मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले “मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले” शीर्षक/प्रकाशक विषय-सूची दो शब्द अध्याय 1 “मेरा चेला बन जा और मेरे पीछे हो ले”—यीशु के कहने का क्या मतलब था? अध्याय 2 “राह, सच्चाई और जीवन” भाग 1 भाग 1 “आ” और मसीह को “देख ले” अध्याय 3 “मैं . . . दिल से दीन हूँ” अध्याय 4 “देख! यह यहूदा के गोत्र का . . . शेर है” अध्याय 5 “बुद्धि . . . का सारा खज़ाना” अध्याय 6 “उसने . . . आज्ञा माननी सीखी” अध्याय 7 धीरज धरने में यीशु की मिसाल पर गौर कीजिए भाग 2 भाग 2 ‘सिखाता और खुशखबरी का प्रचार करता रहा’ अध्याय 8 “मुझे इसीलिए भेजा गया है” अध्याय 9 “जाओ और . . . लोगों को मेरा चेला बनना सिखाओ” अध्याय 10 “यह लिखा है” अध्याय 11 “आज तक किसी भी इंसान ने इस तरह बात नहीं की” अध्याय 12 “वह बगैर मिसाल के उनसे बात नहीं करता था” भाग 3 भाग 3 “मसीह का प्यार हमें मजबूर करता है” अध्याय 13 “मैं पिता से प्यार करता हूँ” अध्याय 14 “भारी तादाद में लोग उसके पास आए” अध्याय 15 “उन्हें देखकर तड़प उठा” अध्याय 16 ‘यीशु उनसे आखिर तक प्यार करता रहा’ अध्याय 17 “इससे बढ़कर प्यार कोई क्या करेगा” अध्याय 18 “मेरे पीछे चलना जारी रख” पीछे का कवर