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  • नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 22

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 21

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/1/1990, पेज 25-26

प्रेषितों 2:3

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 21

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/1/1990, पेज 25-26

प्रेषितों 2:5

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  • खोजबीन गाइड

    यशायाह की भविष्यवाणी-II, पेज 408

प्रेषितों 2:6

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 21, 24

प्रेषितों 2:9

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:9 मसीही यूनानी शास्त्र में उस रोमी प्रांत को ‘एशिया ज़िला’ कहा गया है, जो एशिया माइनर के पश्‍चिमी हिस्से में था। इसका मतलब आज का एशिया महाद्वीप नहीं है।

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 25-26

    ‘उत्तम देश’, पेज 32

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:10

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 25, 26-27

    ‘उत्तम देश’, पेज 32

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:11

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  • खोजबीन गाइड

    ‘उत्तम देश’, पेज 32

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/1989, पेज 7-8

प्रेषितों 2:15

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:15 मत्ती 20:3 फुटनोट देखें।

प्रेषितों 2:16

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/1995, पेज 11

प्रेषितों 2:17

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 7

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2020, पेज 5-7

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 10/2017, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2002, पेज 15

    5/1/1998, पेज 13-14, 18

    5/15/1995, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

    2/1/1989, पेज 26

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 13

प्रेषितों 2:18

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  • खोजबीन गाइड

    सभा पुस्तिका के लिए हवाले, 10/2017, पेज 6

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2002, पेज 15

    5/1/1998, पेज 13-14

    5/15/1995, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:19

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/15/1997, पेज 16-17

प्रेषितों 2:20

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-14

    12/15/1997, पेज 16-17

प्रेषितों 2:21

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/1998, पेज 13-19

    12/15/1997, पेज 16-17

    “सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र” (यिर्म-मला), पेज 13

प्रेषितों 2:22

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  • खोजबीन गाइड

    खुशी से जीएँ हमेशा के लिए!, पाठ 16

प्रेषितों 2:23

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  • खोजबीन गाइड

    सजग होइए! ब्रोशर,

    पेज 28

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:24

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    4/1/1987, पेज 26

प्रेषितों 2:26

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:26 शाब्दिक, “मेरा शरीर आशा में वास करेगा।”

प्रेषितों 2:27

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:27 यूनानी में “हेडिज़।” अतिरिक्‍त लेख 8 देखें।

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    5/1/2005, पेज 14-15

    5/15/1995, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:29

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    9/15/1996, पेज 9

प्रेषितों 2:30

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:30 या, “उसकी जाँघों का फल।”

प्रेषितों 2:31

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:31 या, “अभिषिक्‍त जन, मसीहा।” मत्ती 1:1 फुटनोट देखें।

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    12/2017, पेज 10

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2011, पेज 16

    1/1/2009, पेज 9

    महान शिक्षक, पेज 202-203

    सर्वदा जीवित रहिए, पेज 82-83

प्रेषितों 2:33

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:33 यूनानी नफ्मा। अतिरिक्‍त लेख 7 देखें।

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    1/2020, पेज 30

    प्रहरीदुर्ग,

    8/15/2010, पेज 15-16

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:35

फुटनोट

  • *

    प्रेषि 2:35 शाब्दिक, “चौकी न बना दूँ।”

प्रेषितों 2:36

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 25

प्रेषितों 2:38

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 26-27

    प्रहरीदुर्ग,

    3/15/2013, पेज 18

    5/15/2003, पेज 30-31

    4/1/2002, पेज 11

    12/1/1990, पेज 26

प्रेषितों 2:40

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग,

    6/1/1997, पेज 28

प्रेषितों 2:41

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 26-27

    प्रहरीदुर्ग,

    8/1/2002, पेज 15-16

प्रेषितों 2:42

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  • खोजबीन गाइड

    प्रहरीदुर्ग (अध्ययन),

    4/2016, पेज 21-22

    प्रहरीदुर्ग,

    7/15/2013, पेज 16-17

    9/1/1987, पेज 28

प्रेषितों 2:44

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग,

    12/1/1990, पेज 27

    9/1/1987, पेज 28

प्रेषितों 2:45

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  • खोजबीन गाइड

    गवाही दो, पेज 27

    प्रहरीदुर्ग,

    5/15/2008, पेज 30

    12/1/1990, पेज 27

दूसरें अनुवाद

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नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र
प्रेषितों 2:1-47

प्रेषितों

2 पिन्तेकुस्त के त्योहार के दिन, जब वे सब एक ही घर में इकट्ठा थे, 2 तभी अचानक आकाश से साँय-साँय करती तेज़ आँधी जैसी आवाज़ हुई और इससे सारा घर जिसमें वे बैठे थे, गूँज उठा। 3 और उन्हें आग की लपटें दिखायी दीं जो जीभ जैसी थीं और ये अलग-अलग बँट गयीं और उनमें से हरेक के ऊपर एक-एक जा ठहरी। 4 तब वे सभी पवित्र शक्‍ति से भर गए और जैसा पवित्र शक्‍ति उन्हें बोलने के काबिल कर रही थी, वे अलग-अलग भाषाएँ बोलने लगे।

5 उस वक्‍त, दुनिया के हर देश से आए यहूदी भक्‍त यरूशलेम में थे। 6 इसलिए जब यह आवाज़ सुनायी दी, तो भीड़-की-भीड़ इकट्ठी हो गयी और वे सब हैरान थे, क्योंकि हर किसी को चेलों के मुँह से अपनी ही भाषा सुनायी दे रही थी। 7 लोग सचमुच बड़े ताज्जुब में थे और वे कहने लगे: “कमाल हो गया! ये जो बोल रहे हैं, क्या ये सब गलीली नहीं? 8 फिर कैसे हम में से हरेक को अपनी ही मातृ-भाषा सुनायी दे रही है, जिसे हम जन्म से सुनते आए हैं? 9 हम तो पारथी और मादी और एलामी हैं, और मेसोपोटामिया, यहूदिया और कप्पदूकिया, पुन्तुस और एशिया* ज़िले के रहनेवाले हैं, 10 और फ्रूगिया, पमफूलिया और मिस्र से और लिबिया के हिस्सों से हैं जो कुरेने की तरफ है, और रोम से आए मुसाफिर हैं। हम सब यहूदी और यहूदी धर्म अपनानेवालों में से हैं। 11 साथ ही हम में क्रेती और अरबी लोग भी हैं। फिर भी हम सब इन लोगों को हमारी अपनी भाषा में परमेश्‍वर के शानदार कामों का बखान करते हुए सुन रहे हैं।” 12 वाकई, सब लोग चकित थे और बड़ी उलझन में एक-दूसरे से कहने लगे: “यह जो हो रहा है, इसका क्या मतलब है?” 13 मगर कुछ और लोग चेलों की खिल्ली उड़ाने लगे और कहने लगे: “ये तो नयी दाख-मदिरा के नशे में हैं।”

14 तब पतरस उन ग्यारहों के साथ खड़ा हुआ और वहाँ मौजूद लोगों से बुलंद आवाज़ में यह कहने लगा: “हे यहूदिया के लोगो और यरूशलेम के सब रहनेवालो, तुम कान लगाकर मेरी बात सुनो और समझ लो। 15 जैसा तुम सोच रहे हो, ये लोग नशे में नहीं हैं, क्योंकि अभी सुबह का तीसरा घंटा* ही हुआ है। 16 इसके बजाय, यह वही हो रहा है जिसकी भविष्यवाणी योएल भविष्यवक्‍ता ने की थी: 17 ‘परमेश्‍वर कहता है, “आखिरी दिनों में मैं हर तरह के इंसान पर अपनी पवित्र शक्‍ति उंडेलूँगा, और तुम्हारे बेटे और तुम्हारी बेटियाँ भविष्यवाणी करेंगे, तुम्हारे जवान दर्शन देखेंगे और तुम्हारे बुज़ुर्ग खास तरह के सपने देखेंगे; 18 यहाँ तक कि उन दिनों मैं अपने दासों और अपनी दासियों पर भी अपनी पवित्र शक्‍ति उंडेलूँगा और वे भविष्यवाणी करेंगे। 19 और मैं ऊपर आकाश में आश्‍चर्य के काम और नीचे धरती पर चमत्कार दिखाऊँगा: खून और आग और धूँए का बादल। 20 यहोवा के महान और महिमा से भरे दिन के आने से पहले सूरज अंधियारा हो जाएगा और चाँद खून जैसा लाल हो जाएगा। 21 और जो कोई यहोवा का नाम पुकारेगा, वह उद्धार पाएगा।”’

22 हे इस्राएलियो, मेरी यह बात सुनो: यीशु नासरी वह इंसान था जो परमेश्‍वर का भेजा हुआ था। परमेश्‍वर ने यह ज़ाहिर करने के लिए उसके ज़रिए तुम्हारे बीच बड़े-बड़े शक्‍तिशाली और आश्‍चर्य के काम और चमत्कार किए, जैसा कि तुम खुद भी जानते हो। 23 इस आदमी को, परमेश्‍वर की तय मरज़ी और भविष्य के ज्ञान के मुताबिक तुम्हारे हवाले किया गया। उसे तुमने दुष्टों के हाथों सौंपा और सूली पर चढ़ाकर मार डाला। 24 मगर परमेश्‍वर ने उसे ज़िंदा कर मौत के बंधनों से आज़ाद किया, क्योंकि यह नामुमकिन था कि वह मौत के बंधनों में इसी तरह जकड़ा रहे। 25 इसलिए कि दाविद ने उसके बारे में यूँ भविष्यवाणी की, ‘यहोवा हर पल मेरी आँखों के सामने था, क्योंकि वह मेरी दायीं तरफ है, मैं कभी न डगमगाऊँगा। 26 इस वजह से मेरा दिल खुशी से भर गया और मेरी जीभ बड़े हर्ष से बोल उठी। यहाँ तक कि मैं आशा में रहूँगा।* 27 क्योंकि तू मुझे कब्र* में न छोड़ेगा, न ही तू अपने वफादार जन को सड़ने देगा। 28 तू ने जीवन का मार्ग मुझे बताया है, तेरी मेहरबानी की नज़र मुझे खुशी से भर देगी।’

29 इसलिए भाइयो, मैं कुलपिता दाविद के बारे में बेझिझक तुमसे यह कह सकता हूँ कि वह मरा भी और उसे दफनाया भी गया और उसकी कब्र आज के दिन तक हमारे बीच मौजूद है। 30 लेकिन वह एक भविष्यवक्‍ता था और जानता था कि परमेश्‍वर ने शपथ खाकर उससे वादा किया है कि वह उसकी संतानों* में से एक को उसकी गद्दी पर बिठाएगा, 31 इसलिए उसने होनेवाली बातों को पहले से देखकर मसीह* के जी उठने के बारे में बताया कि उसे न तो कब्र में छोड़ा जाएगा, न ही उसके शरीर को सड़ने दिया जाएगा। 32 इसी यीशु को परमेश्‍वर ने जी उठाया है जिस सच्चाई के हम सब गवाह हैं। 33 उसे परमेश्‍वर की दायीं तरफ सबसे ऊँचा पद दिया गया है और वादे के मुताबिक उसने पिता से पवित्र शक्‍ति* पायी है। यही शक्‍ति उसने हम पर उंडेली है और इसी को तुम काम करता हुआ देख और सुन रहे हो। 34 दरअसल दाविद स्वर्ग नहीं गया, मगर वह खुद कहता है, ‘यहोवा ने मेरे प्रभु से कहा: “मेरी दायीं तरफ बैठ, 35 जब तक कि मैं तेरे दुश्‍मनों को तेरे पाँवों के नीचे न कर दूँ।”’* 36 इसलिए इस्राएल का सारा घराना हर हाल में यह जान ले कि परमेश्‍वर ने इसी यीशु को प्रभु और मसीह दोनों ठहराया है, जिसे तुमने सूली पर चढ़ाकर मार डाला।”

37 जब उन्होंने यह सुना तो उनका दिल उन्हें बेहद कचोटने लगा, और उन्होंने पतरस और बाकी प्रेषितों से कहा: “भाइयो, अब हम क्या करें?” 38 पतरस ने उनसे कहा: “पश्‍चाताप करो, और तुममें से हरेक अपने पापों की माफी के लिए यीशु मसीह के नाम से बपतिस्मा ले और तब तुम पवित्र शक्‍ति का मुफ्त वरदान पाओगे। 39 क्योंकि यह वादा तुम्हारे और तुम्हारे बच्चों के लिए और दूर-दूर के उन तमाम लोगों के लिए है जिनको हमारा परमेश्‍वर यहोवा अपने पास बुलाएगा।” 40 और उसने कई और बातें कहते हुए अच्छी तरह गवाही दी और उन्हें उकसाता रहा: “इस टेढ़ी पीढ़ी से बचकर उद्धार पाओ।” 41 इसलिए जितनों ने पूरे दिल से उसके वचन को माना, उन सभी ने बपतिस्मा लिया और उस दिन करीब तीन हज़ार लोग, चेलों में शामिल हो गए। 42 और वे सब एक मन से प्रेषितों से शिक्षा पाने में लगे रहे और उनका जो कुछ था वे उसे आपस में बाँटा करते, साथ-साथ खाना खाते और प्रार्थना में लगे रहते थे।

43 हर इंसान पर भय छाने लगा और प्रेषितों के ज़रिए बहुत-से आश्‍चर्य के काम और चमत्कार होने लगे। 44 जितने विश्‍वासी बने, उनके पास जो कुछ था उसमें सभी का साझा हुआ करता था। 45 वे अपना सामान और अपनी जायदाद बेच देते थे और मिलनेवाली रकम को सबमें, यानी जैसी जिसकी ज़रूरत होती थी, बाँट देते थे। 46 और वे हर दिन एक मन से मंदिर में हाज़िर रहते और एक-दूसरे के घरों में जाकर खाना खाते और बड़े आनंद और मन की सीधाई से साथ-साथ भोजन करते थे। 47 और वे परमेश्‍वर का गुणगान करते थे और सब लोगों में उनका अच्छा नाम था। यहोवा हर दिन और भी ज़्यादा लोगों को उनमें शामिल करता रहा, जिन्हें वह उद्धार दिला रहा था।

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