क) यहोवा ने बैबिलोन साम्राज्य की हार के बारे में क्या बताया था? (ख) मादी-फारस को जानवर का चौथा सिर कहना क्यों सही होगा?
12 दानिय्येल के ज़माने से 100 से भी ज़्यादा साल पहले, यहोवा ने यशायाह नबी के ज़रिए खुलासा किया कि बैबिलोन पर कौन-सी विश्व शक्ति जीत हासिल करेगी। यहोवा ने न सिर्फ यह बताया कि किस तरह बैबिलोन शहर को हराया जाएगा, बल्कि यह भी बताया कि जीत हासिल करनेवाले योद्धा का नाम क्या होगा। वह योद्धा था फारस का राजा, कुस्रू। (यशा. 44:28-45:2) इसके अलावा, दानिय्येल को विश्व शक्ति मादी-फारस के बारे में दो और दर्शन दिखाए गए। एक दर्शन में इसे रीछ के समान दिखाया गया, जो एक पांजर के बल उठा हुआ था। उस रीछ से कहा गया कि वह ‘बहुत मांस खाए।’ (दानि. 7:5) दूसरे दर्शन में, दो साम्राज्य से मिलकर बनी इस विश्व शक्ति को दो सींगवाले मेढ़े के तौर पर दर्शाया गया।—दानि. 8:3, 20.
13 ठीक अपनी भविष्यवाणी के मुताबिक यहोवा ने मादी-फारस साम्राज्य के ज़रिए बैबिलोन को हराया और इसराएलियों को दोबारा उनके वतन में बहाल किया। (2 इति. 36:22, 23) लेकिन कुछ समय बाद यही विश्व शक्ति परमेश्वर के लोगों का सफाया करने पर उतारू हो गयी। बाइबल की एस्तेर की किताब में दर्ज़ ब्यौरा बताता है कि फारस के प्रधानमंत्री हामान ने एक षड्यंत्र रचा। उसने ठान लिया कि वह पूरे साम्राज्य से इसराएल जाति का नामो-निशान मिटा देगा। यही नहीं, उसने उनका काम तमाम करने की तारीख भी तय कर ली। मगर एक बार फिर यहोवा ने ऐन वक्त पर अपने लोगों को शैतान के वंश के कोप से बचाया। (एस्ते. 1:1-3; 3:8, 9; 8:3, 9-14) इसलिए मादी-फारस को प्रकाशितवाक्य की किताब में बताए जानवर का चौथा सिर कहना बिलकुल सही है।
यूनान—पाँचवा सिर
14, 15. प्राचीन यूनान साम्राज्य के बारे में यहोवा ने क्या ब्यौरेदार जानकारी दी?
14 प्रकाशितवाक्य की किताब में बताए जानवर का पाँचवा सिर, यूनान साम्राज्य को दर्शाता है। दानिय्येल ने नबूकदनेस्सर के जिस सपने का मतलब समझाया था, उसमें मूर्ति के पीतल के पेट और जाँघें इसी साम्राज्य को दर्शाती हैं। दानिय्येल को दो और दर्शन दिए गए थे, जिनमें बताया गया कि यह साम्राज्य कैसा होगा और इसका सबसे महान शासक कौन होगा।
15 एक दर्शन में दानिय्येल ने चार पंखोंवाला चीता देखा। यह चीता, यूनान को दर्शाता है, जो एक-के-बाद-एक तेज़ी से देशों पर जीत हासिल करता जाता है। (दानि. 7:6) दूसरे दर्शन में उसने एक बकरा देखा जिसका एक बड़ा सींग है। यह बकरा देखते-ही-देखते दो सींगवाले मेढ़े यानी मादी-फारस को मार गिराता है। यहोवा ने दानिय्येल को बताया कि वह बकरा यूनान साम्राज्य है और वह बड़ा सींग, जीत हासिल करनेवाला उसका एक राजा है। दानिय्येल ने आगे बताया कि यह बड़ा सींग टूटकर गिर जाएगा और उसकी जगह पर चार सींग और निकलेंगे। हालाँकि यह भविष्यवाणी यूनान के विश्व शक्ति बनने के करीब 200 साल पहले लिखी गयी थी, मगर इसकी छोटी-से-छोटी बात पूरी हुई। सिकंदर महान, जो प्राचीन यूनान का सबसे मशहूर राजा था, उसने मादी-फारस के खिलाफ जंग छेड़ दी। लेकिन जल्द ही यह बड़ा सींग टूट गया। जब सिकंदर अपनी कामयाबी की बुलंदियों पर था, तब 32 साल की उम्र में ही उसकी मौत हो गयी। इसके बाद, उसका साम्राज्य उसके चार सेनापतियों के बीच बँट गया।—दानिय्येल 8:20-22 पढ़िए।
16. एन्टियोकस चौथे ने क्या किया?
16 फारस पर जीत हासिल करने के बाद, यूनान ने परमेश्वर के लोगों की सर-ज़मीन पर राज किया। उस वक्त तक यहूदी वापस वादा किए देश में आकर बस गए थे और उन्होंने यरूशलेम के मंदिर को दोबारा खड़ा कर दिया था। वे अब भी परमेश्वर के चुने हुए लोग थे और दोबारा बनाया गया मंदिर, सच्ची उपासना का केंद्र था। लेकिन ईसा पूर्व दूसरी सदी में, यूनान जो जंगली जानवर का पाँचवा सिर था, उसने परमेश्वर के लोगों पर हमला किया। एन्टियोकस चौथे ने, जो यूनान साम्राज्य के बँटे हुए एक हिस्से का वारिस था, उसने यरूशलेम के मंदिर में झूठे देवताओं की एक वेदी बनवायी। और उसने कहा कि जो कोई यहूदी धर्म को मानेगा, उसे सज़ा-ए-मौत दी जाएगी। एक बार फिर शैतान के वंश की नफरत साफ दिखायी दे रही थी। मगर जल्द ही यूनान की जगह एक दूसरी विश्व शक्ति ने ले ली। जंगली जानवर का छठवाँ सिर कौन था?
रोम—छठवाँ सिर, “भयंकर और डरावना”
17. उत्पत्ति 3:15 में बतायी भविष्यवाणी को पूरा करने में छठे सिर ने क्या अहम भूमिका निभायी?
17 जब यूहन्ना को जंगली जानवर का दर्शन मिला, उस दौरान रोम विश्व शक्ति के तौर पर राज कर रहा था। (प्रका. 17:10) इस छठे सिर ने उत्पत्ति 3:15 में दर्ज़ भविष्यवाणी को पूरा करने में एक अहम भूमिका निभायी। शैतान ने रोमी अधिकारियों के ज़रिए स्त्री के वंश की “एड़ी” को डसा और उसे कुछ समय के लिए अपाहिज कर दिया। यह कैसे हुआ? उन्होंने यीशु पर देशद्रोही होने का झूठा इलज़ाम लगाया और उसे मरवा डाला। (मत्ती 27:26) लेकिन जल्द ही शैतान का दिया घाव ठीक हो गया क्योंकि यहोवा ने यीशु को मरे हुओं में से जी उठाया।
18. (क) यहोवा ने कौन-सा नया राष्ट्र चुना? और क्यों? (ख) किस तरह शैतान का वंश लगातार स्त्री के वंश के लिए नफरत दिखाता रहा?
18 इसराएल राष्ट्र के धर्म-गुरुओं ने रोम के साथ मिलकर यीशु के खिलाफ साज़िश रची। और-तो-और ज़्यादातर लोगों ने यीशु को मसीहा के तौर पर कबूल नहीं किया। इसलिए यहोवा ने पैदाइशी इसराएलियों को एक राष्ट्र के तौर पर ठुकरा दिया। (मत्ती 23:38; प्रेषि. 2:22, 23) अब उसने एक नए राष्ट्र को चुना, जिसे ‘परमेश्वर का इसराएल’ कहा गया। (गला. 3:26-29; 6:16) यह राष्ट्र, अभिषिक्त मसीहियों की मंडली था जो यहूदियों और गैर-यहूदियों से मिलकर बना था। (इफि. 2:11-18) यीशु के मरने और उसके जी उठाए जाने के बाद भी, शैतान का वंश लगातार स्त्री के वंश के लिए नफरत दिखाता रहा। कई बार रोम ने अभिषिक्त मसीहियों से बनी मंडली यानी स्त्री के वंश के दूसरे भाग को मिटाने की कोशिश की।c
19. (क) दानिय्येल ने छठी विश्व शक्ति के बारे में क्या बताया? (ख) हम अगले अध्याय में किस बात पर चर्चा करेंगे?
19 दानिय्येल ने नबूकदनेस्सर को जिस सपने का मतलब समझाया, उसमें लोहे के पाँव रोम को दर्शाते हैं। (दानि. 2:33) दानिय्येल ने एक और दर्शन देखा था, जिसमें न सिर्फ रोम साम्राज्य के बारे में बताया गया था बल्कि यह भी बताया गया था कि रोम से निकलनेवाली अगली विश्व शक्ति कौन-सी होगी। (दानिय्येल 7:7, 8 पढ़िए।) सदियों तक रोम अपने दुश्मनों के लिए “भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी” साबित हुआ। लेकिन भविष्यवाणी में बताया गया था कि इस साम्राज्य से “दस सींग” निकलेंगे और इनमें से एक सींग का दूसरों से ज़्यादा नाम होगा। ये दस सींग क्या हैं और छोटा सींग किसे दर्शाता है? यह छोटा सींग, नबूकदनेस्सर के सपने में बतायी बड़ी मूर्ति के किस हिस्से से ताल्लुक रखता है? पेज 14 पर दिया अध्ययन लेख इन सवालों के जवाब देगा।
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यहोवा हम पर ज़ाहिर करता है, “बहुत जल्द क्या-क्या होना है”प्रहरीदुर्ग—2012 | जून 15
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यहोवा हम पर ज़ाहिर करता है, “बहुत जल्द क्या-क्या होना है”
“ये वे बातें हैं जो यीशु मसीह के ज़रिए प्रकट की गयीं। ये उसे परमेश्वर से मिली थीं ताकि वह अपने दासों को दिखा सके कि बहुत जल्द क्या-क्या होना है।”—प्रका. 1:1.
आप क्या जवाब देंगे?
बड़ी मूर्ति का कौन-सा हिस्सा ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति को दर्शाता है?
ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति और संयुक्त राष्ट्र संघ के बीच क्या नाता है, इस बारे में यूहन्ना क्या बताता है?
दानिय्येल और यूहन्ना के दर्शन में, दुनिया की सारी सरकारों के अंत के बारे में क्या बताया गया है?
1, 2. (क) दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियाँ हमें क्या समझने में मदद देती हैं? (ख) जंगली जानवर के पहले छ: सिर किन्हें दर्शाते हैं?
जब हम दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियों की आपस में तुलना करते हैं, तो हमें आज और भविष्य में होनेवाली घटनाओं का मतलब समझने में मदद मिलती है। यूहन्ना के देखे सात सिरवाले जंगली जानवर के दर्शन, दानिय्येल के दस सींगवाले भयानक जानवर के ब्यौरे और लंबी-चौड़ी मूर्ति के सपने का उसने जो मतलब बताया, उन सबसे हम क्या सीख सकते हैं? और इन भविष्यवाणियों की साफ समझ पाकर हमें क्या करने का बढ़ावा मिलता है?
2 आइए यूहन्ना के देखे जंगली जानवर के दर्शन पर गौर करें। (प्रका., अध्या. 13) जैसा कि हमने पिछले लेख में देखा, जानवर के पहले छ: सिर मिस्र, अश्शूर, बैबिलोन, मादी-फारस, यूनान और रोम को दर्शाते हैं। इन सभी विश्व शक्तियों ने स्त्री के वंश के लिए नफरत दिखायी। (उत्प. 3:15) जब यूहन्ना ने दर्शन दर्ज़ किए, तो उसके सदियों बाद तक, छठा सिर यानी रोम एक शक्तिशाली साम्राज्य बना रहा। मगर आखिरकार सातवाँ सिर रोम की जगह लेनेवाला था। यह सातवाँ सिर या विश्व शक्ति कौन थी और वह स्त्री के वंश के साथ कैसे पेश आती?
ब्रिटेन और अमरीका शक्तिशाली बनते हैं
3. दस सींगवाला खौफनाक जानवर किसे दर्शाता है? और उसके दस सींग किसे दर्शाते हैं?
3 अगर हम यूहन्ना के दर्शन और दानिय्येल के दस सींगवाले खौफनाक जानवर के दर्शन की आपस में तुलना करें, तो हम पहचान सकते हैं कि प्रकाशितवाक्य अध्याय 13 में बताए जंगली जानवर का सातवाँ सिर कौन है।a (दानिय्येल 7:7, 8, 23, 24 पढ़िए।) दानिय्येल ने दर्शन में जिस दस सींगवाले जानवर को देखा, वह विश्व शक्ति रोम को दर्शाता है। (पेज 12-13 पर दिया चार्ट देखिए।) ईसवी सन् पाँचवी सदी में, रोम साम्राज्य धीरे-धीरे टूटकर छोटे-छोटे राज्यों में बिखरने लगा। उस खौफनाक जानवर के दस सींग, उन राज्यों को दर्शाते हैं, जो रोम साम्राज्य से निकले थे।
4, 5. (क) छोटे सींग ने क्या किया? (ख) जंगली जानवर का सातवाँ सिर किसे दर्शाता है?
4 दानिय्येल की भविष्यवाणी बताती है कि दस सींगवाले खौफनाक जानवर का “एक और छोटा सा सींग” निकलता है, जिसके बल से तीन सींग उखड़ जाते हैं। भविष्यवाणी की यह बात कब पूरी हुई? तब जब ब्रिटेन, जो पहले रोमी साम्राज्य की छोटी छावनी हुआ करता था, वह काफी नामो-शोहरत पाने लगा। सत्रहवीं सदी तक ब्रिटेन एक मामूली और छोटा साम्राज्य था। रोमी साम्राज्य के अधीन आनेवाले तीन देश स्पेन, नेदरलैंडस और फ्राँस इसके मुकाबले ज़्यादा शक्तिशाली थे। मगर फिर ब्रिटेन ने एक-एक करके इन तीनों देशों को हरा दिया और उन सभी से ताकतवर बन बैठा। सन् 1750 तक ब्रिटेन, दुनिया में एक शक्तिशाली साम्राज्य के तौर पर उभरने लगा। लेकिन अब तक वह जंगली जानवर का सातवाँ सिर नहीं बना था।
5 हालाँकि ब्रिटेन देशों पर जीत हासिल करता गया, मगर उत्तरी अमरीका में उसकी उपनिवेश बस्तियाँ उससे अलग हो गयीं और इस तरह संयुक्त राज्य अमरीका की शुरूआत हुई। ब्रिटेन ने अमरीका को ताकतवर बनने से नहीं रोका, उलटा अपनी नौसेना से उसकी सुरक्षा की। फिर सन् 1914 में जब प्रभु के दिन की शुरूआत हुई, तब तक ब्रिटेन पूरे इतिहास में दुनिया का सबसे शक्तिशाली साम्राज्य बन चुका था और अमरीका पूरी दुनिया के उद्योग जगत का सरताज।b पहले विश्व युद्ध के दौरान अमरीका, ब्रिटेन का एक खास साझेदार बन गया। वे दोनों साथ मिलकर अनोखे ढंग से काम करने लगे। इस तरह जंगली जानवर का सातवाँ सिर, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति बनकर उभरा। यह विश्व शक्ति, स्त्री के वंश के साथ कैसे पेश आती?
6. सातवें सिर ने परमेश्वर के लोगों के साथ कैसा सलूक किया?
6 प्रभु के दिन के शुरू होने के कुछ ही समय बाद, सातवें सिर ने परमेश्वर के लोगों यानी धरती पर मसीह के बचे हुए भाइयों पर हमला किया। (मत्ती 25:40) यीशु ने बताया था कि उसकी मौजूदगी के दौरान, वंश के कुछ बचे हुए जन धरती पर होंगे और ज़ोर-शोर से उसका दिया काम कर रहे होंगे। (मत्ती 24:45-47; गला. 3:26-29) ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने इन पवित्र जनों के साथ युद्ध किया। (प्रका. 13:3, 7) पहले विश्व युद्ध के दौरान, उसने परमेश्वर के लोगों पर ज़ुल्म किए, उनके कुछ साहित्यों पर पाबंदी लगायी और विश्वासयोग्य दास के प्रतिनिधियों को सलाखों के पीछे डलवा दिया। यहाँ तक कि सातवें सिर ने कुछ समय के लिए प्रचार काम करीब-करीब बंद करवा दिया। यहोवा ने पहले से यूहन्ना को दर्शन के ज़रिए बताया था कि ये सनसनीखेज़ घटनाएँ घटेंगी। मगर उसने यूहन्ना को यह भी बताया कि पवित्र जन यानी स्त्री के वंश का दूसरा भाग दोबारा खड़ा होगा और बढ़-चढ़कर प्रचार काम में हिस्सा लेगा। (प्रका. 11:3, 7-11) यहोवा के साक्षियों का इतिहास इस बात को पक्का करता है कि ये सारी घटनाएँ वैसी-की-वैसी घटी थीं।
ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति और लोहे और मिट्टी के पाँव
7. जंगली जानवर के सातवें सिर और बड़ी मूर्ति के बीच क्या ताल्लुक है?
7 जंगली जानवर के सातवें सिर और बड़ी मूर्ति के बीच क्या ताल्लुक है? ब्रिटेन और एक मायने में अमरीका भी, रोमी साम्राज्य में से निकले थे। लेकिन मूर्ति के पाँवों के बारे में क्या? ब्यौरा कहता है कि वे लोहे और मिट्टी के जोड़ से बने हैं। (दानिय्येल 2:41-43 पढ़िए।) यह ब्यौरा, उस समय के बारे में बताता है जब सातवें सिर यानी ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने शोहरत हासिल की। ठीक जैसे लोहे और मिट्टी से बना कोई ढाँचा, ठोस लोहे के बने ढाँचे से कमज़ोर होता है। उसी तरह, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति, रोम से कमज़ोर है जिससे वह निकली है। किस मायने में?
8, 9. (क) सातवीं विश्व शक्ति ने कैसे लोहे जैसी ताकत दिखायी? (ख) मूर्ति के पाँव में मिट्टी किसे दर्शाती है?
8 कई बार ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ने अपने लोहे जैसी फितरत दिखायी है। जैसे, पहला विश्व युद्ध जीतकर उसने अपनी ताकत का सबूत दिया। फिर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, उसकी लोहे जैसी ताकत और भी खुलकर ज़ाहिर हुई।c युद्ध के बाद, समय-समय पर वह अपनी ऐसी फितरत दिखाता रहा है। लेकिन जब से यह विश्व शक्ति वजूद में आयी है तब से इस लोहे में मिट्टी भी मिली हुई है।
9 लंबे अरसे से यहोवा के सेवक मूर्ति के पाँव का अर्थ जानना चाहते हैं। दानिय्येल 2:41 बताता है कि लोहे और मिट्टी के जोड़ से बने पाँव एक ही “राज्य” को दर्शाते हैं न कि ढेर सारे राज्यों को। इसलिए मिट्टी, ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के अंदर की कुछ ऐसी चीज़ें हैं, जो इसे रोमी साम्राज्य के ठोस लोहे से कमज़ोर बनाती है। दरअसल मिट्टी “राज्य के लोग” यानी आम जनता को दर्शाती है। (दानि. 2:43) ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के अधीन लोगों ने अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठायी है। उन्होंने नागरिक अधिकार, श्रमिक संघ और एक आज़ाद देश पाने के लिए आंदोलन चलाए हैं। इस तरह आम जनता ने इस विश्व शक्ति की लोहे जैसी ताकत को कमज़ोर किया है। इसके अलावा, राजनीति को लेकर जनता के अलग-अलग विचार हैं। और जब कोई नेता कुछ वोटों से ही चुनाव जीतता है, तो उसके पास इतना अधिकार भी नहीं होता कि वह अपने वादों और नीतियों को अंजाम दे सके। इस विश्व शक्ति के हालात ठीक वैसे ही हैं जैसे दानिय्येल ने भविष्यवाणी की थी, “वह राज्य कुछ तो दृढ़ और कुछ निर्बल होगा।”—दानि. 2:42; 2 तीमु. 3:1-3.
10, 11. (क) भविष्य में मूर्ति के “पांवों” का क्या होगा? (ख) मूर्ति के पाँवों की उँगलियों से हम क्या समझते हैं?
10 इक्कीसवीं सदी में भी ब्रिटेन और अमरीका ने अपनी अनोखी साझेदारी कायम रखी है और उन्होंने अकसर दुनिया के ज़रूरी मामलों को निपटाने में साथ मिलकर काम किया। बड़ी मूर्ति और जंगली जानवर से जुड़ी भविष्यवाणियाँ पुख्ता करती हैं कि ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति की जगह कोई और विश्व शक्ति नहीं लेगी। और हालाँकि यह आखिरी विश्व शक्ति लोहे की टाँगों से काफी कमज़ोर है, लेकिन यह अपने आप खत्म नहीं होगी।
11 मूर्ति के पाँवों की उँगलियों की संख्या, क्या कोई खास मायने रखती है? गौर कीजिए: दूसरे दर्शनों में, दानिय्येल संख्याओं का खास तौर पर ज़िक्र करता है जैसे, अलग-अलग जानवरों के सिर पर कितने सींग हैं। ये संख्या काफी अहमियत रखती हैं। लेकिन मूर्ति के बारे में बताते वक्त दानिय्येल ने यह नहीं बताया कि उसके पाँव में कितनी उँगलियाँ हैं। इसलिए मूर्ति के हाथों की उँगलियाँ, टाँगें और पंजों की तरह, पाँव की उँगलियाँ कोई खास मायने नहीं रखतीं। मगर हाँ, दानिय्येल ने साफ तौर पर यह ज़रूर बताया कि पाँव की उँगलियाँ लोहे और मिट्टी की बनी हैं। दानिय्येल की इस बात से हम इस नतीजे पर पहुँच सकते हैं कि जब “पत्थर” यानी परमेश्वर का राज, मूर्ति के पाँव से जाकर टकराएगा, तब ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति ही दुनिया पर राज कर रही होगी।—दानि. 2:45.
ब्रिटेन-अमरीका और दो सींगवाला जंगली जानवर
12, 13. दो सींगवाला जंगली जानवर किसे दर्शाता है? और यह क्या करता है?
12 हालाँकि ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति लोहे और मिट्टी के जोड़ से बनी है, लेकिन यीशु ने यूहन्ना को जो दर्शन दिए वे दिखाते हैं कि यह शक्ति आखिरी दिनों में एक अहम भूमिका निभाएगी। वह कैसे? यूहन्ना ने एक दर्शन में दो सींगवाला जंगली जानवर देखा, जो अजगर की तरह बोलता है। यह अजीब-सा जानवर किसे दर्शाता है? इसके दो सींग हैं, तो ज़ाहिर है कि ये दो शक्तियों से मिलकर बना है। दरअसल यह जानवर ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति को ही दर्शाता है, लेकिन अपनी एक खास भूमिका में।—प्रकाशितवाक्य 13:11-15 पढ़िए।
13 यह जंगली जानवर धरती पर रहनेवालों से कहता है कि वे सात सिरवाले जंगली जानवर की मूरत बनाएँ। यूहन्ना ने लिखा कि जानवर की यह मूरत उभरेगी, गायब हो जाएगी और फिर दोबारा उभरेगी। बिलकुल यही एक संगठन के साथ हुआ, जिसे ब्रिटेन और अमरीका ने बढ़ावा दिया। इस संगठन का मकसद था, दुनिया के सभी राष्ट्रों को एकता में बाँधना और उनकी खातिर काम करना।d यह संगठन पहली बार पहले विश्व युद्ध के बाद उभरा और इसे राष्ट्र संघ के नाम से जाना गया। फिर दूसरे विश्व युद्ध के शुरू होने पर यह गायब हो गया। मगर युद्ध के दौरान, परमेश्वर के लोगों ने ऐलान किया कि जंगली जानवर की मूरत फिर से उभरेगी, ठीक जैसे प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणी में बताया गया था। और शत-प्रतिशत ऐसा ही हुआ। यह मूरत, संयुक्त राष्ट्र संघ के तौर पर दोबारा उभरी।—प्रका. 17:8.
14. यूहन्ना ने क्यों जंगली जानवर की मूरत को “आठवाँ राजा” कहा?
14 यूहन्ना ने सात सिरवाले जंगली जानवर की मूरत को “आठवाँ राजा” कहा। उसने उसे राजा क्यों कहा? यह मूरत, उस जंगली जानवर के आठवें सिर के तौर पर नहीं उभरी, बल्कि यह सिर्फ उसकी मूरत थी। जंगली जानवर की मूरत के पास जो ताकत है, वह उसे उन राष्ट्रों से मिली है जो इसके सदस्य हैं, खासकर अपने हिमायती ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति से। (प्रका. 17:10, 11) इसीलिए यूहन्ना ने इस मूरत को राजा कहा क्योंकि इसके पास अधिकार है और यह एक ऐसा अनोखा काम करेगी, जिससे एक-के-बाद-एक कई घटनाएँ घटेंगी और पूरा इतिहास बदल जाएगा।
जानवर की मूरत, वेश्या को भस्म कर देगी
15, 16. वेश्या किसे दर्शाती है? और उसे जो समर्थन मिलता था उसका क्या हुआ?
15 यूहन्ना यह भी बताता है कि एक वेश्या, सुर्ख लाल रंग के जंगली जानवर पर बैठी हुई है और उस पर हुक्म चलाती है। यह जंगली जानवर और सात सिरवाले जंगली जानवर की मूरत दोनों एक ही हैं। इस वेश्या को “महानगरी बैबिलोन” कहा गया है। (प्रका. 17:1-6) यह वेश्या सभी झूठे धर्मों को दर्शाती है, जिसका सबसे बड़ा हिस्सा है ईसाईजगत। इस वेश्या ने जंगली जानवर की मूरत का समर्थन किया है और उस पर अपना रौब जमाने की कोशिश की है।
16 महानगरी बैबिलोन के बारे में कहा गया है कि वह पानी पर बैठी है। पानी उन सब लोगों को दर्शाता है जो उसका साथ देते हैं। लेकिन प्रभु के दिन के दौरान, यह पानी तेज़ी से सूखता जाता है। (प्रका. 16:12; 17:15) उदाहरण के लिए, जब जानवर की मूरत पहली बार उभरी तब ईसाईजगत के चर्चों का पश्चिमी देशों पर बहुत दबदबा था। लेकिन आज चर्च और उसके अगुवों ने लोगों की नज़रों में अपना आदर और सम्मान खो दिया है। यही नहीं, बड़ी तादाद में लोगों ने इसका समर्थन करना छोड़ दिया है। पश्चिमी देशों के कुछ विद्वानों का मानना है कि धर्म ही सारी फसाद की जड़ है और कुछ कट्टरपंथी सरेआम कहते हैं कि धर्म को दुनिया से मिटा देना चाहिए।
17. जल्द ही, झूठे धर्म का क्या हश्र होनेवाला है और क्यों?
17 झूठा धर्म यूँ ही धीरे-धीरे खत्म नहीं हो जाएगा। यह वेश्या तब तक लगातार अपना सिक्का जमाए रखेगी और राजाओं को अपने इशारों पर नचाएगी, जब तक कि परमेश्वर अधिकार रखनेवालों के दिल में अपनी सोच नहीं डाल देता। (प्रकाशितवाक्य 17:16, 17 पढ़िए।) जल्द ही, यहोवा दुनिया की राजनैतिक शक्तियों को, जिसे संयुक्त राष्ट्र के तौर पर दर्शाया गया है, उभारेगा कि वे वेश्या यानी झूठे धर्म पर हमला करें। वे उसकी शानो-शौकत को खत्म कर देंगे और उसकी बेशुमार दौलत को तबाह-बरबाद कर देंगे। कुछ दशकों पहले लगता था कि धर्म का ऐसा हश्र नहीं हो सकता। मगर आज, सुर्ख लाल रंग के जानवर पर बैठी यह वेश्या डगमगाती नज़र आ रही है। यह अपनी जगह से धीरे-धीरे फिसलकर नहीं गिरेगी, बल्कि अचानक गिरेगी और उस पर कहर टूट पड़ेगा।—प्रका. 18:7, 8, 15-19.
जंगली जानवरों का नाश हो जाएगा
18. (क) जंगली जानवर को क्या करने के लिए उकसाया जाएगा? और इसका क्या नतीजा होगा? (ख) दानिय्येल 2:44 के मुताबिक परमेश्वर का राज किन राज्यों को खाक में मिला देगा? (पेज 17 पर दिया बक्स देखिए।)
18 झूठे धर्म के नाश के बाद, जंगली जानवर यानी शैतान की खड़ी की हुई राजनैतिक व्यवस्था को उकसाया जाएगा कि वह परमेश्वर के राज पर हमला करे। मगर धरती के राजा स्वर्ग में स्थापित इस राज पर हमला नहीं कर पाएँगे, इसलिए वे इस राज का समर्थन करनेवालों के खिलाफ लड़ेंगे। नतीजा, शैतान और परमेश्वर के बीच आखिरी युद्ध छिड़ जाएगा। (प्रका. 16:13-16; 17:12-14) दानिय्येल इस युद्ध के एक पहलू के बारे में हमें बताता है। (दानिय्येल 2:44 पढ़िए।) आखिरकार प्रकाशितवाक्य 13:1 में बताए जंगली जानवर, उसकी मूरत और दो सींगवाले जंगली जानवर का नाश कर दिया जाएगा।
19. हम किस बात पर पूरा यकीन रख सकते हैं? और अभी क्या करने का समय है?
19 आज हम उस समय में जी रहे हैं, जब जंगली जानवर का सातवाँ सिर यानी ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति पूरी दुनिया पर हुकूमत कर रही है। इस जानवर का नाश होने से पहले उसका कोई नया सिर नहीं उभरेगा। ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति की हुकूमत के दौरान ही झूठे धर्म का सफाया होगा। दानिय्येल और यूहन्ना की भविष्यवाणियों में दी छोटी-से-छोटी बात पूरी होगी। हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि झूठे धर्म का विनाश और हर-मगिदोन की लड़ाई बहुत जल्द होनेवाली है। यहोवा परमेश्वर ने पहले से ही ये बातें हम पर ज़ाहिर की हैं। मगर क्या हम इन भविष्यवाणियों में दी चेतावनियों पर ध्यान देंगे? (2 पत. 1:19) यही समय है कि हम यहोवा की ओर हो जाएँ और उसके राज का समर्थन करें।—प्रका. 14:6, 7.
[फुटनोट]
a बाइबल में अकसर संख्या दस, एक समूह की संपूर्णता दिखाने के लिए इस्तेमाल की गयी है। इसलिए दस सींग का मतलब है, वे सब राज्य जो रोम साम्राज्य में से निकले हैं।
b हालाँकि अठारहवीं सदी से ब्रिटेन साम्राज्य और अमरीका दोनों वजूद में थे, लेकिन यूहन्ना के दर्शन के मुताबिक प्रभु के दिन के शुरू होने पर ही उन्हें विश्व शक्ति के तौर पर प्रकट होना था। दरअसल, प्रकाशितवाक्य में दर्ज़ दर्शन “प्रभु के दिन” में ही पूरे होने थे। (प्रका. 1:10) पहले विश्व युद्ध के दौरान ही, सातवाँ सिर यानी ब्रिटेन और अमरीका विश्व शक्ति के तौर पर मिलकर काम करने लगे।
c दानिय्येल ने दर्शन में पहले ही देख लिया था कि यह राजा युद्ध के दौरान कितनी तबाही मचाएगा। उसने लिखा, “वह अद्भुत [भयानक] रीति से लोगों को नाश करेगा।” (दानि. 8:24) उदाहरण के लिए, अमरीका ने ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति के एक दुश्मन पर दो परमाणु बम गिराकर बड़े पैमाने पर तबाही मचायी।
d किताब रेवलेशन—इट्स ग्रैंड क्लाइमैक्स एट हैंड! का पेज 240, 241 और 253 देखिए।
[पेज 17 पर बक्स]
“उन सब राज्यों” में कौन शामिल हैं?
दानिय्येल 2:44 में दी भविष्यवाणी कहती है कि परमेश्वर का राज “उन सब राज्यों को चूर चूर करेगा, और उनका अन्त कर डालेगा।” यह भविष्यवाणी सिर्फ उन्हीं राज्यों के बारे में बताती है, जो मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों से दर्शाए गए हैं।
तो फिर बाकी राज्यों या इंसानी सरकारों के बारे में क्या? इस बारे में प्रकाशितवाक्य की किताब और ज़्यादा जानकारी देती है। यह बताती है कि ‘सारे जगत के राजा’ “सर्वशक्तिमान परमेश्वर के महान दिन” पर उसके खिलाफ इकट्ठा होंगे। (प्रका. 16:14; 19:19-21) इसलिए हर-मगिदोन की लड़ाई में न सिर्फ मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों से दर्शाए राज्य, बल्कि सभी इंसानी सरकारें नाश की जाएँगी।
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आठ राजाओं का खुलासाप्रहरीदुर्ग—2012 | जून 15
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आठ राजाओं का खुलासा
बाइबल की दानिय्येल और प्रकाशितवाक्य की किताब में दर्ज़ भविष्यवाणियाँ हमें न सिर्फ उन आठ राजाओं यानी इंसानी सरकारों की पहचान कराती हैं बल्कि यह भी बताती हैं कि ये सरकारें किस क्रम में उभरेंगी। लेकिन इन भविष्यवाणियों को हम तभी सही तरह समझ सकते हैं, जब हम बाइबल की सबसे पहली भविष्यवाणी का मतलब समझें।
पूरे इतिहास के दौरान शैतान ने अपने वंश को सैन्य और धार्मिक संगठनों के अलावा, अलग-अलग सरकारों में संगठित किया है। (लूका 4:5, 6) लेकिन इनमें से गिनी-चुनी सरकारों ने ही परमेश्वर के लोगों यानी इसराएल राष्ट्र या अभिषिक्त मसीहियों से बनी मंडली पर अपना दबदबा चलाया है। इसलिए दानिय्येल और यूहन्ना के दर्शनों में सिर्फ आठ ताकतवर शक्तियों का ही ज़िक्र है।
[पेज 12, 13 पर चार्ट/तसवीरें]
(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)
दानिय्येल में दी भविष्यवाणियाँ प्रकाशितवाक्य में दी भविष्यवाणियाँ
1. मिस्र
2. अश्शूर
3. बैबिलोन
4. मादी-फारस
5. यूनान
6. रोम
7. ब्रिटेन और अमरीकाa
8. राष्ट्र संघ और संयुक्त राष्ट्रb
परमेश्वर के लोग
ईसा पूर्व 2000
अब्राहम
1500
इसराएल राष्ट्र
1000
दानिय्येल 500
ईसा पूर्व/ईसवी सन्
यूहन्ना
परमेश्वर का इसराएल 500
1000
1500
सन् 2000
[फुटनोट]
[तसवीरें]
बड़ी मूर्ति (दानि. 2:31-45)
समुद्र में से निकले चार जानवर (दानि. 7:3-8, 17, 25)
मेढ़ा और बकरा (दानि. अध्या. 8)
सात सिरवाला जंगली जानवर (प्रका. 13:1-10, 16-18)
दो सींगवाले जानवर के कहने पर जंगली जानवर की मूरत बनायी जाती है (प्रका. 13:11-15)
[चित्रों का श्रेय]
Photo credits: मिस्र और रोम: Photograph taken by courtesy of the British Museum; मादी-फारस: Musée du Louvre, Paris
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आपने पूछाप्रहरीदुर्ग—2012 | जून 15
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आपने पूछा
ब्रिटेन-अमरीका, बाइबल की भविष्यवाणी में बतायी गयी सातवीं विश्व शक्ति कब बनी?
▪ राजा नबूकदनेस्सर ने सपने में धातु की जो विशाल मूर्ति देखी थी उसके अलग-अलग हिस्से, अलग-अलग विश्व शक्तियों को दर्शाते हैं। लेकिन यह मूर्ति इतिहास की सभी विश्व शक्तियों को नहीं दर्शाती। (दानि. 2:31-45) यह दानिय्येल के ज़माने और उसके बाद की उन पाँच विश्व शक्तियों को ही दर्शाती है जिन्होंने परमेश्वर के लोगों का विरोध किया।
दानिय्येल ने धातु की मूर्ति के बारे में जो बताया, उससे ज़ाहिर होता है कि ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति रोम को हराकर नहीं उभरती बल्कि यह रोम से ही निकलती। दानिय्येल ने देखा कि टाँगों में का लोहा पाँव और उँगलियों तक है। (पाँव और उँगलियों में लोहा मिट्टी से मिला हुआ है।)a इससे पता चलता है कि ब्रिटेन-अमरीकी विश्व शक्ति लोहे की टाँगों, यानी रोम से निकलती। इतिहास इस बात का गवाह है कि यह बात बिलकुल सच निकली। ब्रिटेन, जो कि पहले रोमी साम्राज्य का हिस्सा था, अठारहवीं सदी के खत्म होते-होते एक ताकतवर देश के तौर पर उभरने लगा। बाद में, संयुक्त राज्य अमरीका भी बहुत ताकतवर बन गया। लेकिन, बाइबल की भविष्यवाणी में बतायी गयी सातवीं विश्व शक्ति अब तक सामने नहीं आयी थी। क्यों? क्योंकि ब्रिटेन और अमरीका अब तक किसी अहम तरीके से साथ नहीं जुड़े थे। उनकी साझेदारी प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शुरू हुई।
उस वक्त तक “राज के बेटे” ज़्यादातर अमरीका में ही काम कर रहे थे। इस काम का निर्देशन न्यू यॉर्क राज्य के ब्रुकलिन शहर में स्थित उनके विश्व मुख्यालय से किया जा रहा था। (मत्ती 13:36-43) इसके अलावा, अभिषिक्त वर्ग के लोग उन देशों में भी ज़ोर-शोर से प्रचार कर रहे थे जहाँ ब्रिटेन का राज था। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटेन और अमरीका ने मिलकर अपने दुश्मनों का सामना किया और इससे उनके बीच एक खास रिश्ता बन गया। युद्ध की वजह से जो देश-भक्ति की भावना जागी थी, उस जोश में आकर दोनों देश उन लोगों के खिलाफ भी लड़े जो परमेश्वर की “स्त्री के वंश” का हिस्सा थे। इन्होंने उनके साहित्यों पर रोक लगा दी और प्रचार काम में अगुवाई ले रहे भाइयों को कैद में डाल दिया।—प्रका. 12:17.
इसका मतलब है कि बाइबल में बतायी गयी सातवीं विश्व शक्ति, अठारहवीं सदी के आखिर में सामने नहीं आयी थी क्योंकि तब ब्रिटेन एक ताकतवर देश के तौर पर बस उभर ही रहा था। इसकी बजाय, ब्रिटेन और अमरीका प्रभु के दिन की शुरूआत में ही सातवीं विश्व शक्ति के तौर पर सामने आए।b
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