परमेश्वर की सेवा स्कूल में सीखी बातों पर चर्चा
24 फरवरी, 2014 से शुरू होनेवाले हफ्ते में, परमेश्वर की सेवा स्कूल में नीचे दिए सवालों पर चर्चा होगी।
1. शैतान, हव्वा का ध्यान किस पर लगाने में कामयाब हुआ और मना किया हुआ फल खाकर हव्वा ने क्या दिखाया? (उत्प. 3:6) [6 जन., प्रहरीदुर्ग 11 5/15 पेज 16-17 पैरा. 5]
2. हाबिल किस तरह अपना विश्वास मज़बूत कर पाया और इसका क्या नतीजा हुआ? (उत्प. 4:4, 5; इब्रा. 11:4) [6 जन., प्रहरीदुर्ग 13 1/1 पेज 12 पैरा. 3; पेज 14 पैरा. 4-5]
3. किस बिनाह पर यह फर्क किया गया कि कौन-सा जानवर शुद्ध है और कौन-सा अशुद्ध? (उत्प. 7:2) [13 जन., प्रहरीदुर्ग 04 1/1 पेज 29 पैरा. 7]
4. उत्पत्ति 19:14-17 और 26 में दर्ज़ लूत और उसकी पत्नी की मिसाल से हम क्या सीख सकते हैं? [27 जन., प्रहरीदुर्ग 03 1/1 पेज 16-17 पैरा. 20]
5. परमेश्वर ने अब्राहम से क्यों शपथ खायी कि उसका वादा ज़रूर पूरा होगा? (उत्प. 22:15-18) [3 फर., प्रहरीदुर्ग 12 10/15 पेज 24 पैरा. 7]
6. उत्पत्ति 25:23 में जो भविष्यवाणी दर्ज़ है कि “बड़ा बेटा छोटे के अधीन होगा”, उससे हम कौन-सी अहम सच्चाई सीखते हैं? [10 फर., प्रहरीदुर्ग 03 10/15 पेज 29 पैरा. 2]
7. याकूब ने “एक सीढ़ी” के बारे में जो सपना देखा, उसका क्या मतलब है? (उत्प. 28:12, 13) [10 फर., प्रहरीदुर्ग 04 1/15 पेज 28 पैरा. 5]
8. राहेल ने कुछ दूदाफलों के बदले, अपने पति के साथ संबंध रखने का मौका क्यों हाथ से जाने दिया? (उत्प. 30:14, 15) [17 फर., प्रहरीदुर्ग 04 1/15 पेज 28 पैरा. 6]
9. आशीष पाने में हम कैसे याकूब की तरह मेहनत कर सकते हैं? (उत्प. 32:24-29) [24 फर., प्रहरीदुर्ग 04 1/15 पेज 28 पैरा. 8]
10. दीना जैसे बुरे अंजाम हमें न भुगतने पड़े, इससे बचने का एक तरीका क्या है? (उत्प. 34:1, 2) [24 फर., प्रहरीदुर्ग 01 8/1 पेज 20-21]