शासी निकाय का खत
यीशु की मिसाल पर चलते हुए, हम पूरे दिल से परमेश्वर से यह प्रार्थना करते हैं: “तेरा नाम पवित्र माना जाए।” यही नहीं, हम इस प्रार्थना के मुताबिक जीने की दिली तमन्ना भी रखते हैं। हम अपनी यह तमन्ना कैसे ज़ाहिर करते हैं? यहोवा के साक्षी के नाते ज़िंदगी बिताकर। बेशक, सिर्फ यह जानना काफी नहीं कि परमेश्वर का नाम यहोवा है, बल्कि हमें हर मौके का फायदा उठाकर उसके नाम की महिमा भी करनी चाहिए। वाकई, हमारे लिए इससे बड़े सम्मान की बात और क्या हो सकती है कि हम यहोवा के साक्षी कहलाए जाते हैं!—मत्ती 6:9; यशा. 43:10.
भजन 110:3 के मुताबिक, यहोवा के लोग खुशी-खुशी उस काम को पूरा कर रहे हैं जिसे करने की आज्ञा परमेश्वर ने दी है। वह काम है, प्रचार करना। आखिर, सभी उम्र के और अलग-अलग माहौल से आए लोग खुद को प्रचार काम में क्यों लगा रहे हैं? इसकी सबसे खास वजह यह है कि उन्हें परमेश्वर से प्यार है और वे उसकी भक्ति करना चाहते हैं। व्यवस्थाविवरण 6:5, 6 में, हमें यह आज्ञा दी गयी है कि हम यहोवा से ‘अपने सारे मन, सारे जीव और सारी शक्ति के साथ प्रेम रखें।’ यही प्रेम हमें उकसाता है कि परमेश्वर के राज्य के कामों को आगे बढ़ाने के लिए हम अपना समय, ताकत और साधन लगा दें। और ऐसा करने का एक तरीका है, अपने हालात के मुताबिक, जितना ज़्यादा हो सके उतना हम प्रचार काम में हिस्सा लें।
यहोवा ने पूरी दुनिया में राज्य का सुसमाचार सुनाने की आज्ञा इसलिए दी है, क्योंकि उसे इंसानों से प्यार है। वह नहीं चाहता कि कोई नाश हो, बल्कि यह कि सब लोग पश्चाताप करें और बुराई का रास्ता छोड़कर अपने सिरजनहार के पास लौट आएँ, ताकि वे ज़िंदा बच सकें। (2 पत. 3:9) यहोवा कहता है: “मैं दुष्ट के मरने से कुछ भी प्रसन्न नहीं होता, परन्तु इस से कि दुष्ट अपने मार्ग से फिरकर जीवित रहे।” (यहे. 33:11) जब हम प्रचार काम में हिस्सा लेते हैं, तो हम खुद इस बात का जीता-जागता सबूत बन जाते हैं कि यहोवा, इंसानों से कितना प्यार करता है। बेशक, यह एक वजह है कि क्यों इस अहम काम में हिस्सा लेने से हमें खुशी और संतुष्टि मिलती है।
यहोवा के लिए हमारा गहरा प्यार इस बात से भी ज़ाहिर होता है कि हम परमेश्वर के पवित्र वचन, बाइबल के बारे में कैसा नज़रिया रखते हैं। सचमुच, अगर बाइबल न होती तो हम परमेश्वर को कभी नहीं जान पाते और ना ही उसके करीब आ पाते, जैसा याकूब 4:8 हमें न्यौता देता है। बाइबल के बगैर, हमें यह भी नहीं पता चलता कि हमें क्यों बनाया गया है और हमारा भविष्य कैसा होगा। यहाँ तक कि हम इस बात से बेखबर रहते कि हमारी समस्याओं के लिए हमारा पहला पिता, आदम ज़िम्मेदार है। (रोमि. 5:12) और-तो-और, हम परमेश्वर के उस महान प्यार से भी अनजान रहते, जो उसने अपने एकलौते बेटे को हमारी खातिर छुड़ौती के तौर पर देने के ज़रिए दिखाया। यहोवा और भी कई तरीकों से अपना ज्ञान, अपनी बुद्धि और समझ कुछ हद तक हमें दे रहा है। वाकई उसका दिया तोहफा, बाइबल जो आत्मा की प्रेरणा से लिखी गयी थी, हमारे लिए कितनी अनमोल है! इस बेहतरीन तोहफे के लिए हमारी कदरदानी की भावना, हमें उकसाती है कि हम परमेश्वर के वचन को पढ़ने, उसका अध्ययन करने और उस पर मनन करने के लिए ‘समय को मोल लें।’ (इफि. 5:15, 16, NW; भज. 1:1-3) रोज़ बाइबल की पढ़ाई के लिए वक्त देने में हमें ना-नुकुर नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, परमेश्वर के लिए प्यार होने की वजह से हममें उसके वचन के लिए लगाव होना चाहिए और हमें हर दिन खुशी-खुशी बाइबल पढ़नी चाहिए। इस तरह, हम यहोवा को और भी अच्छी तरह समझ पाएँगे और उसके लिए हमारा प्यार भी गहरा होगा।
हमने बाइबल से सीखा है कि जब आदम ने यहोवा के खिलाफ पाप किया, तो उसने अपनी होनेवाली सभी संतानों को, जिनमें आप और हम भी शामिल हैं, ऐसी बुरी हालत में ढकेल दिया जिससे बाहर निकलने की कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन परमेश्वर, इंसानों को उस हालत से बाहर निकालने की काबिलीयत रखता है और उसने ऐसा किया भी है। साथ ही, उसने शुरू में धरती के लिए जो मकसद ठहराया था, उसे अंजाम देने के लिए भी कदम उठाए हैं।—उत्प. 3:15.
इसमें कोई शक नहीं, हममें से हरेक की यह बड़ी ख्वाहिश है कि हम अपने परमेश्वर के गौरवशाली नाम को पवित्र ठहराएँ। हमारे अद्भुत परमेश्वर, यहोवा के बारे में जैसे-जैसे हम अपना ज्ञान बढ़ाते हैं, वैसे-वैसे हम उभारे जाते हैं कि हम उसके नाम और मकसद को जग-ज़ाहिर करने में, उसे और उसके संगठन को सहयोग दें। इससे हमारा यह विश्वास बढ़ता है कि आज, परमेश्वर का अनुग्रह हम पर है और वह हमारी मदद करता है। साथ ही, इस बात पर हमारा यकीन भी पक्का होता है कि आगे चलकर हमें नयी दुनिया में अनंत जीवन मिलेगा।
प्यारे भाइयों और बहनों, हम शासी निकाय के सदस्य आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हम आपसे बहुत प्यार करते हैं। इसके अलावा, हम आपकी इस बात के लिए भी सराहना करना चाहते हैं कि “बड़े क्लेश” के आने में जितना समय बाकी रह गया है, उसमें आप ज़्यादा-से-ज़्यादा लोगों तक सुसमाचार पहुँचाने में कड़ी मेहनत कर रहें हैं। (प्रका. 7:14) ऐसा करके आप उन्हें भी वही मौका दे रहे हैं, जो आपको मिला है। वह है, परमेश्वर और मसीह का ज्ञान लेते रहना, जो इंसान को अनंत जीवन दिला सकता है।—यूह. 17:3.
आपके भाई,
यहोवा के साक्षियों का शासी निकाय