अपनी सेहत सुधारने के लिए कदम उठाइए
दुनिया के ज़्यादातर लोगों को नहीं मालूम कि सही तरह के खाने और रोज़ाना की दूसरी आदतों का हमारी सेहत से कितना गहरा नाता है। राम जिसका ज़िक्र इस श्रृंखला के पहले लेख में किया गया था, वह भी इस बात से अनजान था। वह कहता है: “सजग होइए! में दिए लेख ‘पौष्टिक खाना आपकी पहुँच में’ (8 मई, 2002, अँग्रेज़ी) से मुझे यह समझने में मदद मिली कि क्यों हमें अपने शरीर को मिलनेवाले पोषण पर ध्यान देना चाहिए।”
राम कहता है: “इस लेख में जो कुछ बताया गया था, उसे हमने परिवार के तौर पर लागू करने की कोशिश की। कुछ समय बाद हमने महसूस किया कि बीमारियों से लड़ने की हमारी शारीरिक ताकत बढ़ गयी है। पहले जब हम इस बात पर ध्यान नहीं देते थे कि हमारे शरीर को ठीक से पोषण मिल रहा है या नहीं, तो हमें अकसर सर्दी-ज़ुकाम हो जाता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। सजग होइए! के लेख ‘6 तरीकों से सेहत की देखभाल’ से हमने सीखा कि हम कैसे बिना ज़्यादा पैसे खर्च किए आसानी-से पीने का साफ पानी पा सकते हैं।”—अक्टूबर-दिसंबर 2003.
“अपने परिवार की सेहत बेहतर बनाने में 22 नवंबर, 2003 (अँग्रेज़ी) की सजग होइए! के एक और लेख ने मुझे मदद दी। उस लेख का शीर्षक था ‘साबुन—इस दवा को खुद आज़माइए’। इस लेख को पढ़ने के बाद हमने तुरंत इसमें दिए सुझावों पर अमल करना शुरू कर दिया। अब हमें पहले की तरह बार-बार आँखों का संक्रमण नहीं होता।”
“हम जहाँ रहते हैं, वहाँ लोगों को इस बात की कोई परवाह नहीं कि उनके आस-पास कितने मच्छर-मक्खियाँ भिनभिनाते रहते हैं। लेकिन वीडियो बाइबल—आपके जीवन में इसकी शक्तिa से हमने सीखा कि हमें मच्छरों और कीड़े-मकोड़ों से दूर रहना चाहिए। इस जानकारी से भी हमें अच्छी सेहत बनाए रखने में मदद मिली है।”
हिम्मत मत हारिए! कामयाब होने की उम्मीद तब ज़्यादा होती है, जब आप धीरे-धीरे फेरबदल करते हैं और ऐसे छोटे-छोटे लक्ष्य रखते हैं जिन्हें आप आसानी से हासिल कर सकें। उदाहरण के लिए, जो चीज़ें सेहत के लिए फायदेमंद नहीं हैं, उन्हें एकदम से बंद करने के बजाय धीरे-धीरे कम करना अच्छा होगा। थोड़ा जल्दी सोने और थोड़ी ज़्यादा कसरत करने की कोशिश कीजिए। हाथ-पर-हाथ धरे बैठे रहने से बेहतर कुछ करना होता है। किसी भी अच्छी आदत को हमारे जीवन का भाग बनने में वक्त लगता है, शायद कई हफ्ते या महीने। लेकिन इस दौरान अगर आपको अपनी मेहनत का फौरन कोई नतीजा नहीं मिलता तो निराश मत होइए। मेहनत करते रहिए और आपकी सेहत में ज़रूर सुधार आएगा।
इस असिद्ध दुनिया में कोई भी अच्छी सेहत नहीं पा सकता। जब आप बीमार पड़ते हैं, तो शायद इसकी वजह आपकी लापरवाही नहीं, बल्कि इंसानों को विरासत में मिली कमज़ोरी हो। इसलिए सेहत या किसी और बात की चिंता करके बेवजह की परेशानी या तनाव मोल मत लीजिए। यीशु ने कहा, “तुममें ऐसा कौन है जो चिंता कर पल-भर के लिए भी अपनी ज़िंदगी बढ़ा सके?” (लूका 12:25) चिंता करने के बजाय, बस उन चीज़ों को छोड़ दीजिए जो आपकी सेहत को नुकसान पहुँचाती हैं और आपकी ज़िंदगी के दिन कम कर देती हैं। ऐसा करने से आप फिलहाल जितना हो सके उतनी बेहतरीन सेहत का लुत्फ उठा पाएँगे। और परमेश्वर की नयी दुनिया में तो “कोई निवासी न कहेगा कि मैं रोगी हूं।”—यशायाह 33:24. (g11-E 03)
[फुटनोट]
a इसे यहोवा के साक्षियों ने तैयार किया है।